ब्रेक्जिट पर टकराव, कॉलेज में गैंगरेप और अब कैंसर से... कैम्ब्रिज की पहली महिला चांसलर बनने की दौड़ मे शामिल जीना मिलर कौन?

ब्रिटेन की प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और वकील जीना मिलर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की पहली महिला चांसलर बनने की दौड़ में शामिल हुई हैं. ब्रेग्ज़िट के दौरान ब्रिटिश सरकार को कोर्ट में चुनौती देने वाली मिलर, पारदर्शिता और लोकतांत्रिक अधिकारों की मजबूत पैरोकार रही हैं. उनके सामने पूर्व सीईओ मोहम्मद एल-एरियन, लॉर्ड ब्राउन और कॉमेडियन संदी टोस्कविग जैसे दिग्गज उम्मीदवार हैं. अगर वह जीतती हैं, तो वह इस प्रतिष्ठित पद पर काबिज होने वाली पहली महिला बनेंगी, जिससे विश्वविद्यालय के नेतृत्व में ऐतिहासिक बदलाव होगा.;

( Image Source:  Social Media )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 18 July 2025 10:38 PM IST

Who is Gina Miller: ब्रिटेन की मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और बिजनेसवुमन जीना मिलर, जिन्होंने ब्रेक्ज़िट के मसले पर बोरिस जॉनसन की सरकार को कोर्ट में चुनौती दी थी, अब कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की चांसलर पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं. ये सब कुछ वो तब कर रही हैं, जब वो ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी से गुजर रही हैं.

द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, 60 वर्षीय जीना ने बताया कि उन्हें सितंबर 2024 में खुद से ब्रेस्ट कैंसर का संदेह हुआ. कई बार डॉक्टरों के पास जाने के बाद आखिरकार बायोप्सी हुई और पता चला कि उन्हें आक्रामक प्रकार का कैंसर है. अक्टूबर से फरवरी तक हाई डोज़ की कीमोथेरेपी चली और मार्च में उन्होंने डबल मास्टेक्टॉमी करवाई. अब वो दिसंबर तक लो-डोज कीमो पर हैं और जनवरी में ओवरी और फेलोपियन ट्यूब्स हटवाने की भी योजना बना रही हैं.

फरवरी में चुनाव लड़ने के लिए प्रोफेसरों ने डाला दबाव

इस कठिन दौर के बीच, फरवरी 2025 में उन्हें कुछ कैम्ब्रिज प्रोफेसरों ने चांसलर पद के लिए चुनाव लड़ने को कहा. पहले तो उन्होंने मना कर दिया, क्योंकि उन्हें लगा ये पद केवल कैंब्रिज के पूर्व छात्रों के लिए है, लेकिन जब ये गलतफहमी दूर हुई, तब भी उन्होंने केवल एक औपचारिक पद लेने से इनकार कर दिया. जीना कहती हैं, "मैं वही जिम्मेदारी लेना चाहती हूं जिससे असली बदलाव आए."

जीना का मानना है कि अब वक्त है जब चांसलर की भूमिका एक 'फिगरहेड' से आगे बढ़कर नेतृत्वकारी बन सकती है, क्योंकि चांसलर यूनिवर्सिटी काउंसिल में बैठता है और कामकाज की निगरानी कर सकता है. बावजूद इसके कि कैंब्रिज जैसा उदार और शैक्षणिक माहौल वाला संस्थान है, उनकी उम्मीदवारी से हलचल मच गई है.

कौन हैं जीना मुलर ?

Gina Nadira Miller (जन्म 1965, Guyana) एक प्रसिद्ध बिज़नेसवुमन, निवेश प्रबंधक और पारदर्शिता की नुमाइंदा नेता हैं. उन्होंने 2016 में ब्रेक्जिट (Article 50) को संसद की मंज़ूरी के बिना लागू करने के सरकार के प्रयास को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और जीत हासिल की. फिर 2019 में संसद स्थगन (prorogation) को भी उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अवैध ठहराया.  

