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H1B Visa: ट्रंप का एक फैसला... और विमान से नीचे उतरने लगे लोग, दिल्ली-न्यूयॉर्क फ्लाइट का किराया 37000 से बढ़कर हुआ 70000

अमेरिका ने H1-B वीज़ा फीस $100,000 (~₹88 लाख) तक बढ़ा दी है, जिससे भारतीय IT पेशेवरों और यात्रियों में हड़कंप मच गया है. कई भारतीय यात्री एयरपोर्ट पर ही विमान से उतर गए, जबकि टिकटों की कीमतें दोगुनी हो गईं. टेक कंपनियों ने कर्मचारियों को अमेरिका में बने रहने या तुरंत लौटने की सलाह दी है. इस अचानक फैसले से व्यक्तिगत यात्रा और US में काम कर रहे हजारों भारतीयों के भविष्य पर बड़ा असर पड़ सकता है.

H1B Visa: ट्रंप का एक फैसला... और विमान से नीचे उतरने लगे लोग, दिल्ली-न्यूयॉर्क फ्लाइट का किराया 37000 से बढ़कर हुआ 70000
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US H1B Visa Fee Hike Chaos: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अचानक फैसले ने H-1B वीजा फीस को $100,000 (~₹88 लाख) तक बढ़ा दिया है, जिससे भारतीय टेक पेशेवरों और यात्रियों में भय और अराजकता फैल गई है. इस आदेश के मुताबिक, H-1B वीज़ा होल्डर्स अमेरिका में पुनः प्रवेश तभी कर सकते हैं जब उनके नियोक्ता नई फीस का भुगतान करें. यह ऐलान 21 सितंबर को सुबह 9:31 बजे से लागू होगा. इस समय Durga Puja की छुट्टियों को लेकर कई भारतीय पेशेवर अपने घर लौटने की योजना बना रहे थे.

एयरपोर्ट पर दिखा अराजकता का माहौल

सोशल मीडिया पर तुरंत ही इंडियन यात्रियों के विमान से उतरने की खबरें आने लगीं. सैन फ्रांसिस्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट में Emirates फ्लाइट में बोर्डिंग पूरी हो चुकी थी, लेकिन खबर फैलते ही कई भारतीय यात्रियों ने उतरने की मांग की, जिससे फ्लाइट घंटों लेट हो गई. दुबई और अन्य ट्रांज़िट हब्स में लगभग 10–15 यात्री सिर्फ 20 मिनट में विमान से उतर गए.

एक यात्री मसूद राणा ने X पर लिखा, “यह पूरी तरह अराजकता थी… कई H-1B वीज़ा होल्डर्स ने खबर सुनते ही उड़ान लेने से इनकार कर दिया.” चार्टर्ड अकाउंटेंट कौस्तव मजूमदार ने बताया, “बेस एरिया से उड़ान भरने वाले यात्रियों में हड़कंप मच गया और लोग विमान से उतरने के लिए विनती करने लगे.”

एयरलाइन फेयर आसमान छूने लगे

भारतीय H-1B होल्डर्स की संख्या कुल में लगभग 70% है, जिससे उड़ानें तुरंत भर गईं और टिकटों की कीमतें लगभग दोगुनी हो गईं. दिल्ली से न्यूयॉर्क के वन-वे टिकट ₹37,000 से बढ़कर ₹70,000–80,000 हो गए. कुछ लास्ट मिनट बुकिंग $4,500 तक पहुंच गई. टेक जायंट्स जैसे Amazon, Microsoft और JP Morgan ने अपने H-1B कर्मचारियों को सलाह दी कि वे अमेरिका में ही रहें, और जो पहले ही विदेश में हैं, वे जल्द लौटें यदि संभव हो.

H1B वीज़ा होल्डर्स के लिए मुश्किलें

इमिग्रेशन विशेषज्ञों के अनुसार, कम समयसीमा के कारण भारत में वर्तमान में मौजूद कोई भी व्यक्ति डेडलाइन से पहले अमेरिका पहुंचने में असमर्थ होगा. दिल्ली या मुंबई से न्यूयॉर्क की सीधी उड़ान में 15–16 घंटे लगते हैं. भारत और अमेरिका (Eastern Time) के बीच लगभग 10 घंटे का अंतर है. इसलिए 20 सितंबर सुबह IST में उड़ान भरने वाले भी डेडलाइन तक पहुंचने में असमर्थ होंगे.

US इमिग्रेशन अटॉर्नी Cyrus Mehta ने चेतावनी दी, “जो लोग अभी भारत में हैं, उन्होंने व्यावहारिक रूप से डेडलाइन मिस कर दी है. H1B होल्डर्स केवल तब अमेरिका में रह पाएंगे जब कंपनियां $100,000 का भुगतान करें.”

व्यक्तिगत यात्रा से पेशेवर संकट तक

कई भारतीय टेक प्रोफेशनल्स के लिए यह Durga Puja की छुट्टी का रूटीन ट्रिप अचानक समय और पैसे की दौड़ में बदल गया. उड़ानें ओवरसोल्ड हैं. एयरफेयर लगभग दोगुना हो चुका है. वैश्विक भारतीय टेक कम्युनिटी में हड़कंप और चिंता का माहौल है.

यदि ट्रंप प्रशासन नीति नरम नहीं करता या इंप्लीमेंटेशन को स्थगित नहीं करता, तो हजारों भारतीय पेशेवर अमेरिका में फंसे रह सकते हैं. इससे न सिर्फ व्यक्तिगत योजनाओं पर असर पड़ेगा, बल्कि US टेक इंडस्ट्री की टीमों और प्रोजेक्ट्स पर भी बड़ा झटका लग सकता है.

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