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RSS @100: संघ का भाव एक ही रहा- राष्ट्र प्रथम... डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का जारी, पढ़ें पीएम मोदी की 10 बड़ी बातें

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 वर्ष पूरे होने पर दिल्ली में शताब्दी समारोह आयोजित हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष डाक टिकट और 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया. पीएम ने अपने भाषण में संघ की 100 साल की यात्रा को त्याग, सेवा, अनुशासन और राष्ट्र निर्माण का अद्भुत उदाहरण बताया. इस मौके पर उन्होंने संघ के योगदान, समाज सेवा और राष्ट्रीय एकता के संदेश को रेखांकित किया.

RSS @100: संघ का भाव एक ही रहा- राष्ट्र प्रथम... डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का जारी, पढ़ें पीएम मोदी की 10 बड़ी बातें
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( Image Source:  X/BJP4India )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 1 Oct 2025 12:27 PM IST

इस साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने 100 साल का ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है. दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. इस मौके पर उन्होंने विशेष डाक टिकट और 100 रुपये के स्मारक सिक्के का विमोचन किया, जिसमें भारत माता के समक्ष आरएसएस स्वयंसेवक श्रद्धा और समर्पण के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं.

सिक्के और डाक टिकट में आरएसएस के 100 साल की यात्रा और उनके सामाजिक योगदान को दर्शाया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे ‘मातृभूमि की सेवा के लिए सदा समर्पित’ कार्यक्रम के रूप में कहा और इस अवसर पर संघ की ऐतिहासिक उपलब्धियों, सेवा कार्य और राष्ट्रीय एकता में योगदान की सराहना की. यह समारोह न केवल संगठन के गौरवपूर्ण अतीत को याद करने का मौका था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का भी संदेश था. साथ ही उन्होंने कहा कि मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर पहली बार लगा है.

पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें

  • शताब्दी वर्ष की गौरवशाली यात्रा – पीएम मोदी ने कहा कि RSS की 100 साल की यात्रा त्याग, निस्वार्थ सेवा, अनुशासन और राष्ट्र निर्माण का अद्भुत उदाहरण है.
  • स्वयंसेवकों की अहम भूमिका – उन्होंने जोर दिया कि संघ के स्वयंसेवक देश की सेवा और समाज के उत्थान में निरंतर योगदान देते आए हैं.
  • राष्ट्रीय पुनर्निर्माण में योगदान – पीएम ने कहा कि संघ भारत के राष्ट्रीय गौरव और संस्कृति के पुनर्निर्माण के लिए जनता से जुड़ा एक अनोखा आंदोलन है.
  • सांस्कृतिक जागरूकता और अनुशासन – उन्होंने बताया कि संघ का मूल उद्देश्य नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास करना है.
  • प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य – प्रधानमंत्री ने संघ के स्वयंसेवकों की बाढ़, भूकंप और चक्रवात जैसी आपदाओं में राहत और पुनर्वास कार्यों में सक्रिय भागीदारी की सराहना की.
  • युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाना – उन्होंने संघ से जुड़े संगठनों के युवाओं, महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाने के प्रयासों को भी उजागर किया.
  • समाज और स्थानीय समुदायों को मजबूत बनाना – पीएम मोदी ने कहा कि संघ ने स्थानीय समुदायों की भागीदारी और सामूहिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
  • राष्ट्रीय एकता और संस्कृति का संदेश – उन्होंने शताब्दी समारोह को संघ की ऐतिहासिक उपलब्धियों और भारत की सांस्कृतिक यात्रा में स्थायी योगदान का प्रतीक बताया.
  • अनुशासन और समर्पण का आदर्श – प्रधानमंत्री ने कहा कि संघ का हर स्वयंसेवक मातृभूमि के प्रति समर्पित, अनुशासित और निस्वार्थ सेवा में तत्पर रहता है.
  • आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा – मोदी ने यह भी कहा कि यह शताब्दी समारोह आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रभक्ति, समाज सेवा और कर्तव्य पथ पर चलने की प्रेरणा देगा.
नरेंद्र मोदी
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