'सर, जंग शुरू हो गई है, बंकर चलिए', OP सिंदूर के दौरान पाक के राष्ट्रपति को छिपने की दी गई थी सलाह
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की शीर्ष सत्ता को हिला दिया. राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने खुलासा किया कि भारतीय सैन्य कार्रवाई के दौरान उनके मिलिट्री सेक्रेटरी ने उन्हें जंग शुरू होने की चेतावनी देते हुए बंकर में जाने की सलाह दी थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. 7 मई को हुए सटीक भारतीय हमलों के बाद LoC पर तनाव बढ़ा, सीमा पार गोलाबारी हुई और हालात युद्ध जैसे बन गए. बाद में पाकिस्तान की पहल पर DGMO स्तर पर बातचीत हुई और सीजफायर पर सहमति बनी.;
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान की शीर्ष नेतृत्व में खलबली मचा दी थी. इसका खुलासा खुद पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने किया है. उन्होंने बताया कि मई में हालात इतने गंभीर हो गए थे कि उन्हें बंकर में शरण लेने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया.
एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रपति जरदारी ने कहा कि जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सटीक सैन्य हमले किए, तब उनके मिलिट्री सेक्रेटरी ने उन्हें चेतावनी दी कि जंग शुरू हो चुकी है. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे.
‘सर, जंग शुरू हो गई है, बंकर चलिए’
आसिफ अली जरदारी ने मंच से उस पल को याद करते हुए कहा कि मेरे मिलिट्री सेक्रेटरी मेरे पास आए और बोले—‘सर, जंग शुरू हो गई है. हमें बंकर में चलना चाहिए. हालांकि, उन्होंने साफ किया कि उन्होंने इस सलाह को मानने से इनकार कर दिया. जरदारी के इस बयान को पाकिस्तान की सत्ता के गलियारों में फैले डर और असहजता के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
7 मई की सुबह और ऑपरेशन सिंदूर
भारत ने 7 मई की तड़के ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. इसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया. इससे पहले भारत नौ आतंकी कैंपों पर कार्रवाई कर चुका था. भारतीय अधिकारियों के मुताबिक ये हमले सटीक, सीमित और रणनीतिक थे, जिनका उद्देश्य आतंकी ढांचे को कमजोर करना और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकना था.
LoC पर बढ़ा तनाव, सीमा पार गोलाबारी
भारतीय कार्रवाई के बाद हालात तेजी से बिगड़े. पाकिस्तान ने सीमा पार गोलाबारी तेज कर दी, जबकि भारत ने भी लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर मुंहतोड़ जवाब दिया. दोनों देशों के बीच हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि एक बड़े सैन्य टकराव की आशंका बनने लगी. जरदारी ने दावा किया कि उन्हें इस सैन्य तनाव का अंदेशा पहले ही हो गया था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने बंकर में जाने से इनकार किया.
सीजफायर की पहल पाकिस्तान की ओर से
इस सैन्य टकराव के बाद हालात तब संभले, जब पाकिस्तान के DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) ने अपने भारतीय समकक्ष से संपर्क कर संघर्षविराम का प्रस्ताव रखा. भारत ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया. बाद में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों देशों ने जमीन, हवा और समुद्र- तीनों मोर्चों पर सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई.
हाल के वर्षों का सबसे गंभीर भारत-पाक टकराव
22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की यह जवाबी कार्रवाई हाल के वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे गंभीर सैन्य टकरावों में गिनी जा रही है. हालांकि सीजफायर के बाद हालात काबू में आए, लेकिन जरदारी का यह बयान पाकिस्तान के भीतर उस दौर के डर और दबाव को बेनकाब करता है.