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मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि, वीडियो बनाकर पीड़िता को धमकाया... कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप केस में अब तक क्या-क्या हुआ?

कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले में मेडिकल रिपोर्ट ने जबरन यौन संबंध, काटने के निशान और नाखूनों की खरोंच की पुष्टि की है. पीड़िता ने आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी ने वारदात का वीडियो बनाकर धमकाया. तीनों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और उनके मोबाइल की फोरेंसिक जांच जारी है. घटना के बाद राज्य में महिला सुरक्षा और ‘अपराजिता विधेयक’ की मांग को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है.

मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि, वीडियो बनाकर पीड़िता को धमकाया...  कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप केस में अब तक क्या-क्या हुआ?
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Kolkata Law college Gangrape case : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है. मामले में अब मेडिकल रिपोर्ट सामने आ गई है, जिसमें जबरन यौन संबंध (forceful penetration), शरीर पर काटने के निशान (bite marks) और नाखूनों से खरोंच के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं. इस रिपोर्ट ने पीड़िता की शिकायत को मेडिकल रूप से भी पुष्ट कर दिया है.

मुख्य अभियोजक सौरिन घोषाल ने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि गैंगरेप के मामले में समूह में जुड़े सभी सदस्यों को उत्तरदायी माना जाएगा, भले ही सभी ने सीधे यौन कार्य को अंजाम न दिया हो. इस मामले में तीनों आरोपी, एक ने फिजिकली यौन हिंसा की, जबकि दो ने उनका साथ दिया, इसलिए सभी को ‘गैंगरेप’ का दोषी माना जाएगा.

क्या है पूरा मामला?

घटना 25 जून की शाम लगभग 7:30 बजे की है, जब पीड़िता को एक पूर्व छात्र और वकील मनोजीत मिश्रा ने कॉलेज परिसर में बुलाया और जबरदस्ती एक कमरे में ले जाकर बलात्कार किया. वहीं बाहर कॉलेज के ही दो अन्य छात्र, ज़ैब अहमद और प्रमित मुखर्जी, दरवाजे पर पहरा दे रहे थे. पीड़िता के अनुसार, इस वारदात का वीडियो भी बनाया गया और धमकी दी गई कि अगर उसने किसी को बताया तो वीडियो वायरल कर दिया जाएगा.

मेडिकल रिपोर्ट में क्या मिला?

जांच में शामिल चिकित्सकों की टीम ने साफ तौर पर कहा है कि पीड़िता के शरीर पर कई गंभीर चोटों के निशान हैं, जो बलपूर्वक यौन संबंध और प्रतिरोध की ओर इशारा करते हैं. काटने के निशान, नाखून से खरोंच और सूजन की पुष्टि डॉक्टरों ने की है. इसके अलावा, "forceful penetration" की पुष्टि से आरोप और भी मजबूत हो गए हैं.

तीनों आरोपी गिरफ्तार

26 जून को पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए महज 12 घंटे में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों से मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं, जिनकी फोरेंसिक जांच की जा रही है. जांच का मुख्य उद्देश्य है- क्या यौन हिंसा का वीडियो बनाया गया और उसे कहीं शेयर किया गया या नहीं.

पीड़िता को दी गई धमकी

पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि आरोपियों ने उसे चुप रहने की धमकी दी थी और वीडियो वायरल करने की बात कही थी. इससे मामला साइबर क्राइम की श्रेणी में भी आता है, और पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है.

राजनीतिक बयानबाज़ी और आरोप

इस शर्मनाक घटना के बाद बंगाल की राजनीति गरमा गई है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) की छात्र इकाई TMCP से जुड़ा है. बीजेपी प्रवक्ताओं का कहना है कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति का उदाहरण है और सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है. दूसरी ओर, TMC ने मामले में सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.

'अपराजिता विधेयक' की फिर से मांग

इस घटना के बाद राज्य में ‘अपराजिता विधेयक’ को जल्द लागू करने की मांग फिर से उठने लगी है. यह विधेयक बलात्कार जैसे मामलों में फास्ट ट्रैक सुनवाई और त्वरित सजा का प्रावधान करता है. महिला संगठनों, विपक्ष और कई विधायकों ने इसे जल्द कानून का रूप देने की अपील की है.

"इसमें सरकार की भी बड़ी भूमिका है, तभी ये सब हो रहा है"

कोलकाता के कथित गैंगरेप मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए RG कर मेडिकल कॉलेज की बलात्कार व हत्या पीड़िता के पिता ने तीखी नाराज़गी जताई. उन्होंने कहा, "ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं. मेरी बेटी के साथ जो हुआ, उसके बाद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे थे, विरोध प्रदर्शन हुए थे. बावजूद इसके, घटनाएं रुक नहीं रहीं. कॉलेज के अंदर के लोग ही ऐसे अपराध कर रहे हैं. इसमें सरकार की भी बड़ी भूमिका है, तभी ये सब हो रहा है." उन्होंने आगे कहा, "जो तीनों आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, वे सभी तृणमूल कांग्रेस (TMC) से जुड़े हैं. ऐसे में यह राजनीतिक दल जिम्मेदारी ले कि आगे इस तरह की घटनाएं न हों. साथ ही, दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए."

कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामला न केवल कानून-व्यवस्था की गंभीर स्थिति को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कॉलेज और शिक्षण संस्थान भी अब सुरक्षित नहीं रहे. मेडिकल साक्ष्य और पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला मजबूत होता दिख रहा है. आने वाले दिनों में कोर्ट की प्रक्रिया और पुलिस की जांच पर सभी की नजरें रहेंगी, ताकि पीड़िता को समय पर न्याय मिल सके.

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