धर्मस्थल में दफन हैं सैकड़ों लाशें! 20 साल की दबी कहानियों की जांच करेगी SIT, कर्नाटक सरकार ने दिए आदेश
कर्नाटक के धर्मस्थल इलाके में कथित रूप से दो दशकों से महिलाओं की गुमशुदगी, हत्या और गुप्त दफन के मामलों को लेकर बवाल मच गया है. एक मेडिकल छात्रा के परिवार और पूर्व सफाईकर्मी की गवाही के बाद राज्य सरकार ने SIT का गठन किया है. शिकायत में सैकड़ों शवों के गुप्त रूप से दफनाने का दावा किया गया है. SIT अब इन गंभीर आरोपों की विस्तृत जांच करेगी और सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी.

Karnataka Dharmasthala Mass Burials Case: कर्नाटक के धर्मस्थल क्षेत्र में कथित 'मास बरीयल' (सामूहिक दफन) और महिलाओं के लापता होने, बलात्कार और हत्या के मामलों की जांच के लिए सिद्धारमैया सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है. यह मामला तब सामने आया, जब एक मेडिकल छात्रा के लापता होने और एक मानव खोपड़ी मिलने की खबरों ने सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में हलचल मचा दी.
धर्मस्थल, दक्षिण कन्नड़ जिले का एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जहां भगवान मंजुनाथ की पूजा होती है, लेकिन अब इसी पवित्र स्थल पर 20 वर्षों से महिलाओं के गायब होने और कथित रूप से सैकड़ों शवों के दफन की बात सामने आने से सनसनी फैल गई है.
सरकार की कार्रवाई
राज्य सरकार द्वारा 19 जुलाई को जारी सरकारी आदेश के अनुसार, SIT का नेतृत्व कर्नाटक पुलिस के आंतरिक सुरक्षा विभाग के डीजीपी प्रणव मोहंती करेंगे. उनके साथ एसीपी (भर्ती) एमएन अनुचेत, डीसीपी सौम्या लता और एसपी जितेंद्र कुमार दायमा शामिल हैं.
SIT को सिर्फ वर्तमान मामले की ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य में इस प्रकरण से जुड़े सभी मामलों की जांच करने का अधिकार दिया गया है. डीजीपी अन्य थानों में दर्ज मामलों को SIT को सौंपेंगे और सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएंगे. SIT नियमित रूप से अपनी रिपोर्ट डीजीपी को सौंपेगी, जो सरकार तक पहुंचाई जाएगी.
कैसे खुला मामला?
यह मामला तब चर्चा में आया जब एक व्यक्ति, जो पहले धर्मस्थल मंदिर में सफाईकर्मी था, ने अदालत में शपथपूर्वक बयान दिया कि उसने वर्षों तक 'धर्मस्थल क्षेत्र में सैकड़ों शवों को दफनाया' है. इस गवाह ने पुलिस को सुरक्षा देने की शर्त पर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देने को कहा है. यह बयान 12 जुलाई को बेल्थांगडी तालुका के प्रधान सिविल जज और जेएमएफसी के समक्ष धारा 183 (पूर्व CrPC की धारा 164) के अंतर्गत रिकॉर्ड किया गया.
महिला आयोग ने लिखा पत्र
कर्नाटक राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन नागालक्ष्मी चौधरी ने सरकार को पत्र लिखकर इस मामले की गंभीरता बताई थी. उन्होंने अदालत में दर्ज गवाह के बयान और मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि यह महिलाओं और छात्राओं के साथ लंबे समय तक चले शोषण, अत्याचार और रहस्यमयी लापता होने का मामला है.
सरकार की सफाई
राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा, "जनता की चिंताओं को देखते हुए सरकार ने SIT का गठन किया है. यदि कोई इसे राजनीतिक रंग देना चाहता है, तो मैं उस पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता."
यह मामला अब केवल एक कानून व्यवस्था का नहीं, बल्कि कर्नाटक में महिला सुरक्षा और धार्मिक प्रतिष्ठानों में हो रहे कथित अत्याचारों के व्यापक प्रश्न को जन्म दे रहा है. SIT की रिपोर्ट आने के बाद ही इन आरोपों की सच्चाई सामने आ सकेगी.