Begin typing your search...

महाराष्ट्र में भाषाई पहचान से ज्यादा गहरा है हिंदी बनाम मराठी विवाद, कानून हाथ में लेने वालों का क्या करेगी फडणवीस सरकार?

महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी भाषा को लेकर एक बार फिर बहस थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजनीतिक दलों से लेकर समाजिक संगठनों तक ने इस मुद्दे पर महायुति सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. फिलहाल, भाषाई पहचान को लेकर चल रही इस बहस के पीछे राजनीतिक और सांस्कृतिक समीकरण सीएम देवेंद्र फडणवीस के अनुकूल नहीं हैं. हालांकि, बीजेपी नेता इस मसले को शांत करने की मुहिम में जुटे हैं.

महाराष्ट्र में भाषाई पहचान से ज्यादा गहरा है हिंदी बनाम मराठी विवाद, कानून हाथ में लेने वालों का क्या करेगी फडणवीस सरकार?
X

महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से हिंदी और मराठी भाषा विवाद ने पहले से ज्यादा तूल पकड़ लिया है. बताया जा रहा है कि मुंबई में हिंदी भाषियों की बढ़ती आबादी और बॉलीवुड में हिंदी का वर्चस्व मराठी संगठनों को अब असहज करने लगा है. शिवसेना (शिंदे गुट और उद्धव गुट), मनसे जैसी पार्टियां मराठी भाषा की पहचान को लेकर फिर से एक्टिव हो गई हैं. राज ठाकरे की पार्टी तो लंबे समय से 'मराठी पहले' की नीति को लेकर आक्रामक रहे हैं. यही वजह है कि स्थानीय लोग अब हिंसा पर उतारू हैं. हालांकि, देवेंद्र फडणवीस सरका ने कहा है कि कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

कांग्रेस और बीजेपी जैसी राष्ट्रीय पार्टियां इस मामले में संतुलन साधने की कोशिश कर रही हैं. ताकि हिंदी भाषा वोटर भी न नाराज हों. इस बहस की जड़ें सिर्फ भाषा तक सीमित नहीं हैं बल्कि यह पहचान, रोजगार, शिक्षा और सांस्कृतिक प्रभुत्व से भी जुड़ी हुई हैं. ऐसे में यह मुद्दा न सिर्फ भाषाई बल्कि राजनीतिक रूप से भी अत्यंत संवेदनशील बन चुका है.

ये भी पढ़ें :कौन है MNS नेता जावेद शेख का बेटा Rahil Shaikh? जानें बीच सड़क पर इंफ्लुएंसर Jayshree More से क्यों हुआ झगड़ा

भाषा फार्मूला को लेकर पैनल का एलान

दरअसल, इस बार मराठी बनाम हिंदी की शुरुआत राज्य सरकार द्वारा भाषा शिक्षा पर एक प्रमुख नीति को रद्द करने के हालिया कदम से हुई. यह मामला तब और गरमा गया जब देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार को शिवसेना (यूबीटी) जैसी पार्टियों के नेतृत्व में राज्य में 'हिंदी थोपने' के विवाद के बीच तीन-भाषा नीति पर अपने सरकारी प्रस्ताव (जीआर) को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सरकारी आदेश को वापस लेते हुए भाषा सूत्र कार्यान्वयन पर एक पैनल के गठन की घोषणा की. यह तब हुआ जब सरकार द्वारा नियुक्त सलाहकार समिति ने मुख्यमंत्री फडणवीस से प्राथमिक कक्षाओं में भाषा शुरू करने के फैसले को वापस लेने की अपील की.

भाषा सलाहकार समिति मराठी भाषा से संबंधित मामलों पर सरकार को सिफारिशें करती है. समिति ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें मांग की गई कि कक्षा 5 से पहले हिंदी सहित कोई भी तीसरी भाषा नहीं पढ़ाई जाए.

मराठी बनाम हिंदी विवाद क्या है?

महाराष्ट्र में मराठी बनाम हिंदी विवाद तब गरमा गया जब देवेंद्र फडणवीस सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा कि मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को हिंदी तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी. आदेश के अनुसार, 'यदि किसी स्कूल में प्रति कक्षा 20 छात्र कोई अन्य भारतीय भाषा पढ़ना चाहते हैं, तो वे हिंदी नहीं पढ़ सकते हैं. यदि ऐसी मांग उठती है तो या तो शिक्षक नियुक्त किया जाएगा या भाषा ऑनलाइन पढ़ाई जाएगी. यह आदेश विपक्ष को पसंद नहीं आया. शिवसेना यूबीटी और मनसे ने इस आदेश को राज्य की मातृभाषा के खिलाफ माना.'

फडणवीस ने 2 दशक बाद ठाकरे बंधुओं को किया एक

शिवसेना यूबीटी और मनसे के विरोध प्रदर्शन के दबाव में आकर प्रदेश सरकार अपने आदेश को वापस ले लिया, जिसकी वजह से यह मसला बड़े विवाद में बदल गया, जिसने राज्य को असंभव लगने वाले ठाकरे चचेरे भाइयों को फिर से एकजुट कर दिया. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को अपने चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ मंच साझा किया. बता दें कि विक्ट्री रैली का आयोजन दोनों भाइयों ने राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में विवादास्पद हिंदी भाषा अनिवार्यता को वापस लेने का जश्न मनाने के लिए आयोजित की गई थी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर कटाक्ष करते हुए राज ने टिप्पणी की कि फडणवीस ने "वह करने में सफलता प्राप्त की है जो बाल ठाकरे भी नहीं कर पाए."

कानून को हाथ में ले रहे मनसे और शिवसेना समर्थक

इस बीच, राज्य भर में भाषा बहस से भड़की घटनाएं सामने आने लगीं, जिसमें एक वायरल क्लिप भी शामिल है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कई व्यक्ति एक खाद्य विक्रेता से मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं. उनमें से कुछ ने राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रतीक वाले स्कार्फ पहने हुए हैं. कथित तौर पर टकराव तब शुरू हुआ जब एक व्यक्ति ने ऑर्डर देते समय विक्रेता से मराठी में बात करने पर जोर दिया.

बाला साहेब ठाकरे के स्पीच का वीडियो वारयल

इस घटना के बाद व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. मंगलवार को ठाणे के मीरा रोड में विरोध प्रदर्शन के दौरान आयोजित एक रैली के दौरान कई मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया. फडणवीस ने चेतावनी दी है कि "कानून को अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."

दिलचस्प बात यह है कि जैसे-जैसे विवाद बढ़ता जा रहा है शिवसेना के संरक्षक बालासाहेब ठाकरे का एक पुराना क्लिप वायरल हो रहा है. फिर से सामने आए क्लिप में बाल ठाकरे यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं, "मैं महाराष्ट्र में मराठी हो सकता हूं, लेकिन मैं भारत में हिंदू हूं." यह उनके लंबे समय से चले आ रहे विश्वास को रेखांकित करता है कि किसी को "भाषाई पहचान से ऊपर हिंदुत्व को अपनाना चाहिए."

India News
अगला लेख