मुस्लिम प्रिंसिपल को हटाने के लिए रची साजिश, श्री राम सेना के लीडर ने पानी की टंकी में मिलाया जहर, अस्पताल में 11 बच्चे
देश में दूसरे धर्म खासतौर पर मुस्लिम समुदाय के लिए नफरत बढ़ती जा रही है. इसका एक उदाहरण कर्नाटक से सामने आया है, जहां मुस्लिम प्रिंसिपल को हटाने के लिए बच्चों की जान जोखिम में डाली गई. दरअसल श्री राम सेना के लीडर ने स्कूल की पानी की टंकी में जहर मिलवाया, जिससे 11 बच्चे बीमार पड़ गए.
कर्नाटक के बेलगावी जिले का एक छोटा सा गांव हुलिकट्टी अचानक चर्चा में आ गया. दो हफ्ते पहले यहां के एक सरकारी कन्नड़ प्राथमिक स्कूल में बच्चों को दिया जाने वाला पानी ज़हर से मिला हुआ पाया गया. इस घटना के बाद 11 बच्चे बीमार पड़ गए और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
स्कूल, जहां मासूम बच्चे शिक्षा पाने आते हैं, अचानक एक ऐसी जगह बन गया जहां जान का खतरा मंडराने लगा. दरअसल यह सब एक साजिश थी, जिसके तहत एक मुस्लिम प्रिंसिपल का ट्रांसफर करवाना था. ऐसा करने से सारा इल्जाम उन पर आ जाता.
श्री राम सेना के लीडर की करतूत
जैसे ही बच्चों की तबीयत बिगड़ी, पुलिस हरकत में आ गई. जांच के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनमें सागर पाटिल, कृष्णा मदार और मगनगौड़ा पाटिल शामिल है. सागर श्री राम सेना की सवादत्ती इकाई का अध्यक्ष है. बेलगावी के पुलिस अधीक्षक भीमाशंकर गुलेड़ ने बताया कि यह कोई सामान्य घटना नहीं थी. आरोपियों का असली निशाना स्कूल के प्रधानाध्यापक थे, जो अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं.
प्रिंसिपल को हटाने की साजिश
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों को लग रहा था कि अगर स्कूल में ज़हर मिलाने की घटना होगी, तो प्रधानाध्यापक पर दोष आएगा और उनका तबादला हो जाएगा. इस साजिश का मास्टरमाइंड सागर पाटिल था. उसने सिर्फ बच्चों की जान जोखिम में नहीं डाली, बल्कि इस काम के लिए अपने साथी कृष्णा मदार को जबरन शामिल किया. पुलिस का कहना है कि पाटिल ने मदार को धमकी दी थी कि अगर वह नहीं मानेगा तो उसकी एक लड़की से रिश्ते की बात सबको बता देगा. ज़हर मुनवल्ली गांव से मंगवाया गया था, और इसे एक छात्र के रिश्तेदार ने पानी की टंकी में मिलाया.
मुख्यमंत्री की सख़्त प्रतिक्रिया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्कूल में ज़हर मिलाने की घटना पर कड़ी नाराज़गी जताई. उन्होंने कहा कि यह एक धार्मिक नफरत और घृणा से भरी खतरनाक साजिश थी.मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा 'इस साजिश से मासूम बच्चों की जान जा सकती थी. यह दिखाता है कि जब नफरत बढ़ती है, तो इंसान कितना बेरहम हो सकता है.' साथ ही, उन्होंने बीजेपी और उनके नेताओं प्रमोद मुतालिक, बीवाई विजयेंद्र, और आर अशोक पर सवाल उठाए और पूछा कि क्या वे इस घिनौनी घटना की जिम्मेदारी लेंगे? सिद्धारमैया ने ऐलान किया कि सरकार अब नफरत भरे भाषणों पर नजर रखने और सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाएगी.साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऐसे मामलों की सूचना पुलिस को दें और नफरत फैलाने वालों का विरोध करें.