1987 में कॉलेज कैम्पस में गैंगरेप

एक इंटरव्यू में मिलर ने बताया कि 1987 में नॉर्थ ईस्ट लंदन पॉलिटेक्निक में कानून की डिग्री के लिए अंतिम परीक्षा देने से दो महीने पहले उनका चार लोगों ने गैंगरेप किया. यह सब भारत और पाकिस्तान के मैच के बाद हुआ. उस समय मैं लाइब्रेरी में पढ़कर माइल एंड ट्यूब स्टेशन जाने वाली थी. उन्होंने मुझे मेरे गोरे बॉयफ्रेंड एड्रियन के साथ देखा था.

 शिक्षा हमेशा रही जीवन का आधार 

जीना मिलर के लिए शिक्षा हमेशा जीवन का आधार रही है. उनके पिता दूदनाथ सिंह, जो पेट्रोल पंप अटेंडेंट से गयाना के अटॉर्नी जनरल बने, उनके सबसे बड़े प्रेरणास्त्रोत थे. गयाना में तानाशाही के दौरान उन्हें 11 साल की उम्र में यूके भेजा गया ताकि वे सुरक्षित रह सकें और अच्छी शिक्षा पा सकें. आज वह कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की पहली महिला चांसलर बनने की दौड़ में हैं. उनकी यह प्रेरणा व्यक्तिगत भी है. उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का दुर्लभ PALB2 म्यूटेशन है, जिस पर कैंब्रिज के वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं. वह इसे अपना 'ऋण चुकाने' का मौका मानती हैं. वहीं, विश्वविद्यालय इस समय वित्तीय संकट से जूझ रहा है और उसे दूरदर्शी नेतृत्व की सख्त जरूरत है.

800 साल के इतिहास में कभी महिला नहीं बनी चांसलर

यूनिवर्सिटी के 800 साल के इतिहास में कभी कोई महिला चांसलर नहीं रही. Cambridge में अब पहली बार ऑनलाइन वोटिंग के ज़रिए नियुक्ति के बजाय 10‑साल की अवधि के लिए चुनाव किया जा रहा है. Miller ने चांसलर बनने का उद्देश्य इसे प्रतीकात्मक पद से बदलकर प्रभावशाली पद में बदलना बताया है- वह विश्वविद्यालय की गवर्नेंस, वित्तीय पारदर्शिता, अकादमिक स्वतंत्रता और मेंटल‑हेल्थ सुधार की वकालत करती हैं.

चुनावी मुकाबला

कुल 10 उम्मीदवारों की सूची में Gina Miller और broadcaster Sandi Toksvig दूसरी महिला चुनिंदा उम्मीदवार हैं. उनके प्रतिस्पर्धियों में हैं पूर्व BP प्रमुख Lord Browne, अर्थशास्त्री Mohamed El‑Erian, Labour नेता Chris Smith, astrophysicist Wyn Evans सहित अन्य लोग शामिल हैं. चुनाव में alumni वोटिंग ऑनलाइन और पारंपरिक रूप से दोनों में हो रही है. परिणाम 23 जुलाई 2025 को घोषित किया जाएगा. एक अन्य उम्मीदवार, एस्ट्रोफिजिक्स प्रोफेसर वायन इवांस ने अपनी कैंपेन स्टेटमेंट में तंज कसा, “अगर कैंब्रिज को खुद को चर्चित बनाने के लिए कोई हाई-प्रोफाइल या सेलिब्रिटी चांसलर चाहिए, तो हमें खुद को रियलिटी शो ‘कीपिंग अप विद द कैंटाब्रिजियन्स’ कह देना चाहिए.”

Gina Miller वो निडर नेता हैं, जिन्होंने ब्रिटेन के शासन को कानूनी रूप से चुनौती दी और जीत हासिल की. अब वह Cambridge विश्वविद्यालय की पहली महिला चांसलर बनने की दौड़ में हैं, अपनी पारदर्शिता, नैतिक मूल्यों, और शैक्षणिक सुधार के दृष्टिकोण के साथ...

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