दशकों से चल रहा एकतरफा रिश्ता, अब देर हो चुकी है... मोदी-पुतिन की मीटिंग से ट्रंप को लगी मिर्ची, टैरिफ को लेकर कही ये बात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अमेरिकी उत्पादों पर ऊंचे टैरिफ लगाने और रूस से तेल खरीद जारी रखने का आरोप लगाया. उन्होंने दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को "पूरी तरह से एकतरफा" बताया. वहीं भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपने राष्ट्रीय हित और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा.;
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर फिर से हमला बोला और इन्हें “पूरी तरह से एकतरफा” करार दिया. ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन के इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर रहे थे. ट्रंप ने भारत पर अमेरिकी उत्पादों पर ऊंचे टैरिफ लगाने का आरोप लगाया और कहा कि इस वजह से दोनों देशों का व्यापार असंतुलित है.
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारत ने अमेरिका को बहुत अधिक सामान बेचा है, जबकि अमेरिका ने भारत को बहुत कम निर्यात किया है. उनके अनुसार, यह संबंध कई दशकों से असमान बने हुए हैं और अब तक भारत ने टैरिफ कम करने की दिशा में पर्याप्त कदम नहीं उठाए. उन्होंने कहा कि भारत ने हाल ही में टैरिफ को शून्य करने की पेशकश की है, लेकिन यह फैसला बहुत देर से लिया गया है.
'इंडोनेशिया-शैली समझौते' का जिक्र
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी याद दिलाया कि उन्होंने पहले ही “इंडोनेशिया-शैली समझौते” का सुझाव दिया था. इस समझौते के तहत इंडोनेशिया पर अमेरिकी उत्पादों पर 19% शुल्क लागू हुआ था, जबकि अमेरिकी निर्यातकों को इंडोनेशियाई बाजार में शून्य टैरिफ का लाभ मिला था. लेकिन भारत के लिए यह राजनीतिक रूप से स्वीकार्य नहीं रहा क्योंकि इससे उसकी आर्थिक स्वायत्तता पर असर पड़ता.
ठप पड़ी व्यापार वार्ता
ट्रंप और मोदी सरकार के बीच व्यापार वार्ता पिछले वर्ष कई दौर में हुई थी. मार्च से जुलाई के बीच हुई पांच बैठकों में तकनीकी स्तर पर रूपरेखा तैयार की गई थी. इसके बावजूद तीन बड़े मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई - कृषि बाजार में पहुंच, टैरिफ पारस्परिकता और विश्व व्यापार संगठन (WTO) से जुड़े विवाद. अगस्त में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा अचानक रद्द होने से वार्ता और भी जटिल हो गई.
50% तक पहुंचा अमेरिकी शुल्क
ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25% पारस्परिक टैरिफ और रूस से तेल खरीद पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया, जिससे भारत पर कुल शुल्क 50% तक पहुंच गया. ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन पर मास्को के हमलों को बढ़ावा दे रहा है. हालांकि, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसका बचाव करते हुए कहा कि यही पैमाना चीन और यूरोपीय संघ पर लागू नहीं होता, जबकि वे भी रूसी ऊर्जा के बड़े खरीदार हैं.
अमेरिकी अधिकारियों का दबाव
ट्रंप के बयानों ने दोनों देशों के बीच तनाव को और गहरा कर दिया है. अमेरिकी अधिकारियों ने भी भारत की नीतियों पर लगातार आलोचना की है. व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर, ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर सार्वजनिक दबाव बनाया. इसके अलावा पाकिस्तान के साथ हुए युद्धविराम समझौते का श्रेय अमेरिका को न देने से भी ट्रंप की नाराज़गी और बढ़ गई.
भारत का सख्त जवाब
भारत ने इन सभी आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा है कि एक प्रमुख अर्थव्यवस्था होने के नाते वह अपने राष्ट्रीय हित और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया कि भारत किसी दबाव में नहीं झुकेगा और नए वैश्विक बाजारों पर ध्यान केंद्रित करेगा. उन्होंने वाशिंगटन द्वारा लगाए गए टैरिफ को “अनुचित और अविवेकपूर्ण” बताया.
व्यापारिक रिश्तों में बढ़ती खाई
अमेरिका-भारत के व्यापारिक रिश्ते लगातार उतार-चढ़ाव से गुजर रहे हैं. 2024 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य रहा, जहां भारत ने 87.3 बिलियन डॉलर का निर्यात किया. ट्रंप के मुताबिक भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर ऊंचे टैरिफ लगाए हैं, जिसके कारण अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में प्रवेश करने में मुश्किल आती है. उन्होंने इसे “पूरी तरह से एकतरफा आपदा” बताया और कहा कि भारत अपनी ऊर्जा और सैन्य जरूरतों के लिए अमेरिका के बजाय रूस पर अधिक निर्भर है.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1. डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर क्या आरोप लगाए?
ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर ऊंचे टैरिफ लगाता है, जबकि अमेरिका भारतीय सामान का सबसे बड़ा खरीदार है. उन्होंने इसे “पूरी तरह से एकतरफा रिश्ता” बताया.
Q2. रूस से तेल खरीद को लेकर ट्रंप की क्या आपत्ति है?
ट्रंप का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को परोक्ष रूप से बढ़ावा दे रहा है. वहीं, भारत का कहना है कि यही पैमाना चीन और यूरोपीय संघ पर लागू नहीं किया गया, जो रूस के बड़े खरीदार हैं.
Q3. भारत और अमेरिका के बीच किन मुद्दों पर व्यापार वार्ता अटकी?
दोनों देशों की वार्ता तीन मुख्य मुद्दों पर अटक गई - कृषि बाज़ार तक पहुंच, टैरिफ पारस्परिकता और WTO से जुड़े विवाद.
Q4. भारत ने अमेरिकी टैरिफ पर क्या प्रतिक्रिया दी?
भारत ने अमेरिकी टैरिफ को “अनुचित और अविवेकपूर्ण” बताया है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत किसी दबाव में नहीं झुकेगा और नए वैश्विक बाजारों पर ध्यान देगा.
Q5. अमेरिका-भारत व्यापार का मौजूदा स्तर क्या है?
2024 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य रहा, जहां भारत ने लगभग 87.3 बिलियन डॉलर का निर्यात किया.