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माता-पिता की भावनाओं से खिलवाड़! सिकंदराबाद में बच्चे की डिलीवरी के नाम पर सरोगेसी और स्पर्म तस्करी रैकट, जानें मामला

Hyderabad News: हैदारबाद पुलिस ने सिकंदराबाद में चलाए जा रहे सरोगेसी और स्पर्म तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ किया. एक कपल को बच्चे की DNA रिपोर्ट में पता चला कि बच्चा उनके जैविक रूप से जुड़ा नहीं था. यानी ये उनका बच्चा नहीं था. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

माता-पिता की भावनाओं से खिलवाड़! सिकंदराबाद में बच्चे की डिलीवरी के नाम पर सरोगेसी और स्पर्म तस्करी रैकट, जानें मामला
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( Image Source:  canava )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Published on: 28 July 2025 11:18 AM

Hyderabad News: आज के समय में सरोगेसी की मदद से माता-पिता बनना आप बात हो गई है. दुनिया भर में कपल इस ट्रीटमेंट का सहारा ले रहे हैं, जिसमें लाखों रुपये खर्च करके बच्चे का सुख प्राप्त होता है. अब हैदराबाद के सिकंदराबाद शहर में एक अवैध सरोगेसी और स्पर्म तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ किया गया.

पुलिस ने रैकेट चलाने के आरोप में एक डॉक्टर समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरोह यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर, रेजीमेंटल बाजार से संचालित हो रहा था, जिसकी जिम्मेदारी डॉक्टर नम्रता पर थी. पुलिस ने इस सेंटर पर छापा मारकर कई अहम दस्तावेज और सैंपल जब्त किए हैं.

क्या है मामला?

सिकंदराबाद के निवासी कपल, जो कि मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं. उन्होंने गोपालपुरम पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा, उन्होंने सरोगेसी प्रोसेस के लिए पिछले साल इस क्लिनिक को 35 लाख रुपये दिए थे. लेकिन जब बच्चा पैदा हुआ तो डॉक्टर नम्रता ने बच्चे की डीएनए जांच को बार-बार टाल दिया. हमें शक हुआ और उन्होंने दिल्ली में निजी तौर पर DNA टेस्ट करवाया, जिसके नतीजे चौंकाने वाले थे. DNA रिपोर्ट में पता चला कि बच्चा उनके जैविक रूप से जुड़ा नहीं था. यानी ये उनका बच्चा नहीं था. कपल ने जून 2025 में जब डॉक्टर नम्रता से DNA रिपोर्ट को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने इसे मिसमैच बताकर समय मांगा. इसके बाद वो लापता हो गईं.

पुलिस ने मारा क्लीनिक पर छापा

कपल की शिकायत के बाद, पुलिस ने देर रात यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर पर छापा मारा और स्टाफ से घंटों पूछताछ की. इस दौरान कई जरूरी दस्तावेज, स्पर्म सैंपल और अन्य सबूत जब्त किए गए. जांच में यह भी सामने आया कि यह क्लिनिक गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में स्पर्म और एग सेल्स की अवैध तस्करी कर रहा था. यह कार्य एक बिना लाइसेंस वाली संस्था इंडियन स्पर्म टेक के साथ मिलकर किया जा रहा था.

पुलिस ने इंडियन स्पर्म टेक के क्षेत्रीय प्रबंधक पंकज सोनी सहित संपत, श्रीनु, जितेंद्र, शिवा, मणिकंठ और बोरों नामक छह अन्य लोगों को गिरफ्तार किया. यह सभी लोग प्रजनन सैंपल को जुटाने और राज्यों में भेजने के काम में शामिल थे.

पुलिस का बयान

इस मामले पर डीसीपी रश्मि पेरुमल ने बताया कि डॉक्टर नम्रता ने पीड़ित दंपति से सरोगेसी प्रक्रिया के लिए 35 लाख रुपये वसूले थे. उन्होंने एक महिला को हैदराबाद से विशाखापत्तनम फ्लाइट के ज़रिए डिलीवरी के लिए भेजा और दंपति को यकीन दिलाया कि वही बच्चा सरोगेसी के जरिए उनका है.

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि गिरोह गरीब महिलाओं को बहला-फुसलाकर सरोगेट बनाया जा रहा था. इस पूरी प्रक्रिया में कई कानूनी और नैतिक नियमों की अनदेखी की गई. अब पुलिस सहायक प्रजनन तकनीक (Regulation) Act और सरोगेसी कानूनों के उल्लंघन की जांच कर रही है. अधिकारियों को शक है कि इस रैकेट से कई अन्य फर्टिलिटी क्लीनिक और एजेंट भी जुड़े हो सकते हैं.

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