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India-Pakistan War: ‘Act of War’ के बावजूद भारत ने पाकिस्तान को “Red Line” क्यों नहीं खोली?

22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत जोरदार सैन्य कार्रवाई की, जिससे पाकिस्तानी सैन्य अड्डे तबाह हो गए. 10 मई को भारत ने पहली बार “Act of War” की घोषणा की, जो संकेत है कि अब कोई भी आतंकी हरकत भारत के लिए युद्ध के बराबर मानी जाएगी. इस घोषणा के साथ भारत ने “Red Line” की अवधारणा भी लागू की, पर इसकी सीमा सार्वजनिक नहीं की.

India-Pakistan War: ‘Act of War’ के बावजूद भारत ने पाकिस्तान को “Red Line” क्यों नहीं खोली?
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 26 May 2025 11:35 AM IST

22 अप्रैल 2025 को किराए के आतंकवादियों से पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) घाटी को खून से रंगवाने वाला धूर्त पाकिस्तान, भारत के “ऑपरेशन-सिंदूर” (Operation Sindoor) की झपट तक नहीं झेल पाया. 6 और 7 मई 2025 की रात पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी शिविरों के ऊपर जिस तरह का कहर भारतीय सेनाओं ने ढहाया, उसने पाकिस्तान को रोने तक का मौका नहीं दिया. रही-सही कसर भारत ने 7,8,9 और 10 मई 2025 तक पूरी कर दी. पाकिस्तान के कराची, इस्लामाबाद, लाहौर जैसे बड़े शहरों में मौजूद उसके सैन्य मुख्यालयों को तबाह करके.

अब शनिवार यानी 10 मई 2025 को दोपहर तक पाकिस्तान घुटनों पर आकर रहम की भीख मांगते हुए गिड़गिड़ाने और नाक रगड़ने लगा. तो भारत ने ‘लोहा गरम’ देखकर “Act of War” जैसा बेहद घातक तुरुप का पत्ता पाकिस्तान के ऊपर फेंक कर दुनिया को चौंका दिया. आइए जानते हैं कि आखिर यह एक्ट ऑफ वॉर होता क्या है? और एक्ट ऑफ वॉर के भीतर छिपी बैठी ‘Red Line’ की क्या अहमियत होती है? जिसे भारत ने हाल-फिलहाल दुनिया के सामने नहीं खोला है.

भारत की चाल नहीं समझ पाया पाकिस्‍तान

“Act of War” एवं “Red Line” के अंदर का मर्म जानने के लिए स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (क्राइम इनवेस्टीगेशन) ने शनिवार शाम को, एक्सक्लूसिव बात की भारतीय फौज के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी और मेजर जनरल सुधाकर जी से. वीके चतुर्वेदी ने कहा, “भारत की मार से हलकान होकर हमारे पांवों में आ गिरे पाकिस्तान के लिए “एक्ट ऑफ वॉर” की घोषणा आइंदा और भी ज्यादा भारी पड़ेगी. फिलहाल भारत द्वारा जान बख्श दिए जाने की खुशी ही पाकिस्तानी महसूस कर पा रहा है. इसके पीछे छिपी भारत की कूटनीतिक चाल पाकिस्तान नहीं समझा है. अब तक पाकिस्तान मुंह उठाकर जब चाहता था तब भारत की हदों में आतंकवादी हमले करवाकर खामोश बैठ जाता था. अब भारत में आतंकवादी हमला कराने पर पाकिस्तान के लिए किसी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) जैसी व्यूह रचना भारत नहीं करेगा. अब भारत जवाब में बिना आगाह किए पाकिस्तान पर सीधे वैसे ही हमला बोलेगा, जैसे कि दो देशों के बीच युद्ध की स्थिति में सेनाएं मोर्चा संभालती हैं.

पाकिस्‍तान की एक भी हिमाकत अब उसे...

