अब गाजा में आएगी शांति! नेतन्याहू से मिलकर ट्रंप बोले- बंधकों के लिए करने जा रहे नए समझौते

व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नेतन्याहू और राष्ट्रपति ट्रम्प की मुलाकात में व्यापार घाटे को खत्म करने और गाज़ा में युद्ध विराम की संभावनाओं पर चर्चा हुई. नेतन्याहू ने इजरायल को वैश्विक आर्थिक मॉडल बनाने का संकल्प लिया, जबकि ट्रम्प ने गाज़ा में अमेरिकी हस्तक्षेप की वकालत की. दोनों नेताओं ने बंधकों की रिहाई और हमास के खिलाफ साझा रणनीति पर भी बातचीत की.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 8 April 2025 7:02 AM IST

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. उनकी अमेरिका यात्रा केवल एक औपचारिक मुलाकात नहीं थी, बल्कि यह वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक समीकरणों के पुनर्गठन की शुरुआत बन गई है. ट्रम्प द्वारा लगाए गए 17% टैरिफ के बाद, नेतन्याहू पहले ऐसे विदेशी नेता बने जिन्होंने व्हाइट हाउस में ट्रम्प से मुलाकात की और अमेरिका के साथ संबंधों को बढ़िया करने की दिशा में ठोस कदम उठाए.

नेतन्याहू ने अमेरिका के साथ इजरायल के बढ़ते व्यापार घाटे को जल्द खत्म करने का संकल्प जताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इजरायल 'अनावश्यक व्यापार बाधाओं' को खत्म करेगा और पारदर्शी व्यापार प्रणाली को अपनाएगा. यह ट्रम्प के 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे के साथ तालमेल बैठाने का प्रयास माना जा रहा है.

हम चीन पर लगाएंगे 50 प्रतिशत से ज्यादा टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ मुलाकात के दौरान स्पष्ट संकेत दिया कि अमेरिका अब टैरिफ नीति को एक रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. चीन को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि यदि निर्धारित समय तक टैरिफ नहीं हटाए गए, तो अमेरिका मौजूदा दर से 50% अधिक टैरिफ लगाएगा. ट्रंप ने यह भी कहा कि वे निष्पक्ष व्यापार करने के लिए केवल एक बार ही प्रयास करेंगे. उन्होंने शी जिनपिंग को अच्छा दोस्त बताया और चीन के प्रति व्यक्तिगत सम्मान व्यक्त किया.

गाजा युद्ध पर हुई बातचीत

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि इजरायल का यह कदम अन्य देशों के लिए भी उदाहरण बनेगा. यह बयान केवल कूटनीतिक नहीं बल्कि रणनीतिक था. दुनिया को यह दिखाने का प्रयास था कि इजरायल वैश्विक बदलावों के बीच खुद को बैलेंस करने में अग्रणी है. ओवल ऑफिस में हुई बातचीत का एक प्रमुख हिस्सा गाजा संघर्ष पर केंद्रित रहा. ट्रम्प ने दोहराया कि वह गाजा में युद्ध का अंत होते देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि शांति अब दूर नहीं, बल्कि करीब है. नेतन्याहू ने भी ट्रम्प के 'साहसिक दृष्टिकोण' की सराहना करते हुए गाजा के भविष्य को लेकर चर्चा की.

 अमेरिका की विवादित योजना पर चर्चा

ट्रम्प ने यह प्रस्ताव फिर दोहराया कि गाजा का नियंत्रण अमेरिका जैसे ‘शांति सेना’ वाले देश को सौंपा जाना चाहिए. साथ ही फिलिस्तीनियों को अन्य देशों में बसाने की बात भी दोहराई गई. हालांकि इस प्रस्ताव की वैश्विक स्तर पर आलोचना हो रही है और इसे जातीय सफाया कहा जा रहा है. इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि हम ईरान के साथ भी सीधी बातचीत कर रहे हैं. उम्मीद है जल्द समझौता होगा.

बंधकों की रिहाई बनी प्राथमिकता

ट्रम्प और नेतन्याहू दोनों ने यह स्वीकार किया कि हमास द्वारा बंधक बनाए गए नागरिकों की रिहाई एक जटिल और लंबी प्रक्रिया है. नेतन्याहू ने कहा कि एक और संभावित समझौते पर काम हो रहा है, जिससे सभी बंधकों को छुड़ाया जा सके.

हमास को करेंगे ख़त्म

नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल का उद्देश्य न केवल हमास की सत्ता को समाप्त करना है, बल्कि गाजा के नागरिकों को 'जहां चाहें वहां जाने की स्वतंत्रता' देना भी है. यह बयान कई तरह की व्याख्याओं को जन्म देता है, क्योंकि यह क्षेत्रीय अस्थिरता को और गहरा भी कर सकता है.

युद्ध में कितने लोग मारे गए?

7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद शुरू हुए संघर्ष में अब तक इजरायल के अनुसार 1,200 लोग मारे गए और 251 बंधक बनाए गए. वहीं, स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इजरायल की जवाबी कार्रवाई में 50,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जो कि इस संघर्ष की मानवीय त्रासदी को उजागर करता है.

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