कौन हैं छात्र नेता आसिफ महमूद, जिसने बांग्लादेश में उखाड़ दी थी शेख हसीना की सत्ता?

Asif Mahmud Shojib Bhuiyan: बांग्लादेश के छात्र नेता नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अध्यक्षता वाली अंतरिम सरकार में शामिल हो गए हैं. आसिफ महमूद वहीं हैं, जिन्होंने बांग्लादेश में छात्र आंदोलन को लीड किया था.;

Asif Mahmud Shojib Bhuiyan
Edited By :  सचिन सिंह
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Asif Mahmud Shojib Bhuiyan: बांग्लादेश में छात्रों का आरक्षण के विरोध में आंदोलन हुआ, जिसके बाद 5 अगस्त 2024 वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता छोड़कर जाना पड़ा. उनका जाना एक ऐतिहासिक था. बांग्लादेश की बड़ी घटनाओं में से एक था. इस बीच एक नाम सबसे अधिक सुर्खियों में रहा, जो है आसिफ महमूद.

आसिफ महमूद वो छात्र नेता हैं, जिन्होंने शेख हसीना के शासन को खत्म कर दिया और देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया था. यह विरोध प्रदर्शन लंबे समय से चली आ रही कोटा प्रणाली के प्रति नाराजगी के कारण शुरू हुई थी, जिसके तहत बांग्लादेश में 56% सरकारी पद अलग-अलग समूहों के लिए रिजर्व हैं, जिनमें 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30% पद शामिल हैं.

कौन है छात्र नेता आसिफ महमूद?

26 वर्षीय आसिफ महमूद का कहना है कि बांग्लादेश के लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं. उन्हें अपनी मेहनत का फल भी मिल गया है, जिसमें बांग्लादेश की आंतरिम सरकार ने उन्हें युवा एवं खेल सलाहकार बनाया है. अब वह बड़े पद पर रहते हुए बांग्लादेश में हिंदूओं के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं.

26 साल आसिफ भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के प्रमुखों में से एक हैं. आसिफ ढाका यूनिवर्सिटी में 2017-18 बैच के लैंग्वेज स्टडीज के छात्र रहे हैं. ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच ने इसी साल 26 जुलाई को आसिफ को हिरासत में लिया था. हालांकि, 1 अगस्त को हुए हुए छात्रों के विरोध में विरोध-प्रदर्शन के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था.

बांग्लादेश में हिंदूओं पर अत्याचार

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रिंसिपल डिप्टी स्पोक्सपर्सन वेदांत पटेल ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक पर हो रहे अत्याचारों पर बोलते हुए कहा कि अमेरिका इस बात पर जोर देगा कि बुनियादी मानवाधिकारों और मानवीय गरिमा का सम्मान किया जाना चाहिए. अमेरिका, भारत और बांग्लादेश में हजारों हिंदुओं के हाल ही में किए गए विरोध प्रदर्शनों पर अमेरिका की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा कि यह मुद्दा अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है.

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