एक-एक मौत का होगा हिसाब, 'Mossad मोमेंट' ही है लास्ट ऑप्शन; आखिर भारत को क्यों आना पड़ेगा इजरायल मोड में?
पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद पूरा देश प्रतिशोध की ज्वाला में दहक उठा है. जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, उससे लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. सबकी जुबान पर बस यही आ रही है कि अब भारत को इजरायल की तरह दुश्मन के घर में घुसकर हमले का बदला लेना होगा, तभी आतंकियों में खौफ पैदा होगा. आइए, आपको इजरायल की खतनाक खुफिया एजेंसी मोसाद के बारे में बताते हैं...

How Israel responds to attacks, Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पठानकोट में घूमने गए पर्यटकों को आतंकियों ने उनका नाम पूछकर मौत के घाट उतार दिया. इससे पूरे देश में आक्रोश का माहौल है. लोग पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. वे कह रहे हैं कि भारत को अब इजरायल मोड में आना चाहिए. जिस तरह से इजरायल अपने दुश्मनों से बदला लेता है, ठीक वैसे ही भारत को भी अब पाकिस्तान से बदला लेना चाहिए.
जब बात आती है राष्ट्रीय सुरक्षा की, तो इज़रायल का नाम दुनिया के सबसे निर्णायक और सख्त एक्शन लेने वाले देशों में गिना जाता है. वो किसी भी हमले का जवाब सिर्फ बयानों से नहीं, सीधे एक्शन से देता है और वो भी बिना देर किए.
इज़रायल का एक्शन मोड क्या है?
- इंटेलिजेंस की धार: इज़रायल की एजेंसी मोसाद दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों में से एक है. वह दुश्मन पर कार्रवाई कर देता है और उसे इसकी भनक तक नहीं लगा पाती. मोसाद ने ऐसे कई ऑपरेशन्स को अंजाम दिए हैं.
- नो वार्निंग- सिर्फ स्ट्राइक: अगर कोई देश या आतंकी संगठन इज़रायल के नागरिकों पर हमला करता है, तो इज़रायल सीधा जवाब देता है- टारगेटेड स्ट्राइक या ऑपरेशन के ज़रिए.. जैसे कि ऑपरेशन एंतेबे या हाल ही में गाजा पर एयरस्ट्राइक्स...
- पॉलिटिकल विल: इजरायल की सरकार देश की सुरक्षा पर पार्टी पॉलिटिक्स नहीं करतीं. दुश्मन को जवाब देने का फैसला तेज़ी से होता है.
- टेक्नोलॉजी और आत्मनिर्भरता: इज़रायल ने खुद का डिफेंस सिस्टम बनाया है, जैसे Iron Dome, जो मिसाइल को हवा में ही नष्ट कर देता है.
दुश्मन के घर में घुसकर हमले का बदला लेता है इजरायल
इजरायल दुश्मन के घर में घुसकर हमले का बदला लेता है. हमास और ईरान के खिलाफ जंग में पूरी दुनिया ने इसे देखा. इजरायल की सेना ने पूरी गाजा पट्टी को बर्बाद कर दिया. उसने हमास की कमर तोड़कर रख दी. इसमें भी रही सही कसर मोसाद ने पेजर ब्लास्ट कर पूरी कर दी.
दुनिया की सबसे घातक खुफिया एजेंसी है मोसाद
इज़रायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को दुनिया की सबसे घातक और तेज़ रिएक्शन देने वाली एजेंसियों में गिना जाता है. जब बात बदले की कार्रवाई (revenge operations) की आती है, तो मोसाद ने कुछ ऐसे ऑपरेशन किए हैं, जो इतिहास में दर्ज हो चुके हैं. आइए आपको 3 प्रमुख ऑपरेशन्स के बारे में बताते हैं...
1- ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड (Munich Massacre का बदला)
साल 1972–1980... 1972 म्यूनिख ओलंपिक में फिलिस्तीनी आतंकी संगठन ब्लैक सेप्टेंबर ने 11 इज़रायली एथलीट्स की हत्या कर दी थी. इज़रायल ने इस हमले का बदला लेने के लिए मोसाद को खुली छूट दी... और फिर शुरू हुआ ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड- एक ऐसा सीक्रेट मिशन, जिसमें मोसाद ने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जाकर एक-एक कर के सभी आतंकियों को ट्रैक करके मार गिराया. सबसे अंत में हमले के मास्टरमाइंड अली हसन सलामेह को लेबनान की राजधानी बेरूत में मार गिराया गया.. यह ऑपरेशन कई साल तक चला. इस पर Munich नाम की हॉलीवुड फिल्म भी बनी.
2- ऑपरेशन एंतेबे (Entebbe Rescue Mission)
साल 1976... फ्रांस का एक प्लेन, जिसमें 100 से ज्यादा इज़रायली नागरिक सवार थे, उसे युगांडा के एंतेबे एयरपोर्ट पर हाईजैक कर लिया गया. जब सारे देश बातचीत में लगे थे, मोसाद और इज़रायली कमांडोज़ ने एक रिस्क लेकर सीधे अफ्रीका के बीचोंबीच जाकर 90 मिनट के ऑपरेशन में सारे बंधकों को छुड़ा लिया. इस मिशन में योनातान नेतन्याहू (इज़रायल के मौजूदा PM बेंजामिन नेतन्याहू के भाई) शहीद हो गए, लेकिन ये ऑपरेशन दुनिया का सबसे साहसी रेस्क्यू मिशन माना जाता है.
3- इमाद मुगनिया का खात्मा (Hezbollah कमांडर)
साल 2008... इमाद मुगनिया, हिज़बुल्लाह का खतरनाक टेरर कमांडर, 1980 और 90 के दशक में कई इज़रायली नागरिकों और सैनिकों की हत्याओं में शामिल था. मोसाद ने CIA के साथ मिलकर एक जटिल ऑपरेशन चलाया और सीरिया के दमिश्क शहर में एक कार बम के जरिए उसे मार गिराया. यह ऑपरेशन इतना सीक्रेट था कि कई साल बाद दुनिया को इसकी डिटेल्स पता चलीं. मोसाद का संदेश साफ होता है, "जो भी इज़रायलियों को नुकसान पहुंचाएगा, वो कभी भी और कहीं भी सुरक्षित नहीं रहेगा."
भारत को क्यों चाहिए इज़रायल वाला रवैया?
- आतंकी हमले (पठानकोट, उरी, पुलवामा...) के बाद भारत ने कई बार स्ट्राइक की, लेकिन हर बार बहस और राजनीति में जवाब धीमा पड़ा.
- भारत को भी चाहिए कि जब हमला हो तो जवाब ज़ोरदार, साफ और तुरंत हो. कोई 'सबूत दिखाओ' या 'संयम रखो' वाला ड्रामा नहीं.
- हमारी एजेंसियां भी मजबूत हैं, सेना विश्वस्तर की है, बस सिस्टम में तेज़ी और एकता की ज़रूरत है.
किसी ने ठीक ही कहा है कि शांति तभी टिकती है, जब दुश्मन को तुम्हारे गुस्से का डर हो. भारत को इज़रायल जैसे निर्णयात्मक, ठोस और आक्रामक सुरक्षा दृष्टिकोण की ज़रूरत है, तभी दुश्मन की हर साज़िश पर पूरी तरह विराम लगेगा.