कैबिनेट की बड़ी घोषणा, साल 2027 में होगी देश की पहली डिजिटल जनगणना; जानें कब-कब होगा पहला-दूसरा चरण
केंद्र सरकार ने बुधवार को देश की प्रशासनिक और आर्थिक दिशा को प्रभावित करने वाले तीन बड़े फैसलों का ऐलान किया. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन महत्वपूर्ण निर्णयों में सबसे अहम 2027 में होने वाली देश की पहली डिजिटल जनगणना है, जिसके लिए केंद्र ने 11,718 करोड़ रुपये के विशाल बजट को मंजूरी दी है.
केंद्र सरकार ने बुधवार को देश की प्रशासनिक और आर्थिक दिशा को प्रभावित करने वाले तीन बड़े फैसलों का ऐलान किया. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन महत्वपूर्ण निर्णयों में सबसे अहम 2027 में होने वाली देश की पहली डिजिटल जनगणना है, जिसके लिए केंद्र ने 11,718 करोड़ रुपये के विशाल बजट को मंजूरी दी है. इससे देश की जनसांख्यिकी, सामाजिक व आर्थिक स्थिति का आधुनिक और अधिक सटीक आकलन संभव होगा.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
सरकार ने घोषणा की कि आगामी जनगणना में जाति आधारित डेटा भी शामिल किया जाएगा, जिसे लेकर लंबे समय से विभिन्न राज्यों और संगठनों की मांग थी. साथ ही कैबिनेट ने कोल सेतु योजना को भी हरी झंडी दे दी है, जिससे व्यापारियों से लेकर आम उपयोगकर्ताओं तक को कोयले की आपूर्ति और इसके उपयोग में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी.
पहली बार पूरी तरह डिजिटल, दो चरणों में पूरा होगा अभियान
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जनगणना 2027 पूरी तरह डिजिटल स्वरूप में की जाएगी. उन्होंने कहा “देश डिजिटल जनगणना की ओर बढ़ रहा है। यह भारत की प्रशासनिक प्रणाली में एक ऐतिहासिक बदलाव होगा.”
दो चरणों में होगी जनगणना
पहला चरण: अप्रैल 2026-सितंबर 2026
दूसरा चरण: फरवरी 2027
बर्फबारी वाले क्षेत्र: दूसरा चरण सितंबर २०२६
जनगणना क्यों है महत्वपूर्ण?
जनगणना सिर्फ जनसंख्या की गणना नहीं है, बल्कि यह उम्र, धर्म, भाषा, शिक्षा, रोजगार, आवास, दिव्यांगता और जीवन स्तर से जुड़े बेहद महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध कराती है.
इन्हीं आंकड़ों पर संसदीय व विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं का निर्धारण (Delimitation), आरक्षण का कानूनी आधार, सरकारी योजनाओं का डिजाइन और बजट और सामाजिक-आर्थिक शोध व नीतिगत निर्णय आधारित होता है.





