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कर्नाटक में फिर गरमाया भगवा शॉल हिजाब का मुद्दा, छात्रों की कॉलेज प्रबंधन को चेतावनी, कहा - 'ड्रेस कोड लागू करो, नहीं तो...'

कर्नाटक में इस बार हिजाब का मुद्दा फिर से जोर पकड़ने लगा है. इसकी शुरुआत CG बेल्लाड गवर्नमेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज से हुई है. कॉलेज के छात्र हिजाब बैन करने की मांग एक महीने कर रहे थे. कॉलेज प्रबंधन की ओर से इस मसले गंभीरता से न लेने पर अब हिंदू छात्र भी भगवा शॉल पहनने की धमकी दी है.

कर्नाटक में फिर गरमाया भगवा शॉल हिजाब का मुद्दा, छात्रों की कॉलेज प्रबंधन को चेतावनी, कहा - ड्रेस कोड लागू करो, नहीं तो...
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( Image Source:  ANI )

कर्नाटक के CG Bellad Government First Grade College हावेरी (Haveri) में 4-5 दिसंबर 2025 को फिर से हिजाब को लेकर विवाद शुरू हो गया है. यह मामला तब गरमा गया जब कुछ मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गईं. इससे नाराज हिंदू छात्रों ने विरोध जताया और कहा कि अगर हिजाब की अनुमति दी गई तो वे भी भगवा शॉल पहनकर आएंगे. यहां तक कि कुछ छात्रों ने भगवा शॉल धारण कर लिए.

ड्रेस कोड लागू करने की मांग

यह मामला CG बेल्लाड गवर्नमेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज की है. हिजाब बैन की एक महीने से चल रही मांग के बाद,50 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने भगवा कपड़े पहने. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक हावेरी जिले के अक्कियालुर में CG बेल्लाड गवर्नमेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज के स्टूडेंट्स गुरुवार को कुछ लड़कियों के कैंपस में हिजाब पहनकर आने के विरोध में भगवा शॉल पहनकर कॉलेज आए. पिछले एक महीने से स्टूडेंट्स प्रिंसिपल से कैंपस में हिजाब बैन करने और तय ड्रेस कोड का पालन सुनिश्चित करने की मांग कर रहे थे.

मोबाइल फोन बैन, स्टूडेंट्स परेशान

जब प्रिंसिपल कथित तौर पर ड्रेस कोड लागू करने में नाकाम रहे, तो 50 से ज्यादा स्टूडेंट्स भगवा शॉल पहनकर क्लास में आए. हिजाब-भगवा शॉल के इस टकराव के बीच कॉलेज ने अब मोबाइल फोन बैन कर दिए हैं.

स्टूडेंट्स ने कहा कि वे कैंपस में मोबाइल चेक से परेशान हैं, जो भगवा शॉल पहने स्टूडेंट्स की फोटो और वीडियो को सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होने और कॉलेज की बदनामी से बचाने के लिए किए जा रहे हैं.

स्टूडेंट्स से बातचीत के बाद उठाए जाएंगे सही कदम

कॉलेज के प्रिंसिपल वीरेश कुम्मूर ने कहा कि हिजाब पहनी हुई स्टूडेंट्स कैंपस में यूनिफॉर्म में हैं. हालांकि, बुधवार को दो स्टूडेंट्स हिजाब पहनकर क्लास में आईं, जिसके बाद दूसरे स्टूडेंट्स ने गुरुवार को शॉल पहन लिए. कोई दिक्कत नहीं है. सभी स्टाफ के साथ मीटिंग हो रही हैं और स्टूडेंट्स के साथ बातचीत के बाद सही कदम उठाए जाएंगे."

क्या है यूनिफॉर्म पॉलिसी?

कर्नाटक में कोर्ट के आदेशों के बाद कई कॉलेजों ने यूनिफॉर्म पॉलिसी लागू की है, जिसका मकसद है कि शिक्षा-संस्थान समान और निष्पक्ष माहौल का निर्माण करना है. कोर्ट ने भी अस्थाई रूप से धार्मिक पोशाक जैसे हिजाब, भगवा शॉल आदि पर पाबंदी लगाई थी. ताकि समुदाय-आधारित पहचान के कारण भेदभाव या टकराव न हो.

साल 2022 में इसी तरह का विवाद शुरू हुआ था. जब कुछ मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया था. तब से राज्य-सरकार और संस्थानों ने यूनिफॉर्म पॉलिसी सख्ती से लागू करने की कोशिश की.

हालांकि, समय-समय पर कुछ छात्राओं ने फिर से हिजाब पहनना शुरू किया, जिससे विवाद फिर से भड़क उठा. इस बार, हिंदू छात्रों द्वारा भगवा शॉल पहनने की धमकी दी है. इसे हिजाब के विरोध के तौर पर देखा जा रहा है. ताकि वे यह दिखा सकें कि नियम सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए.

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