Pahalgam Terror Attack: पहलगाम नरसंहार भारत में तो अमेरिका ने 'न्यूयार्क टाइम्स' को क्यों लताड़ा? Inside Story

भारत के पहलगाम में हुए नरसंहार को 'उग्रवाद' बताने पर न्यूयॉर्क टाइम्स को अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने लताड़ लगाई. समिति ने साफ कहा कि यह घटना एक आतंकवादी हमला थी, जिसे 'मिलिटेंट अटैक' कहकर सच्चाई से छेड़छाड़ की गई. अमेरिकी विदेश मामलों की समिति ने सार्वजनिक रूप से NYT को फटकारते हुए कहा, आतंकवाद को आतंकवाद ही कहो, न कि 'मिलिटेंसी' जैसा जुमला.;

दुनिया के मशहूर अंग्रेजी अखबार ‘न्यूयार्क टाइम्स’ को अमेरिका में जबरदस्त लताड़ पड़ी है. न्यूयार्क टाइम्स (New York Times) को लताड़ पड़ने की जड़ में है भारत (कश्मीर घाटी) के पहलगाम में बीते मंगलवार को, पाकिस्तानी (Pakistani Terrorist) आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया गया नरसंहार. सवाल यह पैदा होता है कि Pahalgam Terror Attack (पहलगाम नरसंहार) जब भारत की कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में हुआ तो 'न्यूयार्क टाइम्स' को अमेरिका में क्यों लताड़ पड़ी? इस Inside Story में पढ़िए आगे की पूरी खबर.

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ जैसे प्रतिष्ठित अखबार को यह लताड़ लगाई है अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में विदेशी मामलों की संसदीय समिति ने. दरअसल इस सबकी शुरूआत करने-कराने के लिए जिम्मेदार है पहलगाम हमले को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा छापी गई एक खबर. अखबार के 22 अप्रैल 2025 के अंक में प्रकाशित खबर का शीर्षक था, “कश्मीर में उग्रवादियों ने कम से कम 24 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी”. इस खबर उसके उसके हैडिंग पर जब अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की संसदीय समिति की नजर पड़ी, तो उसे खबर का टाइटिल और उसके भीतर मौजूद जानकारी में इस्तेमाल एक शब्द पर विकट आपत्ति हुई.

Militant के इस्तेमाल से भड़की अमेरिकी समिति

न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार की प्रकाशित खबर में इस्तेमाल जिस शब्द पर आपत्ति हुई वो था ‘उग्रवादी’ यानी Militant. “हाउस ऑफ फॉरेन अफेयर्स कमेटी मेजोरिटी” के नाम से भी जानी-पहचानी वाली अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की, विदेश मामलों की संसदीय समिति की नजर जैसे ही खबर की हैडिंग और उसके भीतर मौजूद ‘Militant’ शब्द पर पड़ी, समिति के प्रतिनिधि न्यूयॉर्क टाइम्स मैनेजमेंट पर बुरी तर बिफर गए. समिति प्रतिनिधियों का कहना था कि भारत की खूबसूरत घाटी दक्षिण-कश्मीर में स्थित पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुआ नरसंहार आतंकवादी हमला है(Terrorist Attack), न कि कोई महज ‘उग्रवादी’ हमला (Militant Attack).

सुनिए न्यूयॉर्क टाइम्स....

समिति ने न केवल मुहंजुबानी ही न्यूयॉर्क टाइम्स को उसकी इस हरकत पर घेरा है. अपितु अमेरिकी संसदीय समिति ने बाकायदा इस खबर के शीर्षक का स्क्रीन-शॉट साझा करते लिखा है, “सुनिए, न्यूयॉर्क टाइम्स....हमने आपके लिए आपकी यह गलती सुधार दी है. यह एक सीधा और साफ-साफ आतंकवादी हमला था. बात चाहे भारत की हो या फिर इजराइल की बात हो. जिक्र जब आतंकवाद का होता है तो, न्यूयॉर्क टाइम्स वास्तविकता से दूर होता है.”

जान-बूझकर ‘आतंकवादी’ की जगह ‘उग्रवादी’ लिखा

ऐसा नहीं है कि न्यूयॉर्क टाइम्स से ‘आतंकवाद’ और ‘उग्रवाद’ के बीच का बड़ा फर्क, खबर में कहीं सिर्फ एक बार इस्तेमाल हो गया हो. पूरी खबर में ही ‘आतंकवाद’ की जगह ‘उग्रवाद’ शब्द इस्तेमाल किया गया है. इससे सिद्ध हो जाता है कि विदेशी अखबार ने किस तरह जान-बूझकर पहलगाम की घटना की सच्चाई से आंखें मूंद लीं. और अखबार ने षडयंत्र के तहत ‘आतंकवादी घटना’ को भी दुनिया की नजरों में हल्के रूप में दिखाने के लिए ‘उग्रवादी’ (Militant Attack) लिख डाला.

खबर में भारतीय मीडिया-अफसरों का हवाला

न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में भारत सरकार के उच्चाधिकारियों और भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देकर लिखा गया है कि, “भारत के केंद्र शासित राज्य जम्मू कश्मीर क्षेत्र के पहलगाम में मंगलवार को दोपहर के वक्त, उग्रवादियों ने पर्यटकों के एक समूह पर गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 24 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. कई घायल हो गए हैं. यह हमला एक खूबसूरत पहाड़ी बैसरान (Baisaran Valley) क्षेत्र में हुआ. जहां देवदार के पेड़ों और घाटियों से ढके हुए इलाकों को भारतीय पर्यटक बहुत पसंद करते हैं. स्थानीय लोगों में यह पर्यटन स्थल मिनी स्विट्जरलैंड” के नाम से मशहूर है. जम्मू कश्मीर के मुख्मंत्री उमर अब्दुल्ला (Chief Minister Omar Abdullah) के अनुसार इस क्षेत्र में हुआ यह हमला, बीते कुछ साल में हो चुके हमलों में से सबसे गंभीर है.’

बेशर्मी पर उतरे इस विदेशी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने हालांकि खबर में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का विदेश यात्रा (सऊदी अरब से) बीच में ही छोड़कर वापिस देश लौट जाने और, मुसीबत की इस घड़ी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस पोस्ट का भी जिक्र किया है जिसमें, ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है.

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