Chip हो या Ship सब देश में ही बनने चाहिए, सौ दुखों की एक दवा... आत्मनिर्भर भारत ही भविष्य, पीएम मोदी की 10 बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के भावनगर में विकास परियोजनाओं की नींव रखने के बाद आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया. अपने भाषण में उन्होंने कहा कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन विदेशी निर्भरता है. मोदी ने Maritime Sector में सुधार, सौर ऊर्जा की उपलब्धियां, युवाओं के लिए अवसर और 2047 तक विकसित भारत के संकल्प पर विस्तार से चर्चा की. जानिए पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें, जो आत्मनिर्भर भारत की राह दिखाती हैं.

भविष्य की दिशा तय करने वाले विकास कार्यों की नींव रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के भावनगर से देशवासियों को आत्मनिर्भर भारत का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया के सामने नए आत्मविश्वास के साथ खड़ा है और अब हमें किसी पर निर्भर रहने की बजाय अपने दम पर प्रगति करनी होगी. मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन कोई बाहरी ताकत नहीं बल्कि विदेशी निर्भरता है, जिसे हमें मिलकर हराना होगा.
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में न सिर्फ आत्मनिर्भरता की अहमियत बताई, बल्कि जहाजरानी क्षेत्र (Maritime Sector), सौर ऊर्जा, औद्योगिक विकास और युवाओं के अवसर जैसे मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कांग्रेस सरकारों पर आरोप लगाया कि आज़ादी के बाद दशकों तक भारत की क्षमताओं को अनदेखा किया गया, जिसके कारण देश अपनी असली ऊँचाई तक नहीं पहुंच पाया.
भाषण की 10 बड़ी बातें
- आत्मनिर्भरता ही असली आज़ादी: पीएम मोदी ने कहा कि भारत का कोई दुश्मन बाहर नहीं है, बल्कि सबसे बड़ा दुश्मन हमारी विदेशी निर्भरता है. जब तक भारत अपनी ज़रूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर रहेगा, तब तक उसका आत्मसम्मान आहत होगा.
- विदेशी निर्भरता = असफलता: प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी कि जितनी ज्यादा विदेशी निर्भरता होगी, उतनी ही देश की विफलता बढ़ेगी. उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को ही "सौ दुखों की एक दवा" बताया.
- 2047 तक विकसित भारत का संकल्प: मोदी ने कहा कि आज जब भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य तय कर रहा है, तो आत्मनिर्भरता ही उसका एकमात्र रास्ता है. उन्होंने कहा, “Chip हो या Ship, सब भारत में ही बनने चाहिए.”
- Maritime Sector में ऐतिहासिक सुधार: उन्होंने बताया कि सरकार ने पांच बड़े Maritime कानूनों को नया रूप दिया है, जो शिपिंग सेक्टर में बड़ा बदलाव लाएंगे. अब बड़े जहाजों को इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया जाएगा.
- पिछली सरकारों पर निशाना: मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने भारत की जहाज निर्माण क्षमता को नज़रअंदाज़ किया और विदेशी जहाज किराए पर लेने को प्राथमिकता दी. इससे भारतीय शिपबिल्डिंग सेक्टर ध्वस्त हो गया.
- भारत के समुद्री व्यापार की स्थिति: प्रधानमंत्री ने बताया कि 50 साल पहले भारत का 40% समुद्री व्यापार भारतीय जहाजों से होता था, लेकिन आज यह घटकर सिर्फ 5% रह गया है. यानी 95% व्यापार के लिए हमें विदेशी जहाजों पर निर्भर होना पड़ता है.
- सौर ऊर्जा में भारत की उपलब्धि: मोदी ने गर्व से कहा कि सोलर सेक्टर में भारत ने अपने लक्ष्य समय से पहले पूरे किए हैं. कई लक्ष्य तो 4-5 साल पहले ही हासिल हो गए. यह भारत की नई कार्यशैली और आत्मविश्वास को दिखाता है.
- युवाओं को नुकसान पहुंचाने वाली नीतियां: उन्होंने कांग्रेस सरकारों पर आरोप लगाया कि लाइसेंस-कोटा राज और आयात आधारित नीतियों ने देश के युवाओं का भारी नुकसान किया. न केवल अवसर छिन गए बल्कि भ्रष्टाचार ने भी उन्हें हतोत्साहित किया.
- वैश्विक शांति और भारत की भूमिका: मोदी ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी आबादी तभी वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि में योगदान दे सकती है, जब भारत आत्मनिर्भर बनेगा. अगर हम दूसरों पर निर्भर रहेंगे तो भविष्य सुरक्षित नहीं होगा.
- विकास का नया आत्मविश्वास: प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत अलग मिजाज के साथ आगे बढ़ रहा है. अब जो लक्ष्य तय किए जाते हैं, उन्हें समय से पहले पूरा करके दिखाया जा रहा है. यही भारत की असली ताकत और नया आत्मविश्वास है.