'जांच में अब ज़रूरत नहीं'... गैंगरेप केस में 1 लाख के मुचलके पर जेल से रिहा हुए टीवी एक्टर Ashish Kapoor
हाल ही में टीवी एक्टर आशीष कपूर को रेप केस में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन अब उन्हें तीस हजारी कोर्ट से राहत मिल गई है. 10 सितंबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भूपिंदर सिंह ने आशीष कपूर को जमानत दी.

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने टीवी एक्टर आशीष कपूर को बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी है. आशीष को हाल ही में पुणे से गिरफ्तार किया गया था और गैंगरेप के गंभीर आरोपों में पुलिस पूछताछ के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. अब अदालत ने कहा है कि आरोपी जांच के लिए अब ज़रूरी नहीं हैं, इसलिए उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत पर रिहा किया जा रहा है. 10 सितंबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भूपिंदर सिंह ने यह आदेश दिया. आशीष कपूर को 1 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करनी होगी. इसके अलावा, समान राशि का एक जमानती भी पेश करना होगा.
कोर्ट ने कहा कि आरोपी का समाज में स्थायी निवास है और उनका कोई बड़ा आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. इन तथ्यों को देखते हुए जमानत दी गई. इस मामले में पुलिस ने आशीष कपूर को 5 दिन की कस्टडी में देने की मांग की थी. लेकिन मजिस्ट्रेट ने सिर्फ 4 दिन की कस्टडी दी थी. इसके बावजूद पुलिस ने तीन दिन बाद ही उन्हें वापस कोर्ट में पेश कर दिया. कोर्ट ने ध्यान दिलाया कि पुलिस ने जांच में कई ज़रूरी कदम नहीं उठाए. जैसे कि आरोपी का मोबाइल फोन बरामद नहीं किया गया और तलाशी भी ठीक तरह से नहीं ली गई. रिकॉर्ड में यह भी दर्ज नहीं है कि आशीष कपूर ने पुलिस जांच में कोई सहयोग नहीं किया हो.
बचाव पक्ष की दलील
आशीष कपूर के वकीलों दीपक शर्मा, रविश डेधा, राजन ओबेरॉय और सोमेश ओबेरॉय ने अदालत में कई तर्क दिए. उनका कहना था कि शिकायतकर्ता पार्टी के दौरान शराब के नशे में थी और वहां मौजूद कई मेहमानों से गले मिल रही थी. बचाव पक्ष ने कहा कि लगाए गए आरोप झूठे हैं और इनका उद्देश्य सिर्फ पैसे वसूलना है. वकीलों ने यह भी बताया कि इस साल शिकायतकर्ता ने अपने मकान मालिक के खिलाफ भी एक मामला दर्ज कराया था, जिससे उनकी नीयत पर सवाल उठता है.
मामला क्या है?
शिकायतकर्ता ने 11 अगस्त 2025 को FIR दर्ज कराई थी. आरोप लगाया गया कि पार्टी के दौरान उनके पेय में नशीला पदार्थ मिला दिया गया. इसके बाद उन्हें बेहोश करके वॉशरूम में ले जाया गया और वहां उनके साथ गैंगरेप हुआ. इसी शिकायत के आधार पर आशीष कपूर को 2 सितंबर को पुणे से गिरफ्तार किया गया. 6 सितंबर को उन्हें कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
क्यों अहम है यह फैसला?
कोर्ट का यह आदेश सिर्फ एक एक्टर की जमानत का मामला नहीं है, बल्कि इसमें पुलिस की जांच प्रक्रिया और शिकायतों की गंभीरता पर भी सवाल उठाए गए हैं. अदालत ने साफ कहा कि आरोपी को बेवजह लंबे समय तक हिरासत में रखना उचित नहीं है, खासकर तब जब पुलिस ने पूरी तरह से अपनी जांच नहीं की हो