इमरान खान की बहनें देशद्रोही! ठंड में पानी की बौछार, तानाशाह आसिम मुनीर की फ़ौज ने आधी रात क्यों ढाए जुल्म?
पाकिस्तान में इमरान खान से मुलाकात की मांग करना उनकी बहनों और PTI समर्थकों को भारी पड़ गया. अदालत के आदेश के बावजूद अदियाला जेल के बाहर धरना दे रहे लोगों पर आधी रात को पानी की बौछार और लाठीचार्ज किया गया. इसके बाद इमरान की बहनों समेत 400 लोगों पर आतंकवाद तक की धाराओं में FIR दर्ज की गई. यह कार्रवाई पाकिस्तान में लोकतंत्र, मानवाधिकार और सेना के बढ़ते दखल पर गंभीर सवाल खड़े करती है.;
पाकिस्तान में सियासत अब सिर्फ चुनाव और संसद तक सीमित नहीं रही, बल्कि जेल के बाहर सड़कों पर उतर आई है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात का अधिकार मांगना उनकी बहनों और समर्थकों को इतना महंगा पड़ेगा, शायद इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. कड़ाके की सर्दी, आधी रात का वक्त और सामने पुलिस–सेना का पूरा अमला-मंज़र किसी लोकतांत्रिक देश से ज़्यादा एक दमनकारी शासन की तस्वीर पेश करता है.
अदालत के स्पष्ट आदेश के बावजूद इमरान खान की बहनों को अपने भाई से मिलने से रोका गया. इसके बाद जो हुआ, उसने पाकिस्तान में कानून, मानवाधिकार और सत्ता के रिश्ते पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए. पानी की बौछार, लाठीचार्ज और फिर आतंकवाद जैसी धाराओं में FIR—यह कार्रवाई सिर्फ प्रदर्शनकारियों पर नहीं, बल्कि न्यायिक व्यवस्था पर भी एक खुली चुनौती मानी जा रही है.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
अदालत का आदेश, फिर भी रास्ता बंद
पाकिस्तानी अदालत पहले ही आदेश दे चुकी है कि इमरान खान के परिवार को सप्ताह में एक बार उनसे मिलने दिया जाए. मंगलवार को इसी आदेश के तहत उनकी बहनें अदियाला जेल पहुंचीं. लेकिन जेल प्रशासन और सुरक्षा बलों ने न सिर्फ मुलाकात से इनकार किया, बल्कि इलाके को छावनी में बदल दिया. इससे साफ हुआ कि फैसले कागजों तक सीमित हैं, ज़मीन पर सत्ता की मर्जी चल रही है.
धरना बना ‘अपराध’
इमरान खान की बहनें अलीमा खान, उज्मा खान और नोरेन खान नियाजी PTI कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ शांतिपूर्ण धरने पर बैठीं. मांग सिर्फ इतनी थी कि अदालत का आदेश लागू किया जाए. लेकिन इस विरोध को “कानून व्यवस्था के लिए खतरा” बताकर पुलिस ने बल प्रयोग का फैसला लिया.
आधी रात का ऑपरेशन, ठंड में पानी की बौछार
रात करीब 2 बजे पुलिस ने कार्रवाई शुरू की. सर्द मौसम में प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की गई और फिर लाठीचार्ज किया गया. महिलाओं और बुजुर्गों को भी नहीं बख्शा गया. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो इस बात की गवाही देते हैं कि यह भीड़ को हटाने की नहीं, बल्कि डर पैदा करने की कोशिश थी.
FIR में आतंकवाद तक की धाराएं
कार्रवाई यहीं नहीं रुकी. 17 दिसंबर को 35 नामजद और करीब 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई. इसमें आतंकवाद विरोधी कानून (ATA), दंगा, हत्या की कोशिश, पेट्रोल बम इस्तेमाल और धारा 144 के उल्लंघन जैसी गंभीर धाराएं जोड़ी गईं. नामजद आरोपियों में इमरान की बहनें, PTI महासचिव सलमान अकरम राजा, नेता आलिया हमजा और पार्टी के वकील नईम पंजहुता भी शामिल हैं.
गिरफ्तारियां और एंटी-टेरर कोर्ट
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, PTI के कम से कम 14 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. इन्हें आतंकवाद विरोधी अदालत (ATC) में पेश किया गया, जहां तीन दिन की फिजिकल रिमांड मंजूर कर ली गई. इससे यह संदेश गया कि विरोध को आतंकवाद के बराबर रखकर कुचलने की नीति अपनाई जा रही है.
मुनीर की फौज पर सवाल
इस पूरी कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की भूमिका पर सवाल तेज हो गए हैं. विपक्ष का आरोप है कि सेना सरकार के साथ मिलकर इमरान खान और PTI को पूरी तरह खत्म करना चाहती है. इमरान की बहनों पर की गई सख्ती को इसी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है.
लोकतंत्र या डर का राज?
इमरान खान की बहनों पर कार्रवाई ने पाकिस्तान में लोकतंत्र की सेहत पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. जब अदालत के आदेश भी ताकत के आगे बेअसर हो जाएं, तो आम नागरिक के अधिकारों का क्या होगा? यह मामला अब सिर्फ एक नेता या पार्टी का नहीं, बल्कि उस सिस्टम का बन गया है, जहां सत्ता सवाल पूछने वालों को अपराधी बना देने पर आमादा है.