Pablo Escobar: फीस ना होने पर छूटी पढ़ाई, बढ़ा दर्द… बन गया क्राइम किंग, जिसे मार नहीं पाए भाड़े के हत्यारे

पाब्लो एस्कोबार दुनिया भर में सबसे खतरनाक अपराधी और ड्रग्स कारोबार का सबसे अमीर शख्स के रूप में जाना जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि जूते न होने पर स्कूल टीचर ने उसे घर वापस भेज दिया. फीस न होने पर यूनिवर्सिटी की पढ़ाई छोड़नी पड़ी. उसके दर्द ने ऐसा रास्ता चुना जिसे उसे बना दिया क्राइम किंग, जिसका खौफ पुलिस, सरकार और भाड़े के हत्यारे भी खत्म नहीं कर पाए. दो दिसंबर को ही उसकी मौत हुई थी. जानें, पाब्लो एस्कोबार की ज़िंदगी का वह मोड़, जिसने इतिहास को हिला दिया.;

Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 2 Dec 2025 6:31 PM IST

Pablo Escobar Story: पूरी दुनिया में पाब्लो एस्कोबार एक ऐसा नाम है. जिसने डर को नई पहचान दी. कोलंबिया की तंग गलियों में जन्मे इस लड़के का सपना था पढ़कर आगे बढ़ने का, लेकिन जूते व फीस न होने से स्कूल व यूनिवर्सिटी का दरवाजा उसके लिए बंद हो गया. उसके अंदर जमे दर्द ने एक ऐसी आग जलाई, जिसने दुनिया को सबसे बड़े, सबसे अमीर और सबसे खतरनाक ड्रग लॉर्ड का रूप दे दिया. इसी डर के दम पर पाब्लो ने क्राइम का साम्राज्य स्थापित किया. अफसोस की बात यह है कि जिस दर्द ने उसे बनाया क्राइम किंग, उसी के साये में वह इस दुनिया से रुखसत होने के लिए मजबूर होना पड़ा. उसे इस बात की खुशी थी कि वो बहुत बड़ा अमीर बन गया, लेकिन इस गम से पार नहीं पा सका कि वो एक अच्छा पति और पिता और इंसान नहीं बन सका.

स्कूल की फीस नहीं, सपने अधूरे

दरअसल, एस्कोबार का जन्म एक ग्रामीण किसान आबेल डी जीसस एस्कोबार और एक प्राथमिक स्कूल शिक्षिका हेमिल्दा गैविरिया के घर हुआ था. पाब्लो एस्कोबार के घर में छह बच्चों में से एक थे. पाब्लो और उसका परिवार एक ऐसे घर में रहते थे जहां बिजली नहीं थी लेकिन पानी की सुविधा थी. उसे और उसके भाई को एक बार स्कूल से घर भेज दिया गया था, क्योंकि पाब्लो के पास जूते नहीं थे. एस्कोबार ने यूनिवर्सिडाड डी एन्तियोकिया में राजनीति विज्ञान का अध्ययन किया, लेकिन जब वह आवश्यक फीस जमा नहीं कर पाया तो उसे मजबूरन पढाई रोक देनी पडी.

गरीब परिवार में जन्मे एस्कोबार को बचपन से ही पढ़ने का शौक था, लेकिन स्कूल की फीस न जुटा पाने के कारण उसे कई बार वापस भेज दिया गया. यूनिवर्सिटी की पढ़ाई भी इसी वजह से अधूरी रह गई. यहीं से उसके भीतर गुस्सा और हताशा पनपी. ऐसे में उसने अमीर आदमी बनने की ठान ली.  पहली बार उसने कब्र के पत्थरों को चुराकर और उन्हें तस्करों के हाथों बेचकर कथित तौर पर अपने आपराधिक कैरियर की शुरुआत की.