क्या होता है एक्ट ऑफ वॉर? इस सवाल के जवाब के लिए स्टेट मिरर हिंदी ने शनिवार शाम (10 मई 2025) बात की भारतीय थलसेना के पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी से. उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच एक्ट ऑफ वॉर पहली बार लागू हुआ है. जबकि सीजफायर सुबह लगाये जाने के दो दिन बाद ही पाकिस्तान की ओर से तोड़ दिया जाता है. फिलहाल बात अगर एक्ट ऑफ वॉर की करें, तो अब भारत इसके लिए फ्री हो गया है कि उसे पाकिस्तान को जवाब देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर की जैसी व्यूह रचना नहीं करनी होगी. जब-जब पाकिस्तान भारत विरोधी किसी भी गतिविधि को अंजाम देगा या दिलवाएगा. तब-तब भारत उस घटना को युद्ध मानकर, उसका जवाब देने के लिए स्वतंत्र होगा.”

...तो नहीं लागू हुआ होता सीजफायर

शनिवार शाम के वक्त ग्रीस हवाई अड्डे से एथेंस जाने के रास्ते में स्टेट मिरर से बात करते हुए रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी ने कहा, “अपनी 40 साल की भारतीय फौज की नौकरी में मैंने देखा है कि भारत ने एक्ट ऑफ वॉर के जंजाल में पाकिस्तान को फंसा लिया है. वरना अब तक धूर्त पाकिस्तान ही गड़बड़ करता रहता था. इस बार भारत ने एक्ट ऑफ वॉर का दांव खेलकर, पाकिस्तान को अधमरा तो यूं ही घर बैठे कर डाला है. अब पाकिस्तान अगर सीजफायर तोड़ेगा तो सौ बार सोचेगा. क्योंकि भारत एक्ट ऑफ वॉर की घोषणा दुनिया के सामने कर चुका है. वरना अगर भारत ने अभी भी एक्ट ऑफ वॉर की घोषणा नहीं की होती, तो भी शनिवार शाम यानी 10 मई 2025 को सीजफायर भी लागू नहीं हुआ होता.

नहीं बांधनी पड़ेगी ऑपरेशन सिंदूर जैसी भूमिका

एक्ट ऑफ वॉर मतलब अब आइंदा पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने के लिए भारत को ऑपरेशन सिंदूर की भूमिका नहीं बांधनी है. पाकिस्तान की ओर से कोई आतंकवादी घटना भारत में अंजाम दी जाए या फिर, उसकी ओर से सीजफायर का उल्लंघन हो. भारत सीधे उसे अपने ऊपर किया गया युद्ध समझकर, जबरदस्त जवाब पाकिस्तान को देगा. हां, इस एक्ट ऑफ वॉर की घोषणा के वक्त भारत ने एक सबसे काबिलियत वाली कूटनीति चली है. वह यह कि एक्ट ऑफ वॉर के अंदर एक रेड लाइन होती है.

क्‍या होती है एक्ट ऑफ वॉर के अंदर की रेड लाइन?

रेड लाइन मतलब कि, भारत पाकिस्तान की किस हरकत को किस हद तक की हरकत को, एक्ट ऑफ वॉर के पैमाने पर मापेगा? यह रेड लाइन भारत ने नहीं खोली है. अगर रेडलाइन खुल जाती तो फिर यह भी भारत को तत्काल खोलना होता कि, पाकिस्तान की किस हद के बाद भारत उसकी करतूत को एक्ट ऑफ वॉर मान कर, जवाबी हमला युद्ध की मानिंद शुरू कर देगा. यह आइंदा भारत के लिए बहुत फायदे का सौदा साबित होगा. अब अगर पाकिस्तान ने एक भी छोटी आतंकवादी घटना को भारत की हद में अंजाम दिया. या फिर किसी बड़ी आतंकवादी घटना को. या फिर इंटरनेशनल बॉर्डर पर छोटा सीजफायर का उल्‍लंघन किया या बड़ा. सबका जवाब भारत एक्ट ऑफ वॉर मानकर देने के लिए स्वतंत्र है.”

ऑपरेशन सिंदूरस्टेट मिरर स्पेशल
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