Suniel Shetty ने पहले ही बता दी थी पाकिस्तान की सच्चाई, वायरल हो रहा 'मैं हूं ना' फिल्म का सीन
सोशल मीडिया पर शाहरुख की हिट फिल्म मैं हू ना का एक क्लिप वायरल हो रहा है, जहां किंग खान पाकिस्तान की वकालत करते हैं. वहीं सुनील शेट्टी कहते हैं कि पाकिस्तान से दोस्ती नहीं होगी, क्योंकि वह इसके लायक नहीं है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट और उधमपुर ड्रोन और मिसाइलों के जरिए मिलिट्री इंस्टॉलेशन को निशाने बनाने की कोशिश की है. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. कहा जा रहा है कि जल्द ही दोनों मुल्क जंग लड़ सकते हैं.
ऐसे ही माहौल में 2004 की सुपरहिट फिल्म 'मैं हूं ना' का एक पुराना सीन अचानक से इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. ये कोई आम फिल्मी क्लिप नहीं, बल्कि उस दौर का डायलॉग है, जो आज के हालातों को हैरान करने वाली सटीकता से दिखाता है.
देश को ले डूबेगा
इस फिल्म में शाहरुख खान मेजर राम और सुनील शेट्टी पूर्व सेना मेजर राघवन दत्ता के रोल में हैं. जहां मेजर राम पाकिस्तान से शांतिपूर्ण रिश्तों की वकालत करते हुए कहते हैं कि पाकिस्तान भी हमारा साथ दे रहा है. इस पर सुनील शेट्टी का किरदार पूर्व सेना मेजर राघवन दत्ता जवाब में कहता है कि ' हमारा यही भोलापन इस देश को ले डूबेगा.'
पाकिस्तान से दोस्ती नहीं होगी जंग
इसके आगे सुनील शेट्टी कहते हैं कि 'पाकिस्तान के साथ दोस्ती नहीं होगी, राम...सिर्फ जंग होगी. हर एक फैसला पाकिस्तान की बर्बादी होगा. तभी शायद उन हाथों से खून के दाग मिटेंगे. हज़ारों सिपाहियों का खून और मेरे बेटे का भी, जिसे इस जंग से कोई लेना-देना नहीं था. फिर भी, क्यों मारा उसे पाकिस्तानियों ने?' ऐसा लगता है सिनेमा ने समय से पहले ही आईना दिखा दिया था.
यूजर्स के कमेंट्स
जब फिल्म 'मैं हूं ना' का पुराना सीन सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो सिर्फ डायलॉग ही नहीं, लोगों के दिलों में दबी कई भावनाएं भी बाहर आने लगीं. जहां एक शख्स ने कमेंट करते हुए कहा कि ' अब हमें हर बॉलीवुड फिल्म को फिर से समझने की ज़रूरत है. ये ‘अमन’ और ‘शांति’ की बातें हमें धीरे-धीरे इतनी बार दिखाई गईं कि हम सच और दर्द को भूल गए. हमें धीरे-धीरे कमज़ोर बना दिया गया. अब जब लोग जाग रहे हैं, तो ये लोग खुद छिप रहे हैं. बॉलीवुड हमारे देश पर एक बोझ बन चुका है, जैसे कोई जोंक जो खून चूसता है.
यह बात सिर्फ फिल्मों की नहीं थी. यह उस सोच की थी, जो सालों से परदे पर हमारे सामने परोसी जाती रही. अब लोग सवाल कर रहे हैं, सोचने लगे हैं कि क्या वाकई हमें हमेशा शांति की बातों में उलझा कर असलियत से दूर रखा गया?