चीनी मीडिया में PM मोदी का जलवा! GT ने लिखा- ड्रैगन और एलीफैंट एक साथ चलें, CGTN ने कहा- बॉर्डर विवाद नहीं बिगाड़ेगा दोस्ती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तियानजिन में हुए SCO समिट के दौरान सात साल बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति बनाए रखने, आपसी सहयोग बढ़ाने और भारत-चीन रिश्तों को दीर्घकालिक रणनीतिक नजरिए से देखने पर सहमति जताई. चीनी मीडिया ने इस मुलाकात को प्रमुखता दी और 'ड्रैगन और एलिफेंट' यानी चीन-भारत को सहयोगी साझेदार बताते हुए सकारात्मक माहौल को रेखांकित किया. इस दौरान दोनों देशों ने व्यापार, तकनीक और ग्लोबल साउथ में मिलकर काम करने पर जोर दिया.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 31 Aug 2025 10:32 PM IST

Chinese media Coverage on PM Modi Xi Jinping meeting:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सात साल बाद चीन यात्रा पर दुनिया की नज़रें टिकी रहीं. इस दौरान चीनी मीडिया ने इस दौरे को व्यापक कवरेज दी और दोनों देशों के बढ़ते सहयोग व सक्रिय कूटनीतिक दृष्टिकोण पर जोर दिया. ग्लोबल टाइम्स ने 'चीन और भारत साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं: शी' हेडलाइन से आर्टिकल प्रकाशित किया, जिसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हवाले से कहा गया है कि यदि दोनों देश सही दिशा में चलते रहे तो द्विपक्षीय संबंध लंबे समय तक स्थिर बने रहेंगे. उन्होंने 'ड्रैगन और एलिफेंट' के रूपक का जिक्र करते हुए भारत और चीन के बीच सहयोग को सही विकल्प बताया.

तियानजिन में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय मुलाकात हुई. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि दोनों नेताओं ने संबंधों में आई सकारात्मक गति की समीक्षा की और सीमा क्षेत्रों में शांति व आपसी सम्मान, हित और संवेदनशीलता पर आधारित सहयोग पर सहमति जताई.

'भारत-चीन को सीमा विवाद को रिश्तों की परिभाषा नहीं बनने देना चाहिए'

'शिन्हुआ' ने शी जिनपिंग के हवाले से कहा कि दोनों देशों को अपने संबंधों को दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए और तियानजिन बैठक के बाद और सुधार की दिशा में काम करना चाहिए. शी ने यह भी कहा कि भारत-चीन को सीमा विवाद को रिश्तों की परिभाषा नहीं बनने देना चाहिए और आपसी भरोसा व रणनीतिक संवाद को और मजबूत करना चाहिए.  यह बैठक ऐसे समय में हुई जब अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाए हैं, जिसमें रूस से तेल खरीद पर अतिरिक्त 25% शुल्क शामिल है.

चीनी पत्रकार ने हिंदी में कहा- भारत और चीन को हाथ मिलाना चाहिए 

चीन के पत्रकारों ने भी इस मुलाकात की अहमियत पर जोर दिया. हिंदी बोलने वाली पत्रकार झांग शियाओ (अंजलि) ने कहा कि भारत-चीन दुनिया के प्रमुख विकासशील राष्ट्र और विशाल अर्थव्यवस्थाएं हैं. इसलिए दोनों को साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए. मुझे लगता है कि चीन की उच्च तकनीक दुनिया भर में प्रसिद्ध है. हम इस पर सहयोग कर सकते हैं.

वू लेई ने कहा- सीमा मुद्दे व्यापक रिश्तों पर हावी नहीं होंगे

वहीं, सीजीटीएन के चीफ एडिटर वू लेई ने कहा कि दोनों नेताओं ने सीमा मुद्दे को व्यापक रिश्तों पर हावी न होने देने की बात दोहराई. उन्होंने बताया कि प्रत्यक्ष उड़ानें बहाल होने की उम्मीद है और सहयोग को सुरक्षा से आगे बढ़ाकर आर्थिक व सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक विस्तारित किया जाएगा.

'SCO समिट के बाद तियानजिन घोषणा पत्र होगा जारी'

वू ने SCO सम्मेलन के महत्व पर कहा कि यह चीन द्वारा आयोजित पांचवां शिखर सम्मेलन है, जिसमें तियानजिन घोषणा पत्र जारी होगा. 100 से अधिक गतिविधियां आयोजित की गई हैं और 3,000 से ज्यादा पत्रकार इसे कवर कर रहे हैं. सम्मेलन से बहुपक्षवाद और वैश्विक सहयोग को मजबूती मिलने की उम्मीद है.

कुल मिलाकर, मोदी-शी मुलाकात ने संदेश दिया कि भारत और चीन को सीमाओं के तनाव से ऊपर उठकर रणनीतिक साझेदारी और वैश्विक दक्षिण की नेतृत्वकारी भूमिका पर ध्यान देना चाहिए.

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