ऑपरेशन सिंदूर के बाद रूस का साथ! भारत बोला- 'आतंकवाद खत्म होगा, चाहे कुछ भी हो'
Moscow News: रूस में भारतीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत की मुहिम को लेकर अहम चर्चा की. इस दौरान रूस ने भारत का समर्थन किया. प्रतिनिधिमंडल ने कहा, हम स्वाभाविक रूप से यह समझना चाहते हैं कि मुश्किल समय में रूस हमारे साथ है.

Moscow News: पहलगाम आतंकी हमले के बदले भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया गया. इस दौरान पाकिस्तान का असली चेहरा भी दुनिया के सामने आ गया. अब शनिवार (24 मई) को रूस की राजधानी मास्को भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के सभी रूपों और इससे निपटने के तरीकों को रखा.
मास्को में शनिवार को भारतीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत की मुहिम को लेकर रूस के नेताओं से व्यापक चर्चा की. कनिमोझी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान द्वारा परमाणु धमकी अस्वीकार्य है और भारत पाकिस्तान की सैन्य बढ़ोतरी का दृढ़ता से जवाब देगा.
रूस ने किया भारत का समर्थन
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) की सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने किया. इस मीटिंग के दौरान रूसी सांसदों ने भारत के आतंकवाद के खिलाफ 'निर्दय संघर्ष' में मजबूत समर्थन किया. रूस ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग अभियान चलाने की बात कही, जिससे इसका अंत किया जा सके.
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, हम स्वाभाविक रूप से यह समझना चाहते हैं कि मुश्किल समय में रूस हमारे साथ है. यह बेहतर है कि लोग पाकिस्तान से राज्य आतंकवाद से हमारी परेशानी के बारे में जानें.
मीडिया से की बात
सांसद कनिमोझी ने मीडिया को बताया कि पाकिस्तान आतंकवादियों को बचाने का विकल्प चुनता है, वे आगे बढ़कर झूठा प्रचार करते हैं. हमने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. भारत बहुत स्पष्ट है, जब तक पाकिस्तान हम पर हमला करना जारी रखेगा, हम शांति वार्ता के लिए मेज पर नहीं आएंगे.
भारत-पाकिस्तान विवाद पर दुनिया का रुख
भारत ने पहलगाम हमले के बाद, 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और PoK में स्थित नौ आतंकवादी शिविरों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया गया. इस ऑपरेशन के बाद, पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले किए और सीमावर्ती संघर्ष और ड्रोन हमले हुए. दोनों देशों के बीच 4 दिनों तक युद्ध चला और फिर 10 मई को दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति बनाई, इसके बाद भी पाकिस्तान ने नापाक हरकत की.
इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत के आत्मरक्षात्मक अधिकार का समर्थन किया. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इज़राइल, और अन्य देशों ने पाकिस्तान से आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की. वहीं चीन और संयुक्त राष्ट्र ने क्षेत्रीय तनाव को कम करने के लिए संयम बरतने की अपील की.