Begin typing your search...

मंगलसूत्र, जनेऊ सब हटाओ... रेलवे परीक्षा के समय छात्रों ने काटा बवाल, क्या आदेश वापस लेगी रेलवे?

रेलवे पेपर के लिए एक निर्देश ने धार्मिक आस्था और परीक्षा अनुशासन के बीच एक नाजुक रेखा खींच दी. एडमिट कार्ड पर लिखा था कि कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट के लिए मंगलसूत्र और जनेऊ पहनने से मनाही थी. साथ ही, झुमके, नाक की पिन, अंगूठी, कंगन नहीं पहन सकते हैं.

मंगलसूत्र, जनेऊ सब हटाओ... रेलवे परीक्षा के समय छात्रों ने काटा बवाल, क्या आदेश वापस लेगी रेलवे?
X
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Published on: 28 April 2025 2:24 PM

इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक के कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में कई हिंदू छात्रों को कहा गया कि वे जनेऊ उतारकर एग्जाम दें. इस निर्देश ने एक बड़ी बहस को जन्म दिया. क्या परीक्षा के लिए धार्मिक प्रतीकों का त्याग ज़रूरी है? अब एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां 28 से 30 अप्रैल के बीच रेलवे डिपार्टमेंट की नर्सिंग सुपरिटेंडेंट एंट्रेंस एग्जाम होने थे, लेकिन अब पेपर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.

जहां एक निर्देश ने धार्मिक आस्था और परीक्षा अनुशासन के बीच एक नाजुक रेखा खींच दी. एडमिट कार्ड पर लिखा था कि कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट के लिए मंगलसूत्र और जनेऊ पहनने से मनाही थी. साथ ही, झुमके, नाक की पिन, अंगूठी, कंगन नहीं पहन सकते हैं.

इन चीजों पर भी बैन

इन सभी नियमों के पीछे तर्क एक ही था. सुरक्षा और पारदर्शिता. परीक्षा आयोजकों का कहना था कि इससे ब्लूटूथ जैसे डिवाइस से नकल करने से रोका जा सकता है. साथ ही, मोबाइल, वॉलेट, घड़ी, बेल्ट और यहां तक कि पर्स तक पर पाबंदी लगाई गई.

फेसबुक पर शेयर किया एडमिट कार्ड

शरण कुमार पंपवेल ने सोशल मीडिया पर एडमिट कार्ड की फोटो शेयर की, जिनमें यह निर्देश था कि उम्मीदवारों को मंगलसूत्र, जनेऊ उतारकर एग्जाम सेंटर में एंट्री मिलेगी. उन्होंने इस मामले में जिला कलेक्टर और स्थानीय सांसदों से कहा कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि हिंदुओं को धार्मिक प्रथाओं से समझौता किए बिना एग्जाम देने का अवसर मिलना चाहिए.

वापस ले आदेश

विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इस आदेश को हिंदू विरोधी और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार देते हुए तुरंत वापस लेने की मांग की है. परिषद का कहना है कि 'इस तरह के कदम से करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है. एक ऐसे देश में जहां हिंदू बहुसंख्यक हैं, वहां ऐसी नीतियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.'

अगला लेख