कौन हैं अमित खरे जिन्हें बनाया गया उपराष्ट्रपति का सचिव, चारा घोटाले का पर्दाफाश करने के बाद आए थे सुर्खियों में
पूर्व आईएएस अधिकारी अमित खरे को उपराष्ट्रपति का सचिव बनाया गया है. अमित खरे के पास शिक्षा और सूचना-प्रसारण मंत्रालय से लेकर नीति आयोग तक की जिम्मेदारी संभालने का अनुभव है. बिहार-झारखंड से उनका गहरा नाता है. बतौर आईएएस वो सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने चारा घोटाले का पर्दाफाश कर साहसिक काम किया.

केंद्र सरकार ने रविवार (15 सितंबर) को पूर्व नौकरशाह अमित खरे को नए उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन का सचिव नियुक्त किया. इसके साथ ही खरे का नाम भी उपराष्ट्रपति कार्यालय में जुड़ा गया. 1985 बैच के झारखंड काडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी खरे अपनी ईमानदार और नपे-तुले कामकाज की शैली के लिए जाने जाते हैं. शिक्षा क्षेत्र में नई शिक्षा नीति (NEP 2020) को आकार देने से लेकर घोटालों के खुलासे तक उनका प्रशासनिक करियर उपलब्धियों से भरा रहा है. बिहार और झारखंड से जुड़े रहने के कारण उनकी पृष्ठभूमि भी खास मायने रखती है.
उनकी नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए की गई है. एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है, " झारखंड कैडर 1985 बैच के सेवानिवृत आईएएस अफसर अमित खरे की नियुक्ति मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने की है. भारत के उपराष्ट्रपति के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है.
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार खरे की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर, सचिव के पद और वेतन पर, पदभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए की गई है. सचिव के रूप में उनकी नियुक्ति प्रशासनिक अनुभव और कार्यकुशलता का फायदा उपराष्ट्रपति कार्यालय को मिलेगा. नीति निर्माण, शिक्षा सुधार और मीडिया प्रबंधन का उनका अनुभव उपराष्ट्रपति के कार्यों को मजबूत करेगा.
NEP 2020 में निभा चुके हैं अहम भूमिका
पूर्व आईएएस अमित खरे 12 अक्टूबर, 2021 से प्रधानमंत्री कार्यालय में सामाजिक क्षेत्र से संबंधित मामलों को संभालते हुए प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं. वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को तैयार करने और लागू करने वाली कोर टीम का भी हिस्सा थे.
कौन हैं अमित खरे?
अमित खरे 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वे झारखंड काडर से जुड़े रहे और केंद्र सरकार में कई अहम पदों पर काम किया. खरे शिक्षा मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं.
अमित खरे रांची यूनिवर्सिटी ग्रैजुएट डिग्री हासिलस करने के बाद यूपीएससी द्वारा चयनित 1985 के आईएएस अधिकारी रहे हैं. नई शिक्षा नीति 2020 (NEP) के निर्माण और क्रियान्वयन में खरे की प्रमुख भूमिका रही. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में रहते हुए उन्होंने प्रसार भारती और डिजिटल मीडिया से जुड़े कई अहम फैसले लिए.
चारा घोटालों का किया था पर्दाफाश
वह बिहार और झारखंड में चर्चित और लोकप्रिय आईएएस अधिकारी रहे हैं. अमित खरे को उस समय राष्ट्रीय पहचान मिली जब उन्होंने झारखंड में चर्चित चारा घोटाला (Fodder Scam) का पर्दाफाश किया. इस साहसिक कदम के बाद उनकी छवि ईमानदार और सख्त अधिकारी के तौर पर बनी थी.
बिहार और झारखंड से खरे का कनेक्शन
अमित खरे मूल रूप से झारखंड काडर से रहे लेकिन उनकी प्रशासनिक जड़ें बिहार से भी जुड़ी हैं, क्योंकि झारखंड अलग राज्य बनने से पहले उनका काडर बिहार था. उन्होंने बिहार-झारखंड के कई जिलों में बतौर कलेक्टर और अन्य प्रशासनिक पदों पर काम किया. यही वजह है कि दोनों राज्यों से उनका नाता गहरा माना जाता है.