क्या होता है Wolf Moon', कब और कहां देख पाएंगे?

पूर्णिमा के चांद का इंतजार हर किसी को है. इस दिन चांद अपने पूरे आकार में दिखाई देगा. इसकी रोशनी भी अन्य दिनों की तुलना में तेज होगी. इसी चांद को वुल्फ मून कहा जाता है. यह नाम मूल अमेरिकी परंपराओं से उत्पन्न हुआ है, जो सर्दियों के महीनों के दौरान भेड़ियों की चीख़ का प्रतीक है. आइए, वुल्फ मून के बार में आपको विस्तार से बताते हैं...;

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Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 8 Jan 2025 7:33 PM IST

Wolf Moon : नए साल का आगाज हो चुका है. इस साल हमें कई खगोलीय घटनाएं देखने को मिलेंगी, जिसमें चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण के साथ ही वुल्फ मून देखने का इंतजार जल्द ही पूरा होने वाला है. ऐसा माना जाता है कि 13 जनवरी को लोग वुल्फ मून को देख सकते हैं. ऐसा Farmer’s Almanac की रिपोर्ट में दावा किया गया है.

अब आप सोच रहे होंगे कि वुल्फ मून क्या है और इसे कब और कहां देख पाएंगे... तो आइए, आपको वुल्फ मून के बारे में विस्तार से बताते हैं...

वुल्फ मून क्या है?

दरअसल, साल के पहले पूर्णिमा के दिन निकलने वाले चांद को वुल्फ मून कहा जाता है. इस दिन चांद अपने पूरे आकार में होता है. इसकी रोशनी भी अन्य दिनों की तुलना में ज्यादा तेज रहती है. यह 13 जनवरी को शाम 5 बजकर 27 मिनट पर अपने पूरे आकार में दिखाई देगा.

वुल्फ मून कब और कहां दिखाई देगा?

यूरोप और एशिया सहित दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी क्षेत्रों में वुल्फ मून 14 जनवरी को दिखाई देगा. रविवार शाम से बुधवार सुबह तक तीन दिनों तक चंद्रमा पूर्ण दिखाई देगा. अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में चंद्रमा मंगल ग्रह के ठीक सामने से गुज़रेगा. यह एक अद्भुत नज़ारा होगा.

'वुल्फ' मून शब्द कहां से आया, इसके कई जवाब मिलते हैं. वेस्टर्न वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के अनुसार, कई उत्तरी अमेरिकी राष्ट्रों ने सर्दियों में निकलने वाले चांद को बयां करने के लिए 'वुल्फ' शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसमें चेयेन नवंबर और दिसंबर के चंद्रमाओं को 'जब भेड़िए एक साथ दौड़ते हैं' के रूप में बयां किया. वहीं सिउक्स जनवरी के चंद्रमा के लिए इसी शब्द का उपयोग करते हैं.

वुल्फ मून पर भेड़िए निकालते हैं आवाज

सेल्टिक और पुरानी अंग्रेजी लोककथाओं में शुरुआती साल के पूर्णिमा के लिए वुल्फ मून नाम दिया गया, जब ब्रिटेन और उत्तरी अमेरिका में रात के समय भेड़ियों की चीख सुनी जाती थी. ससेक्स यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री डॉ. डेरेन बास्किल ने इस साल बीबीसी साइंस फोकस को बताया कि जनवरी की पूर्णिमा को कुछ यूरोपीय संस्कृतियों द्वारा वुल्फ मून के रूप में जाना जाता है, क्योंकि भेड़िये सर्दियां बढ़ने पर भोजन की तलाश करते समय आवाज निकालते हैं. उन्होंने बताया कि 250 साल पहले ब्रिटेन में भेड़ियों का शिकार किया जाता था, जिससे वे विलुप्त हो गए. हालांकि, पूर्णिमा के नामों की मौखिक परंपरा के माध्यम से आज भी उनकी उपस्थिति को याद किया जाता है. 

15 दिसंबर को दिखाई दिया था कोल्ड मून

पिछले साल  2024 में कई शानदार चंद्र घटनाएं हुई थीं, जिनमें सुपरमून भी शामिल है. अक्टूबर में एक अतिरिक्त बड़ा और नारंगी रंग का हंटर्स मून दिखाई दिया. इसके अगले महीने नवंबर में एक और सुपरमून, बेवर मून दिखाई दिया, जो साल का चौथा सुपरमून था. साल की अंतिम पूर्णिमा पर कोल्ड मून 15 दिसंबर की सुबह के शुरुआती घंटों में दिखाई दिया. एक्सपर्ट्स सुपरमून या पूर्णिमा पर चांद को देखने के लिए स्ट्रीट लाइट्स और अन्य प्रकार के प्रकाश प्रदूषण से दूर एक क्षेत्र में जाने की सलाह देते हैं ताकि एक स्पष्ट दृश्य प्राप्त किया जा सके.

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