20 की उम्र में बन गया था खूंखार अपराधी

पाब्लो एक चालबाज के रूप में आगे बढ़ता रहा और उसने पैसे कमाने के लिए वह सब कुछ करना शुरू कर दिया जो वह कर सकता था. अपने गिरोह के साथ छोटे-छोटे घोटाले करने से लेकर वर्जित सिगरेटों और नकली लॉटरी टिकटों को बेचने तक. यहां तक कि उसने बैंक से बाहर आते हुए लोगों से नकदी भी लूटना शुरू कर दिया. उस समय वह केवल 20 वर्ष का था और एक संपूर्ण कार चोर बन गया था.

1970 के दशक के आरंभ में, वह एक चोर और एक अंगरक्षक था और नशीली दवाओं के व्यापार में प्रवेश से पहले उसने एक मेडेलिन एग्जिक्यूटिव के अपहरण और फिरौती से झटपट 100,000 डॉलर जुटा लिया था. सफलता की सीढियां चढ़ते हुए उसका अगला कदम था बहु-करोड़पति एवं प्रतिबंधित तस्कर, अलवारो प्रेटो के लिए काम करते हुए एक करोड़पति बनना. अपने समर्पण और छल के जरिये, पाब्लो उस समय तक 22 वर्ष की उम्र में ही एक करोड़पति बन गया था.

अपराध की दुनिया में तेज उभार

जल्द ही उसे ड्रग ट्रैफिकिंग में इतना पैसा दिखा कि उसने इस रास्ते को ही अपना भविष्य बना लिया. मेडेलिन कार्टेल की नींव रखी और देखते ही देखते अरबों डॉलर का साम्राज्य खड़ा कर दिया. एस्कोबार दुनिया के सबसे अमीर अपराधियों में शामिल हो गया. पाब्लो के भाई, रॉबर्टो एस्कोबार द्वारा रिलीज की गयी एक पुस्तक, "द अकाउंटंट्स स्टोरी" में यह चर्चा है कि किस प्रकार पाब्लो गरीबी और गुमनामी की स्थिति से उठकर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बन गया.

विश्व इतिहास में सबसे बड़ा और सबसे सफल आपराधिक संस्थान, मेडेलिन ड्रग कार्टेल कई बार एक दिन में 15 टन कोकीन की तस्करी करता था, जिसकी कीमत संयुक्त राज्य अमेरिका के अंदर आधे बिलियन डॉलर से अधिक थी. पाब्लो के लेखाकार, रॉबर्टो के अनुसार उसके और उसके भाई के कारोबार में सिर्फ नगदी की गड्डियों को बांधने के लिए खरीदे जाने वाले रबर बैंड पर प्रति सप्ताह 1,000 डॉलर खर्च होता था. उसके पास इतना अधिक काला धन था कि वे इसे बैंक में भी जमा नहीं कर सकते थे. फिर उन्होंने नगदी की गड्डियों को अपने भंडार गृहों में जमा कर दिया, जिनमें से प्रतिवर्ष 10% "रद्दी" के रूप में नष्ट होता रहा, जब रात को चूहों ने घुसकर सौ-सौ डॉलर के बिलों को कुतरना शुरू कर दिया. पाब्लो एस्कोबार एक ऐसा नाम जिसने डर को एक पहचान दी.

सरकार, पुलिस और हत्यारे सब नाकाम

एस्कोबार का नेटवर्क इतना मजबूत था कि भाड़े के हत्यारे भी उसे खत्म नहीं कर सके. कोलंबिया की पुलिस, सेना और अमेरिका की DEA सबका सामना अकेले करता रहा. वह खुद को रॉबिनहुड दिखाने की कला भी जानता था, जिससे जनता का बड़ा वर्ग का समर्थक बन गया.

एक दौर ऐसा भी आया जब पैसे लेकर हत्या करने वाले एक ब्रिटिश दल ने 1989 में दुनिया के सबसे खतरनाक अपराधी के संसार में कदम रखा था. इस दल का इरादा दुनिया के सबसे खतरनाक अपराधी की हत्या करना था और इस दल का नेतृत्व स्कॉटलैंड के पीटर मैक्लेज कर रहे थे.

