अब हर आतंकी हमला ‘युद्ध की कार्रवाई’ माना जाएगा... पाकिस्तान के साथ संघर्ष के बीच भारत का बड़ा फैसला
सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार (GoI) ने अब यह स्पष्ट निर्णय लिया है कि भविष्य में भारत पर होने वाला कोई भी आतंकी हमला केवल एक ‘आतंकी घटना’ नहीं, बल्कि ‘भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई’ (Act of War) मानी जाएगी. इसके अनुसार, भारत की प्रतिक्रिया भी युद्ध जैसे स्तर पर दी जाएगी... जो कि अब तक की रणनीतिक सोच से एक बड़ा बदलाव है.

Terrorism as act of war: भारत सरकार ने एक निर्णायक नीति बदलाव करते हुए साफ कर दिया है कि अब से किसी भी आतंकी हमले को सीधा 'युद्ध की कार्रवाई' (Act of War) माना जाएगा... और उसका जवाब भी उसी स्तर पर सेना और हथियारों के ज़रिए दिया जाएगा. यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान ने IMF से अरबों डॉलर की मदद मिलने के तुरंत बाद भारतीय सीमा में मिसाइल और ड्रोन हमले किए.
यह बयान भारत सरकार के शीर्ष सूत्रों के हवाले से आया है. इसका मतलब है कि अब आतंकी संगठनों के पीछे छिपे देशों को कूटनीतिक चिट्ठियों या सिर्फ विरोध दर्ज कराने के बजाय सीधे सैन्य कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
'सर्जिकल' से 'टेक्टोनिक' शिफ्ट की ओर भारत
सूत्रों के अनुसार, यह नीति पुलवामा (2019), उरी (2016) और हालिया पहलगाम हमले, जिसमें पर्यटकों को निशाना बनाया गया, जैसे घटनाओं के संदर्भ में तैयार की गई है. भारत मानता है कि सीमापार बैठे आकाओं को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर 'शिकायत' करने से ज्यादा ठोस जवाब की ज़रूरत है.
'IMF से फंडिंग, फिर फायरिंग': भारत की दो-टूक चेतावनी
भारत की इस नीति का सीधा संदेश पाकिस्तान जैसे देशों को है, जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से पैकेज लेकर अपनी सेना और आतंकियों को मजबूत करते हैं. हाल में पाकिस्तान को IMF से 1.1 अरब डॉलर की मदद मिली, और उसी दिन उसने भारत की सीमा पर आक्रामक रुख दिखाया. भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बार-बार आगाह किया है कि आर्थिक मदद को जिहाद का हथियार न बनने दिया जाए.
अब सिर्फ कूटनीति नहीं, कार्रवाई भी
इस नई नीति के तहत भारत अब आतंकी हमलों का जवाब,
- केवल सुरक्षा बलों से नहीं, रणनीतिक सैन्य स्ट्राइक से भी देगा.
- सीमा पार आतंकी ठिकानों को टारगेट करना अधिक खुलकर स्वीकारेगा.
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमलों को 'युद्ध की कार्रवाई' बताकर कानूनी और सैन्य वैधता मांगेगा.
- पाकिस्तान जैसे देशों पर आर्थिक और कूटनीतिक दबाव बनाने की मुहिम तेज करेगा.
क्या बदल जाएगा इससे?
डिटरेंस (निरोधक शक्ति) बढ़ेगी- भारत का यह स्टैंड हमलों से पहले सोचने पर मजबूर करेगा. दुनिया को मजबूर करेगा कि वह पाकिस्तान की फंडिंग पर सवाल उठाए. भारत की छवि एक सॉफ्ट पावर से हार्ड रिएक्टर देश की बनेगी
अब 'स्ट्रैटेजिक चुप्पी' नहीं, 'स्ट्रैटेजिक स्टॉर्म'
भारत की नीति में यह बदलाव केवल बयानबाज़ी नहीं, बल्कि एक ठोस रणनीतिक बदलाव है जो बताता है कि भारत अब आतंकवाद को सिर्फ सुरक्षा या कूटनीति का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संप्रभुता पर हमला मानता है. अब जो वार करेगा, वह जवाब में शांति सम्मेलन नहीं, मिसाइलों की बारिश देखेगा.