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पहले गृह मंत्री और अब 40 साल की उम्र में बने गुजरात के डिप्टी सीएम, कौन हैं Harsh Sanghavi, मोदी-अमित शाह के हैं करीबी

गुजरात की राजनीति में 16 अक्टूबर का दिन हमेशा याद रहेगा. कल मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की टीम में बड़े फेरबदल हुआ, जिसमें सभी 16 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. अब 17 अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ जब 40 साल के हर्ष सांघवी ने राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

पहले गृह मंत्री और अब 40 साल की उम्र में बने गुजरात के डिप्टी सीएम, कौन हैं Harsh Sanghavi, मोदी-अमित शाह के हैं करीबी
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( Image Source:  ANI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 17 Oct 2025 3:57 PM IST

16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली सरकार में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला, जिसमें सभी 16 मंत्रियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद गुजरात की राजनीति में एक नया चेहरा उभर कर सामने आया है. महज 40 साल की उम्र में हर्ष संघवी को राज्य का डिप्टी मुख्यमंत्री चुना गया.

इससे पहले उन्होंने गुजरात सरकार में गृह मंत्री के रूप में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई है. उनके इस कम उम्र में उच्च पद पर पहुंचने को राजनीतिक गलियारों में तेज तर्रार और प्रभावशाली करियर का प्रतीक माना जा रहा है. चलिए जानते हैं हर्ष संघवी के राजनीतिक करियर के बारे में.

राजनीति की शुरुआत

हर्ष सांघवी की राजनीतिक यात्रा सूरत से शुरू हुई, जहां 2012 में उन्होंने महज 27 साल की उम्र में मजूरा विधानसभा सीट से जीत दर्ज की. वह उस चुनाव में न केवल सबसे युवा विधायक बने बल्कि पूरे राज्य में चौथे सबसे अधिक वोट पाने वाले उम्मीदवार भी रहे. इसके बाद 2017 और 2022 दोनों चुनावों में उन्होंने लगातार दोबारा जीत हासिल की और हर बार अपने मार्जिन से यह साबित किया कि जनता में उनका भरोसा कितना मज़बूत है. उनकी लगातार जीत और बढ़ता प्रभाव यह दर्शाता है कि वह गुजरात की राजनीति में एक मजबूत और प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं.

भरोसेमंद चेहरा और मोदी-शाह के करीबी

सांघवी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों का करीबी माना जाता है. पार्टी के भीतर भी उनका कद तेजी से बढ़ता गया. 36 साल की उम्र में जब उन्हें गृह विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया, तो वे उस पद पर पहुंचने वाले सबसे युवा नेताओं में से एक बन गए. वह विभाग जो आमतौर पर वरिष्ठ नेताओं के पास होता है.

जनता के बीच काम से बनी पहचान

हर्ष सांघवी सिर्फ सियासी सूझबूझ से नहीं बल्कि काम के जज्बे से भी जनता के बीच लोकप्रिय हुए हैं. उन्होंने रांदर इलाके की अवैध निर्माणों पर 2025 का बड़ा विध्वंस अभियान चलाया, ड्रग्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की, और "क्लीन तापी" अभियान के ज़रिए सूरत की नदियों को नई पहचान दी. इसके अलावा, उन्होंने युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कई जॉब फेयर आयोजित किए, जिससे हजारों युवाओं को मौका मिला.

एक नई पीढ़ी की उम्मीद

गुजरात के इतिहास में हर्ष सांघवी छठे उपमुख्यमंत्री हैं. उनसे पहले 1972 में चिमनभाई पटेल और कांतिलाल घिया ने यह पद संभाला था. पर अब हर्ष सांघवी इस पद को नई ऊर्जा और युवा दृष्टि के साथ संभालने जा रहे हैं और यही उन्हें गुजरात की नई सियासी विरासत का प्रतीक बनाता है.

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