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अहमदाबाद AI हादसे पर मीडिया रिपोर्ट 'प्रीमैच्योर', अमेरिकी एजेंसी की सलाह- AAIB की अंतिम रिपोर्ट आने का करें इंतजार

अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया हादसे को लेकर भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सामने आ रही मीडिया ​रिपोर्टों को अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) ने कयासबाजी और प्रीमैच्योर करार दिया है. एनटीएसबी ने कहा कि जब तक ब्रिटेन की (विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो) AAIB की अंतिम रिपोर्ट नहीं जाती तब तक लोग किसी रिपोर्ट पर भरोसा न करें. उससे पहले किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी.

अहमदाबाद AI हादसे पर मीडिया रिपोर्ट प्रीमैच्योर, अमेरिकी एजेंसी की सलाह- AAIB की अंतिम रिपोर्ट आने का करें इंतजार
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( Image Source:  x )

गुजरात के अहमदाबाद एयर इंडिया हादसे के 37 दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) ने बड़ा बयान दिया है. इस हादसे की जांच में सहयोग कर रही अमेरिकी एजेंसी ने कहा है कि इस हादसे को लेकर मीडिया में चल रही रिपोर्टें 'प्रीमैच्योर' और कयासबाजी के सिवाय कुछ नहीं है. मीडिया रिपोर्ट की वजह से भ्रम फैल रहा है. NTSB ने सभी संगठनों और लोगों से अंतिम जांच रिपोर्ट आने तक इंतजार करने की अपीली की है.

मीडिया संस्थान अभी न करें जिम्मेदारी तय

अमेरिकी जेंसी NTSB ने स्पष्ट किया है कि कई मीडिया रिपोर्ट्स जांच की प्रक्रिया से पहले ही निष्कर्ष निकाल रही हैं, जो बेहद गैर-जिम्मेदाराना है. NTSB ने कहा कि अंतिम निष्कर्ष निकालना ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB) के अधिकार क्षेत्र में आता है और जब तक AAIB अपनी अंतिम रिपोर्ट नहीं दे देती, तब तक किसी भी मीडिया आउटलेट को तकनीकी कारण या जिम्मेदारी तय करने से बचना चाहिए.

एनटीएसबी अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "इस तरह की जांच में समय लगता है." उन्होंने हाल की मीडिया रिपोर्टों को "समय से पहले और अटकलें" बताया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह वास्तव में किस बारे में बात कर रही थीं.

एजेंसी ने आगे कहा कि इस प्रकार की 'प्रीमैच्योर' रिपोर्ट्स से आम लोगों के बीच अफवाह फैल सकती है और जांच की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं. इस हादसे को लेकर भारत, अमेरिका और ब्रिटेन की एजेंसियां मिलकर जांच कर रही हैं.

दरअसल, एनटीएसबी की सहायता से भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो के नेतृत्व में जांचकर्ता 12 जून को एयर इंडिया की उड़ान 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों का पता लगाने के लिए सबूतों को इकट्ठा कर रहे हैं, जिसमें 260 लोग मारे गए थे. एयर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैंपबेल विल्सन ने भी जनता से आग्रह किया है कि जाँच जारी रहने तक कोई निष्कर्ष न निकालें.

शुरुआती जांच में सामने आई ये वहज

फिलहाल, एएआईबी द्वारा जारी एक प्रारंभिक रिपोर्ट में पाया गया कि बोइंग कंपनी 787 ड्रीमलाइनर के दो ईंधन नियंत्रण स्विच विमान के उड़ान भरने के तुरंत बाद "कटऑफ" स्थिति में चले गए, जिससे इंजनों का ईंधन खत्म हो गया. हालांकि, लगभग 10 सेकंड बाद इस स्थिति को उलट दिया गया, लेकिन दुर्घटना को टालने के लिए बहुत देर हो चुकी थी.

विमान की कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग से पता चला है कि एक पायलट -जिसकी पहचान ब्लूमबर्ग और अन्य मीडिया संस्थानों ने प्रथम अधिकारी क्लाइव कुंदर के रूप में की है- ने दूसरे पायलट, कैप्टन सुमीत सभरवाल से पूछा कि उन्होंने स्विच क्यों हटाए, जिस पर सभरवाल ने जवाब दिया कि उन्होंने ऐसा नहीं किया?

स्विच कैसे और क्यों बंद हो गए, यही जांचकर्ताओं के लिए जांच के मुख्य बिंदु हैं. अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या यह किसी मानवीय भूल -जानबूझकर या अनजाने में- का परिणाम था या विमान की प्रणालियों की विफलता का.

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