ये लोग पाब्लो एस्कोबार की हत्या करना चाहते थे, जो उस समय कोलंबिया ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में सबसे खतरनाक माने जाने वाले मैडलिन ड्रग कार्टेल का सर्वेसर्वा हुआ करते थे. अपराध की दुनिया के इतिहास में पाब्लो एस्कोबार को सबसे अमीर गैंगस्टर माना जाता रहा, लेकिन कोलंबिया सरकार से अकूत पैसा मिलने के बाद भी वो पाब्लो को नहीं मार पाए.

पाब्लो एस्कोबार की पहचान दुनिया भर में कोकीन के सबसे बड़े निर्माता और डिस्ट्रीब्यूटर की थी, उस समय दुनिया भर में कोकीन के कारोबार के 80 प्रतिशत हिस्से पर एस्कोबार का कब्जा था. ब्रिटिश सेना की स्पेशल एयर सर्विस के पूर्व कर्मचारी मैक्लेज को पाब्लो एस्कोबार को मारने की सुपारी कोलंबिया में उनके प्रतिद्वंद्वियों ने दी थी. डॉक्यूमेंट्री 'किलिंग एस्कोबार' में इस नाकाम मिशन और उसके पीछे के शख़्स की कहानी को दिखाया गया है.

मैक्लेज ने के अनुसार, "अगर आपके पास पर्याप्त अनुभव ना हो, तो फिर आपको पाब्लो एस्कोबार की हत्या के लिए संपर्क नहीं किया जा सकता. मुझे उसकी हत्या करने में कोई हिचक नहीं थी, मैं इसे हत्या के तौर पर नहीं देख रहा था, मैं उसे अपने टारगेट के तौर पर देख रहा था." काली कार्टेल से जुड़े गैंगस्टर इस बात को लेकर निश्चिंत थे कि एस्कोबार की हत्या तब हो सकती है, जब वह अपने लग्जरी फार्महाउस नेपल्स एस्टेट में मौजूद हो.

 पाब्लो का ऐसे हुआ खेल खत्म

सालों की भिड़ंत के बाद 1993 में एस्कोबार को पकड़ने की कोशिशों ने आखिरकार उसे घेर लिया. हमले की योजना के मुताबिक दो हेलीकॉप्टर को एस्कोबार के फार्म हाउस में नेपल्स एस्टेट में प्रवेश करना और हमलावरों को एस्कोबार के सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चलाते हुए एस्कोबार की हत्या करके उसका सिर काटकर ट्रॉफी के तौर पर ले जाना था. जब उन्हें मुखबिर से एस्कोबार के एस्टेट पहुंचने की जानकारी मिली, तो उन्होंने हमले की तैयारी की, लेकिन यह हमला कभी नहीं हो सका.

फिर वो समय आ गया जब एस्कोबार के खिलाफ युद्ध 2 दिसंबर 1993 को समाप्त हो गया. जब उसने एक बार फिर सर्च ब्लॉक से बचकर भाग निकलने की कोशिश की. अमेरिकी एजेंसियों ने रेडियो ट्रायंगुलेशन तकनीक का उपयोग करते हुए, एक कोलंबियाई इलेक्ट्रॉनिक निगरानी दल ने पाया कि वह मेडेलिन में एक मध्यम-वर्गीय बैरियो में छुपा हुआ है. अधिकारियों के नजदीक आने के साथ ही, एस्कोबार और उसके अंगरक्षक, अल्वारो डी जीसस एगुदेलो उर्फ एल लिमोन के साथ गोलीबारी शुरू हो गई. दो भगोड़े ने सड़क के आसपास के घरों की छतों पर दौड़ते हुए पीछे की सड़क तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन कोलंबियाई राष्ट्रीय पुलिस ने दोनों को गोली मार दी. पैर, धड़ और कान पर पर गोलियां दागी गईं. इसमें सबसे घातक निशाना कान पर था. पर, यह कभी साबित नहीं हो पाया कि किसने सबसे आखिरी निशाना एस्कोबार के सिर पर लगाया. मैक्लेज और टॉमकिंस को ले कर उड़ा हेलिकॉफ्टर एंडीज पर्वतमाला में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में पायलट की मौत हो गई थी.

Similar News