लॉ छात्रा से रेप के बाद वीडियो बनाए, हॉकी स्टिक से मारने की कोशिश और तीन घंटे तक हैवानियत; FIR में क्या-क्या?
कोलकाता के लॉ कॉलेज में एक छात्रा से गैंगरेप की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है. एफआईआर में दर्ज विवरणों में शारीरिक हमले, धमकी, ब्लैकमेल और नग्न वीडियो के जरिए डराने की बात सामने आई है. तीनों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें एक टीएमसी छात्र नेता भी शामिल है. मामला अब सियासी बहस का मुद्दा बन गया है.

कोलकाता के प्रतिष्ठित साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आने के बाद एफआईआर की डिटेल सामने आई है. एफआईआर में जिस तरह घटनाओं का जिक्र है को किसी को भी भीतर से झकझोर देगा. घटना की भयावहता न केवल कॉलेज परिसर की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि सत्ता संरक्षित छात्र राजनीति के साए में पलती हिंसा की भी पोल खोलती है.
पुलिस ने एफआईआर दर्ज होने के बाद कॉलेज के एक कर्मचारी मोनोजीत मिश्रा (31) और दो छात्र जैब अहमद (19) व प्रमित मुखर्जी (20) को गिरफ्तार किया. मेडिकल जांच में छात्रा के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई, जिसमें जबरन शारीरिक संबंध, काटने और खरोंच के निशान मिले. घटना कस्बा क्षेत्र के लॉ कॉलेज में 26 जून की शाम को घटी, जब छात्रा को यूनियन रूम के पास रुकने को कहा गया और यहीं से भयावह वारदात की शुरुआत हुई.
शादी के झांसे से शुरू हुई हैवानियत
एफआईआर के अनुसार, मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा ने छात्रा को यूनियन रूम के बाहर बुलाकर कहा कि वह उससे प्यार करता है और शादी करना चाहता है. छात्रा ने बताया कि उस समय माहौल सामान्य लग रहा था, लेकिन यह प्रस्ताव देने के तुरंत बाद मिश्रा ने अपने दो साथियों को कमरे से बाहर निकालने और दरवाजा बंद करने का आदेश दिया, ताकि लड़की को अकेले में गलत किया जा सके.
वॉशरूम के पास जबरन घसीटा गया
एफआईआर में पीड़िता ने बताया कि उसे जबरन वॉशरूम के पास ले जाकर आरोपी ने बलात्कार का प्रयास किया. उसने रोते हुए कहा, "मैंने उनके पैर छुए, लेकिन उन्होंने मुझे नहीं छोड़ा." मिश्रा ने अपने साथियों को आदेश दिया कि वे लड़की को गार्ड रूम में ले जाएं और गार्ड को बाहर बैठा दें. आदेश का पालन हुआ और छात्रा को कमरे में बंद कर दिया गया.
धमकी, ब्लैकमेल और वीडियो का जाल
एफआईआर में बताया गया कि मुख्य आरोपी ने बलात्कार के दौरान छात्रा का वीडियो बनाया और फिर उसे दिखाकर धमकाया. लड़की के मुताबिक, "उसने मुझे दो वीडियो दिखाए, जिसमें मैं नग्न अवस्था में थी. उसने धमकी दी कि अगर मैंने उसके बुलावे पर कभी आने से मना किया, तो वह यह वीडियो सबको दिखा देगा." इसके अलावा उसे बार-बार हत्या और माता-पिता की गिरफ्तारी की धमकी दी गई.
हॉकी स्टिक से मारने की कोशिश
पीड़िता ने बताया कि उसे हॉकी स्टिक से मारने की धमकी दी गई और करीब तीन घंटे तक गार्ड रूम में बंधक बनाकर रखा गया. इस दौरान तीनों आरोपियों ने उसके साथ मारपीट और यौन हिंसा की. रात 10:05 बजे वह जैसे-तैसे वहां से बाहर निकली और घर जाकर अपने माता-पिता को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी.
पुलिस ने कब्जे में लिए मोबाइल
पुलिस ने तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. प्राथमिक जांच में यही सामने आया है कि हमले की योजना पहले से बनाई गई थी और इसमें कॉलेज परिसर का दुरुपयोग किया गया. हमला ग्राउंड फ्लोर स्थित गार्ड रूम में हुआ, जो अक्सर खाली रहता है.
बैकफुट पर टीएमसी
आरोपी मोनोजीत मिश्रा का संबंध तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई टीएमसीपी से रहा है और सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें कई टीएमसी नेताओं के साथ सामने आई हैं. भाजपा ने इस घटना को टीएमसी संरक्षित छात्र अराजकता बताया है. वहीं, टीएमसी प्रवक्ताओं ने हमले की निंदा करते हुए आरोपी से पल्ला झाड़ा है. लेकिन सवाल अब भी कायम है कि क्या कॉलेज राजनीति की आड़ में अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है?