6,000 करोड़ का सट्टा किंग फरार, इंटरपोल के रेड नोटिस के बाद भी बच निकला महादेव ऐप का मास्टरमाइंड रवि उप्पल, जानें कहां है छिपा
6,000 करोड़ रुपये के अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क ‘महादेव ऑनलाइन बुक ऐप’ का सह-संस्थापक रवि उप्पल एक बार फिर चर्चा में है. इंटरपोल की रेड नोटिस पर दिसंबर 2023 में दुबई में गिरफ्तार किए जाने के बाद अब खबर है कि वह वहां से फरार हो गया है.
  भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क ‘महादेव ऑनलाइन बुक ऐप’ के को-फाउंडर रवि उप्पल एक बार फिर सुर्खियों में हैं. करोड़ों रुपये के इस अवैध नेटवर्क के मास्टरमाइंड रवि उप्पल और उनके पार्टनर सौरभ चंद्राकर के खिलाफ भारतीय जांच एजेंसियां लंबे समय से कार्रवाई कर रही थीं.
लेकिन अब खबर है कि रवि उप्पल दुबई से किसी अज्ञात जगह फरार हो गया है. रवि उप्पल और उसके पार्टनर पर 2018 से भारत में अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क चलाने का आरोप है, जिसने देखते ही देखते हजारों करोड़ रुपये का कारोबार खड़ा कर दिया.
दुबई से फरारी की बड़ी खबर
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2023 में इंटरपोल की रेड नोटिस जारी होने के बाद रवि उप्पल को दुबई में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद भारत की एजेंसियां ईडी, सीबीआई और छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें वापस लाने के लिए लगातार कोशिश कर रही थीं. हालांकि अब ऐसा लगता है कि उनकी सारी मेहनत बेअसर साबित हो रही है, क्योंकि रवि उप्पल दुबई से किसी अज्ञात जगह फरार हो गया है.
6,000 करोड़ का ऑनलाइन सट्टेबाजी साम्राज्य
रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर ने साल 2018 में ‘महादेव ऑनलाइन बुक ऐप’ के नाम से सट्टेबाजी का धंधा शुरू किया था. शुरुआत में इस ऐप के बारे में बहुत कम लोग जानते थे, लेकिन धीरे-धीरे यह पूरे देश में फैल गया. इस प्लेटफॉर्म पर लोग क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, पोकर और यहां तक कि चुनावों पर भी दांव लगाने लगे. सरकार ने कई बार इस ऐप को बैन किया, लेकिन हर बार यह नए नाम और सर्वर के साथ फिर से एक्टिव हो गया. ईडी की जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि यह नेटवर्क देशभर में करीब 3,200 पैनलों के जरिये चलाया जा रहा था, जिससे हर दिन लगभग 240 रुपये करोड़ की अवैध कमाई होती थी.
दुबई में बन गया था सट्टेबाजी का अड्डा
खबरों के मुताबिक, रवि उप्पल और उसके साथियों ने दुबई में करीब 20 लग्जरी विला किराए पर ले रखे थे. इन्हीं विला में लगभग 3,500 लोग दिन-रात बैठकर इस सट्टेबाजी नेटवर्क को संभालते थे. ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे मामले के तार कई बड़े नेताओं और अधिकारियों से जुड़े हो सकते हैं. जांच में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी सामने आया है, जिससे मामला और ज्यादा चर्चाओं में आ गया है.
भारत की कोशिशें और बढ़ती मुश्किलें
दिसंबर 2023 में गिरफ्तारी के बाद ईडी ने जनवरी 2024 में यूएई सरकार से रवि उप्पल को भारत भेजने की औपचारिक मांग की थी. लेकिन यूएई प्रशासन ने सिर्फ 45 दिनों के अंदर ही उसे रिहा कर दिया. हालांकि, उस दौरान वह नजरबंदी में था और उस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही थी. दूसरी तरफ, सौरभ चंद्राकर को अक्टूबर 2024 में दुबई में पकड़ा गया और फिलहाल वह हाउस अरेस्ट में है. ईडी ने उसी महीने दोनों के खिलाफ ‘फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर’ के तहत कार्रवाई शुरू की थी, जो इस समय रायपुर की अदालत में विचाराधीन है.
अब जांच एजेंसियों के सामने चुनौती
रवि उप्पल के अचानक गायब होने से भारतीय एजेंसियों की जांच पर बड़ा असर पड़ा है. जहां एक ओर देशभर में महादेव ऐप के खिलाफ छापे जारी हैं, वहीं दूसरी ओर उसके मास्टरमाइंड के गायब होने से पूरा केस कमजोर होता दिख रहा है. अब सवाल यह है कि क्या भारत दोबारा रवि उप्पल को पकड़ पाएगा या वह हमेशा के लिए कानून के शिकंजे से बाहर निकल गया है.





