यह इत्तेफाक नहीं तो क्या है? जो तस्वीर न्यूज पेपर के विज्ञापन में दिखी, वही बन गई हकीकत! 12 जून का सबसे डरावना संयोग
12 जून 2025 को एक चौंकाने वाला संयोग देखने को मिला, जब सुबह के एक अखबार में छपे एयर इंडिया के विज्ञापन में एक विमान बिल्डिंग से टकराता दिखा और उसी दिन वास्तव में एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 अहमदाबाद में एक रिहायशी इमारत से टकरा गई. हादसा मेघानी नगर इलाके में हुआ, जहां विमान टेकऑफ के कुछ मिनटों बाद क्रैश हो गया. इस दुर्घटना में कई लोगों की मौत हुई और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए. यह भयावह ट्रैजेडी और विज्ञापन का मेल सोशल मीडिया पर सनसनी बन गया.

12 जून 2025 की सुबह देश के एक प्रमुख अखबार के पहले पन्ने पर एक आकर्षक विज्ञापन छपा. विज्ञापन में एयर इंडिया का एक विमान एक इमारत के बीच से उड़ता हुआ नजर आ रहा था. यह एक सामान्य मार्केटिंग कैंपेन का हिस्सा था, जिसमें एयर इंडिया की नई उड़ानों और सेवाओं का प्रचार किया गया था, लेकिन इसी दिन दोपहर में जो हुआ, उसने इस विज्ञापन को सिर्फ एक क्रिएटिव आइडिया से कहीं ज़्यादा, एक भयावह संकेत में बदल दिया.
दोपहर में जो हुआ, उसने सबको हिला दिया
उसी दिन दोपहर को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद अहमदाबाद के मेघाणी नगर क्षेत्र में क्रैश हो गई. हादसे में विमान में सवार 242 लोगों की जान खतरे में पड़ी. बताया जाता है कि हादसे में केवल एक शख्स जिंदा बचा है, जबकि बाकी लोगों की मौत हो गई है.
यह हादसा एक मेडिकल हॉस्टल और रिहायशी इमारतों के ऊपर हुआ- ठीक वैसे ही जैसे विज्ञापन में विमान एक इमारत के बीच से निकलता दिखाया गया था. जब यह बात सोशल मीडिया पर फैली, तो लोगों ने इस संयोग को 'डरावना', 'भविष्यवाणी जैसा', और 'मन को झकझोर देने वाला' बताया.
क्या सिर्फ इत्तेफाक था?
विज्ञापन बनाने वाली एजेंसी और अखबार दोनों के लिए यह एक पूरी तरह से अनजाना और अनचाहा संयोग था. किसी को यह अंदाज़ा भी नहीं था कि जिस रचनात्मक छवि को उन्होंने उड़ान और प्रगति का प्रतीक मानकर छापा, वही कुछ घंटों में तबाही और मौत की तस्वीर बन जाएगी.
सोशल मीडिया पर बवाल
जैसे ही हादसे की तस्वीरें सामने आईं और लोगों ने सुबह के अखबार में छपे विज्ञापन को देखा, X (ट्विटर), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर यह वायरल हो गया. यूजर्स ने लिखा:
- “ऐड में जो दिखा, वही असल में हो गया… यह सिर्फ संयोग नहीं हो सकता.”
- “इतना सटीक मेल डरावना है, मन कांप गया.”
मनोवैज्ञानिक प्रभाव
इस तरह के इत्तेफाक न केवल सवाल उठाते हैं, बल्कि लोगों के दिमाग पर गहरा असर डालते हैं. कई लोगों ने इसे एक तरह की चेतावनी या ‘premonition’ कहा. हालांकि विशेषज्ञ इसे महज़ एक अजीब संयोग ही मानते हैं, लेकिन पीड़ित परिवारों और दर्शकों के लिए यह एक भावनात्मक सदमा ही है.
ऐसा संयोग, जो कभी नहीं होना था
12 जून 2025 को एयर इंडिया के प्लेन क्रैश की खबर ने पूरे देश को दहला दिया, लेकिन उसी दिन के विज्ञापन में दिखी इमारत और विमान की छवि ने इस त्रासदी को और गहराई दे दी. यह एक ऐसा संयोग था जो कभी नहीं होना चाहिए था. न विज्ञापन एजेंसी की गलती थी, न अखबार की, लेकिन टाइमिंग ने सब कुछ बदल दिया. यह घटना बताती है कि किस तरह ज़िंदगी और मौत के बीच सिर्फ एक पल का फासला होता है, और कभी-कभी रचनात्मकता भी वक्त के हाथों हार जाती है.