Disha Salian केस में नया मोड़, बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से 15 जून तक मांगा जवाब
सतीश सालियान ने अपनी याचिका में गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनकी बेटी दिशा सालियान के साथ 'क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या की गई.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार, 24 अप्रैल 2024 को महाराष्ट्र सरकार को दिशा सालियान की मौत से जुड़ी याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए 15 जून 2024 तक का समय दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एस. वी. कोटवाल और न्यायमूर्ति एस. एम. मोदक की खंडपीठ ने दिशा सालियान के पिता, सतीश सालियान द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.
सतीश सालियान ने अपनी याचिका में गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनकी बेटी दिशा सालियान के साथ 'क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या की गई.' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह मौत एक सोची-समझी साजिश के तहत प्रभावशाली राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों को बचाने के लिए एक 'राजनीतिक रूप से प्रेरित कवर-अप' (cover-up) का हिस्सा थी.
दिशा की मौत पर CBI
याचिकाकर्ता ने खास रूप से शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने दिशा की मौत की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपे जाने की भी गुहार लगाई है. उनका कहना है कि मुंबई पुलिस ने इस मामले की निष्पक्ष और गहराई से जांच नहीं की, जिससे न्याय बाधित हुआ.
14वीं मंजिल से गिरकर मौत
दिशा सालियान, जो पेशे से एक सेलिब्रिटी मैनेजर थीं और दिवगंत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत सहित कई प्रमुख बॉलीवुड सितारों के साथ काम करती थीं, 8 जून 2020 को मुंबई के मलाड इलाके में स्थित एक आवासीय इमारत की 14वीं मंजिल से गिरकर मृत पाई गई थी. घटना के बाद मुंबई पुलिस ने इसे एक दुर्घटनावश मृत्यु बताते हुए ADR (Accidental Death Report) दर्ज की थी. हालांकि, कुछ ही दिनों बाद, 14 जून 2020 को एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का शव उनके बांद्रा स्थित घर में फंदे से लटका हुआ मिला, जिससे दोनों घटनाओं के बीच संभावित संबंधों को लेकर सार्वजनिक और मीडिया में काफी चर्चा और अटकलें शुरू हो गईं.
सबूतों की अनदेखी
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि मुंबई पुलिस ने फोरेंसिक एविडेंस, सरकमस्टांटियल फैक्ट्स और आई विटनेसेस की गवाही की उचित तरीके से जांच नहीं की और जल्दबाजी में इसे आत्महत्या या सडन डेथ घोषित कर केस बंद कर दिया गया. अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 15 जून 2024 तक अपना पक्ष रखने के लिए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसके बाद मामले में आगे की सुनवाई होगी.