अमेरिका में ट्रंप की साख को कैसे लगा बट्टा, विश्वसनीयता क्यों सवालों के घेरे में?

एक साल पहले अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप सबसे ताकतवर चेहरे के रूप में उभरे थे, लेकिन झूठे चुनावी दावे, कैपिटल हिंसा, कानूनी मामलों और विभाजनकारी राजनीति ने अमेरिका में उनकी साख और विश्वसनीयता को गंभीर नुकसान पहुंचाया. एक सर्वे के मुताबिक इस साल उनकी साख को अब तक का सबसे बड़ा बट्टा लगा है. जानिए किन वजहों से ट्रंप की छवि कमजोर हुई.;

( Image Source:  ANI )

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राजनीति के सबसे विवादास्पद नेताओं में गिने जाते हैं. साल 2016 में सत्ता तक पहुंचने वाले ट्रंप ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ और मेक अमेरिका ग्रेट अगेन का नारा देकर जबरदस्त समर्थन जुटाया, लेकिन राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद से उनकी साख, भरोसे और लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता पर लगातार सवाल उठते रहे हैं. अमेरिका में एक बड़ा वर्ग अब ट्रंप को एक तरह से लोकतंत्र के लिए खतरा मानने लगा है. इसका सीधा असर यह हुआ कि उनकी लोकप्रियता सबसे निचले स्तर तक पहुंच गई है.

रॉयटर्स और इप्सोस पोल के अनुसार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अप्रूवल रेटिंग हाल के दिनों में गिरकर उनके मौजूदा कार्यकाल के लगभग सबसे निचले स्तर पर आ गई है. उनकी रिपब्लिकन पार्टी के मतदाता अर्थव्यवस्था को संभालने के उनके तरीके से बहुत नाखुश हैं. अर्थव्यवस्था को संभालने के तरीके पर ट्रंप के लिए रिपब्लिकन समर्थन में गिरावट आई. ट्रंप प्रशासन के तहत महंगाई ऊंची बनी हुई है.

रायटर के तीन दिवसीय सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 39% अमेरिकी वयस्क ट्रंप के काम के प्रदर्शन को पसंद करते हैं, जो दिसंबर की शुरुआत में 41% से कम है. नवंबर के मध्य में उनकी रेट 38% के आंकड़े तक पहुंच गई थी इस साल ट्रंप की सबसे कम रेटिंग है.

1 साल पहले ट्रंप की लोकप्रियता 47%

रिपब्लिकन नेता जनवरी में 47% रेटिंग के साथ सत्ता में लौटे थे, लेकिन तब से उनकी लोकप्रियता कम हुई है. खासकर अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के मामले में. हाल ही में सरकार के बंद होने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर डेटा इकट्ठा करने में बाधा आई, लेकिन कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि कंपनियों ने हायरिंग कम कर दी है क्योंकि कुछ लोगों ने इसे ट्रंप के आयात पर टैरिफ से लगे झटके के रूप में बताया है. सिर्फ 33% अमेरिकी वयस्कों ने कहा कि वे इस बात से सहमत हैं कि ट्रंप अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कैसे संभाल रहे हैं, जो इस साल इस मामले पर राष्ट्रपति की सबसे कम रेटिंग है.

हालांकि रिपब्लिकन राष्ट्रपति का समर्थन करना जारी रखे हुए हैं. 85% ने उनके कुल प्रदर्शन को मंजूरी दी, जो इस महीने की शुरुआत से अपरिवर्तित है. इनमें से जो ट्रंप को अर्थव्यवस्था के मामले में अच्छा करते हुए देखते हैं, उनकी संख्या नवीनतम पोल में गिरकर 72% हो गई, जो इस साल की सबसे कम रेटिंग है और महीने की शुरुआत में 78% से कम है.

चुनाव हार के बाद झूठे दावे

2020 के राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद ट्रंप ने अपने विरोधियों पर बिना ठोस सबूत चुनाव वोट चोरी का आरोप लगाया था. इससे अमेरिकी लोकतंत्र की संस्थाओं पर अविश्वास बढ़ा. उनके समर्थकों में भ्रम और गुस्सा फैला.

 कैपिटल हिल हिंसा की छाया

6 जनवरी 2021 को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल पर हमला ट्रंप समर्थकों से जुड़ा माना गया. आरोप लगे कि चुनाव हार के बाद ट्रंप के भाषण और बयान हिंसा के लिए उकसाने वाले थे. उन्होंने स्थिति को रोकने में देर की. यह घटना उनकी साख को सबसे बड़ा झटका मानी जाती है.

लगातार झूठ और भ्रामक बयान

ट्रंप पर चुनावी हस्तक्षेप, गोपनीय दस्तावेज रखने और बिजनेस फ्रॉड जैसे कई आपराधिक और सिविल केस दर्ज हुए, जिससे उनकी नैतिक और राजनीतिक छवि कमजोर हुई. फैक्ट-चेक रिपोर्ट्स के अनुसार ट्रंप को सबसे ज्यादा झूठे या भ्रामक बयान देने वाला राष्ट्रपति बताया गया. इससे उनकी विश्वसनीयता (Credibility) को गहरा नुकसान पहुंचा. ट्रंप की प्रवासियों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बयानबाजी भी उनके खिलाफ गया, जिससे अमेरिका में ध्रुवीकरण बढ़ा और उदार मतदाता उनसे दूर हुए.

मीडिया, संवैधानिक संस्थाओं से टकराव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया को 'फेक न्यूज', न्यायपालिका और एजेंसियों को पक्षपाती बताकर लोकतांत्रिक संस्थाओं की विश्वसनीयता पर हमला किया, जिसका असर उल्टा पड़ा.

अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान

ट्रंप के कार्यकाल में सहयोगी देशों से तनाव, नाटो और WHO जैसी संस्थाओं से टकराव के चलते अमेरिका की वैश्विक नेतृत्व छवि भी कमजोर हुई, जिसका दोष ट्रंप पर गया. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप आज भी अमेरिकी राजनीति में प्रभावशाली हैं, लेकिन उनकी साख पहले जैसी नहीं रही. 2020 में चुनाव परिणाम न मानना, हिंसा से जुड़ा विवाद, कानूनी संकट और विभाजनकारी राजनीति ने उन्हें एक मजबूत नेता से ज्यादा विवादित नेता बना दिया. यही कारण है कि अमेरिका में ट्रंप को लेकर समर्थन के साथ-साथ अविश्वास अब गहराता जा रहा है.

बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल अर्थव्यवस्था को ठीक करने के वादे पर राष्ट्रपति चुनाव जीता था, जो डेमोक्रेटिक पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के तहत उच्च महंगाई के दौर से गुजरी थी. ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में  महंगाई लगातार उच्च स्तर पर बनी हुई है, जो 3% के करीब है और 2% दर से ऊपर है जिसे नीति निर्माता अर्थव्यवस्था के लिए स्वस्थ मानते हैं. रहने-सहने की लागत पर ट्रंप की अप्रूवल रेटिंग 31 प्रतिशत से गिरकर 27%  तक पहुंच गई है. रायटर के ऑनलाइन पोल  में देश भर से 1,016 लोगों के जवाब लिए गए थे.

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