सरकार ने सिर्फ शो किया... कांग्रेस विधायक ने मांगे ‘Operation Sindoor’ के सबूत, बोले- क्या सच में मरे आतंकी?
कर्नाटक के कांग्रेस विधायक कोथुर मंजुनाथ ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने इसे दिखावटी कार्रवाई बताया और सवाल उठाया कि क्या इससे पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय मिला? उन्होंने खुफिया तंत्र की विफलता और मीडिया रिपोर्टों की असंगतता को लेकर भी चिंता जताई. सरकार ने केवल आतंकी ठिकानों पर हमले का दावा किया है.

बेंगलुरु से 500 किलोमीटर दूर कोलार विधानसभा क्षेत्र पड़ता है. वहां के विधायक हैं कोथुर मंजुनाथ. उन्होंने अब भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर ऐसा बयान दिया है जिससे सियासी तूफान खड़ा हो गया है. कर्नाटक के कांग्रेस विधायक कोथुर मंजुनाथ ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए इस सैन्य कार्रवाई को केवल "दिखावा" करार दिया है. उनका कहना है कि तीन-चार विमान भेज कर की गई यह कार्रवाई न तो वास्तविक न्याय दिला सकी और न ही पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को कोई ठोस सांत्वना दे सकी.
मंजुनाथ ने कहा कि अगर सरकार इस ऑपरेशन को जवाबी कार्रवाई बता रही है, तो सवाल उठता है कि आखिर इससे हासिल क्या हुआ? उन्होंने पूछा कि क्या मारे गए लोगों की आत्मा को इससे शांति मिली? क्या इससे हमले में विधवाएं हुई महिलाओं के आंसू थम गए? उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि यह सिर्फ टीवी और अखबार की सुर्खियों में बने रहने की कवायद थी, न कि आतंक के खिलाफ कोई निर्णायक कदम.
आंकड़ों पर नहीं है भरोसा
सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के आंकड़ों पर भी उन्होंने भरोसा जताने से इनकार किया. ऑपरेशन में मारे गए कथित 100 आतंकियों की पहचान और उनकी भूमिका को लेकर उन्होंने सवाल दागे. उन्होंने कहा कि कोई ठोस सबूत नहीं है कि मारे गए आतंकी वही थे जिन्होंने बैसारन घाटी में हमला किया था. इसके साथ ही उन्होंने सीमाओं पर सुरक्षा चूक और खुफिया तंत्र की विफलता को इस पूरी घटना की असली जड़ बताया.
असल में मारा कौन गया?
कांग्रेस विधायक ने मीडिया रिपोर्टों की भी आलोचना की और कहा कि चैनलों पर जो खबरें आ रही हैं, उनमें भारी विरोधाभास है. "कोई कह रहा है यहां मारे, कोई कहता है वहां मारे, लेकिन असल में मारा कौन गया?" उन्होंने सरकार से स्पष्टता की मांग करते हुए कहा कि जनता को भ्रम में रखने की जगह ठोस तथ्यों के साथ सामने आना चाहिए.
आतंक की जड़ों पर हो निर्णायक वार
सरकार की ओर से बार-बार यह कहा गया है कि इस ऑपरेशन में आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया और सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. लेकिन विपक्षी नेताओं का मानना है कि सिर्फ आंकड़े गिनाकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई नहीं जीती जा सकती. मंजुनाथ ने चेतावनी दी कि जब तक आतंक की जड़ों पर निर्णायक वार नहीं होगा और पारदर्शिता के साथ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक जनता का भरोसा बहाल नहीं किया जा सकता.