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वाह रे टाटा ग्रुप! 12000 कर्मचारियों को निकालने वाले TCS के चेयरमैन की सैलरी 155 करोड़ रुपये

टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन को FY25 में ₹155.81 करोड़ का वेतन पैकेज मिला, जिसमें ₹140.69 करोड़ कमीशन के रूप में शामिल है. यह पिछले साल से 15% ज्यादा है. वहीं, टाटा ग्रुप की IT कंपनी TCS आने वाले वर्ष में 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना रही है. यह कदम AI और नई तकनीक को अपनाने के तहत उठाया जा रहा है. इस विरोधाभास ने कॉरपोरेट इनइक्वालिटी पर बहस छेड़ दी है.

वाह रे टाटा ग्रुप! 12000 कर्मचारियों को निकालने वाले TCS के चेयरमैन की सैलरी 155 करोड़ रुपये
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( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 28 July 2025 9:30 AM

टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन देश के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले कॉरपोरेट लीडर्स में शामिल हो गए हैं. वित्त वर्ष 2024-25 में उनकी कुल सैलरी ₹155.81 करोड़ रही, जो पिछले साल के मुकाबले 15% ज्यादा है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि इसमें से ₹140.69 करोड़ का हिस्सा सिर्फ मुनाफे पर आधारित कमीशन के रूप में दिया गया है. वहीं दूसरी ओर, ग्रुप की प्रमुख कंपनी TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) आने वाले साल में 12,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी में है.

एन. चंद्रशेखरन की सैलरी में बंपर इजाफा

टाटा सन्स की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन को वित्त वर्ष 2024-25 में ₹155.81 करोड़ का कुल पैकेज मिला. पिछले साल यह राशि ₹135.32 करोड़ थी. इस साल की सैलरी ब्रेकअप में शामिल है:

  • ₹15.12 करोड़ - वेतन व अन्य भत्ते
  • ₹140.69 करोड़ - प्रॉफिट आधारित कमीशन

यह आंकड़े भारत के किसी भी इंडस्ट्रियल चेयरपर्सन के लिए सबसे ज्यादा माने जा रहे हैं.

चंद्रशेखरन का टाटा ग्रुप में सफर

एन. चंद्रशेखरन ने अक्टूबर 2016 में टाटा सन्स के बोर्ड में एंट्री ली और 2017 में चेयरमैन बने. इससे पहले वे टाटा ग्रुप की ही कंपनी TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) के सीईओ और एमडी रह चुके हैं. उनके कार्यकाल में TCS भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी बन गई थी.

TCS में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी

जहां चेयरमैन की सैलरी आसमान छू रही है, वहीं टाटा ग्रुप की IT कंपनी TCS आने वाले वित्त वर्ष 2025-26 में अपने कर्मचारियों में से करीब 2% वर्कफोर्स (12,200 लोग) को नौकरी से निकालने जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम AI टेक्नोलॉजी, नए मार्केट्स, और डिजिटल निवेश के चलते उठाया जा रहा है. कंपनी का कहना है कि वह कुछ कर्मचारियों को पुनः प्रशिक्षण (retraining) और नई जगहों पर तैनाती (redeployment) की प्रक्रिया में भी शामिल कर रही है.

TCS के प्रवक्ता ने कहा, “यह ट्रांजिशन पूरी सावधानी के साथ प्लान किया जा रहा है ताकि क्लाइंट्स को किसी प्रकार की सेवा बाधा न हो.”

HR हेड का बयान

TCS के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर मिलिंद लकड़ ने बताया कि कंपनी की वर्कफोर्स 6,13,069 है. पहली तिमाही में नेट एट्रिशन 5,000+ रहा. “हम सभी जॉब ऑफर्स को पूरा कर रहे हैं और आगे भी करेंगे. लेकिन लेट्रल हायरिंग को अब डिमांड के हिसाब से समायोजित किया जाएगा.”

एक ओर कंपनी के टॉप बॉस को 150+ करोड़ का पैकेज दिया जा रहा है, दूसरी ओर मिड-लेवल और सीनियर मैनेजमेंट के हजारों कर्मचारी नौकरी खोने के कगार पर हैं. यह न सिर्फ कॉरपोरेट इनइक्वालिटी (corporate inequality) का उदाहरण बनता है, बल्कि भारतीय कॉरपोरेट गवर्नेंस पर भी सवाल उठाता है.

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