EXCLUSIVE: मौजूदा हुकूमत में ‘कंबल ओढ़कर' घी पी रहे अंबानी-अडानी मोदी के ATM, जिनमें रूसी-तेल भरके ‘डॉलर’ निकाले जाते हैं!
पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आजादी के बाद देश अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में नाकाम है और अंबानी-अडानी को 'एटीएम मशीन' की तरह इस्तेमाल कर रही है. सिन्हा का कहना है कि रूस से सस्ता कच्चा तेल आयात होने के बावजूद उसका लाभ जनता तक नहीं पहुंचता, बल्कि निजी कंपनियों और सत्ताधारी पार्टी को मिलता है. उन्होंने सवाल उठाया कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें आखिर क्यों नहीं घटतीं.

“आज देश बुरे और आजादी से बाद से अपने सबसे बदतर दौर से गुजर रहा है. मैं किसी को बेईमान-ईमानदार नहीं कह रहा हूं. फिर भी जो कुछ मुझे अपनी आंख से दिखाई दे रहा है और जो कुछ अपने कानों से मैं सुन रहा हूं, उसके मुताबिक केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पोषित और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में कंबल ओढ़कर घी पिया जा रहा है. जहां तक सवाल किसी पर उंगली उठाने का है तो बस इतना ही कहूंगा कि, भारतीय जनता पार्टी पोषित हुकूमत को हांक रहे प्रधानमंत्री मोदी भले ही किसी से पार्टी या चुनाव चंदा के नाम पर डायरेक्ट कुछ न लेते हों, मगर इतना तय है कि दुनिया भर में नकारात्मक रूप से बहुचर्चित हो चुके अंबानी और अडानी, भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री के दो ऐसे एटीएम हैं, जिनमें भरा तो रूस से आयातित सस्ता तेल है लेकिन इन दोनों एटीएम से मोदी जी निकाल डॉलर रहे हैं.”
अमूमन बेहद कम मगर सोच-समझकर बोलने वाले और बीते लंबे समय से सक्रिय राजनीति से एकदम दूर बैठे, देश के पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने यह बेबाक खरी-खरी दो टूक बातें हाल ही में बयान की हैं. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी व पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के वक्त में कभी उनके राइटहैंड रह चुके भारत के तत्कालीन विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा, 24 सितंबर 2024 को “स्टेट मिरर हिंदी” के एडिटर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में “एक्सक्सूलिव” बात कर रहे थे.
भय बिनु होय न प्रीत...
करीब एक घंटे लंबी बातचीत में यशवंत सिन्हा ने आगे कहा, “भ्रष्टाचार बुरी बला है. सब जानते हैं. इसके बाद भी मगर भ्रष्टाचार खतम नहीं हो रहा है. इसकी वजह यह है कि भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे की ओर दौड़ता है. जब ऊपर वाला भ्रष्ट होता है तो नीचे वाला खुद-ब-खुद ही खुलकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में जुट जाता है. क्योंकि वह जानता है कि ऊपर वाला ही जब भ्रष्ट है तब फिर उसे (नीचे वाले को) भला रोकने की हिमाकत भी कौन कर सकेगा. भ्रष्टाचार खतम करना है तो पहले ऊपर वाले सुधरें. इससे नीचे वालों में भय व्याप्त होगा और भय बिनु होय न प्रीत.”
अंबानी और अडानी नाम की हैं दो एटीएम मशीनें
स्टेट मिरर हिंदी से विशेष बातचीत में एक सवाल के जवाब में पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, “हर पॉलिटिकल पार्टी और हर बड़े नेता को पार्टी और अपनी राजनीतिक नैय्या पार लगाने के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत होती है. यह रकम शायद ही कोई नेता या पार्टी अपनी जेब से खर्च करता या करती होगी. इस रकम को जुटाने के लिए सबके अपने अपने तरीके-रास्ते होते हैं. जहां तक बात मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात है, तो मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वे करप्ट (भ्रष्ट) हैं. यह तो कहीं अब तक उनके शासन-काल में साबित ही नहीं हुआ है कि, मोदी जी का डायरेक्टर करप्शन में कोई इनवॉल्मेंट है.
हां, यह जरूर है कि मोदी जी या उनके प्रधानमंत्रित्व काल में अगर भारतीय जनता पार्टी या उसका कोई पदाधिकारी-कार्यकर्ता सीधे किसी से चंदा लेता-वसूलता हुआ नजर नहीं आ रहा है, तो इसके लिए मोदी जी ने शानदार रास्ता खोज निकाला है. वह रास्ता है कि कंबल डालकर घी पीओ. कमाई करके जेबें भी भरो और ऐसा करते हुए किसी को दिखाई भी न पड़े. उदाहरण के लिए जबसे केंद्रीय नेतृत्व बीजेपी और मोदी जी के हाथ में (साल 2014 से) आया है तभी से उन्होंने अंबानी और अडानी नाम की अपनी दो ऐसी एटीएम मशीनें ईजाद कर ली हैं, जिनमें मोदी सरकार द्वारा रूस से औने-पौने दाम-कीमत पर सस्ता-कच्चा तेल लाकर भर दिया जाता है. फिर इस कच्चे और बेहद सस्ते रूसी तेल को अंबानी की जामनगर में मौजूद तेल-रिफाइनरियों में शुद्ध करके, उन्हें मुंह मांगी ऊंची कीमतों पर बेचा जाता है.''
सस्ते कच्चे तेल के बावजूद देश में क्यों कम नहीं होते पेट्रोल-डीजल के दाम?
''मैं बताना चाहता हूं कि इस तरह रूसी सस्ते तेल के जरिए मोदी जी ने अपने दो एटीएम मशीन के जरिए जरूरत के हिसाब से रकम निकाल कर उसका इस्तेमाल करने का जबरदस्त जरिया खोजा है. इस तरह से ही कई हजार बिलियन डॉलर होने वाले तेल की रकम का लाभ भारत की जनता को नहीं मिलता है. यह लाभ सीधे सीधे मोदी जी की दोनो एटीएम मशीनों, बीजेपी और वक्त-जरूरत के हिसाब से मोदी जी के लिए होता है. मैं जानना चाहता हूं और पूछता हूं मौजूदा हुकूमत से कि वह जवाब दे कि आखिर औने-पौने दाम पर आयातित रूसी कच्चे तेल से भारत में डीजल-पेट्रोल की कीमतों में कभी भारी डाउनफाल क्यों नहीं आता? जिससे आम-भारतवासी की जेब का खर्च घटता दिखाई दे.”