आइकॉनिक ‘लोलिता’ बदनाम कैसे? एपस्टीन से कनेक्शन पर बवाल, जानें सोशल मीडिया पर रहस्य उजागर करने की क्यों हो रही मांग
बुक 'लोलिता' सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है. इसकी वजह है कि यह बाल यौन शोषण विषय पर आधारित है. इसकी कहानी जेफ्री एपस्टीन से मिलती जुलती है. एपस्टीन को सेक्स के सौदागर के रूप में जाना जाता है. हालांकि, इस पुस्तक के लेखक व्लादिमिर नाबोकोव ने खुद माना था कि उन्होंने यह उपन्यास 'लोलिता' इंसान की विकृति मानसिकता, जुनून और क्रिमिनल माइंडसेट को दिखाने के लिए लिखी थी.;
पुस्तक 'लोलिता' किसी एक सच्ची घटना या व्यक्ति पर सीधे आधारित नहीं है. हालांकि, व्लादिमिर नाबोकोव ने खुद माना था कि उन्होंने यह उपन्यास मानव विकृति, जुनून और अपराधी मानसिकता को दिखाने के लिए लिखा था. यह किताब बाल यौन शोषण को महिमामंडित नहीं करती, बल्कि उसे मानसिक बीमारी और अपराध के रूप में पेश करती है.
समझें पुस्तक ‘लोलिता’ की कहानी
लोलिता की कहानी का केंद्र है हम्बर्ट. (Humbert Humbert) एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति, जिसे नाबालिग लड़कियों के प्रति गलत लगाव की वजह से वहां ले जाता हैं, अस्वस्थ आकर्षण है. हम्बर्ट 12 साल की लोलिता से जुनूनी लगाव पाल लेता है. वह उसकी मां से शादी करता है. ताकि बच्ची के करीब रह सके. बाद में मां की मौत हो जाती है. हम्बर्ट लोलिता को अपने नियंत्रण में रख, उसके साथ गलत काम करता है. लोलिता की कहानी अपराधी के नजरिए से कही गई है, ताकि उसकी विकृति उजागर हो सके.
जेफ्री एपस्टीन से ‘लोलिता’ क्यों जोड़ी जा रही है?
यहीं से मामला संवेदनशील हो जाता है. ऐसा इसलिए कि अमेरिकी अरबपति फाइनेंसर था. नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोप में पह 2019 में जेल गया था. जेल में उसकी संदिग्ध अवस्था में मौत हुई थी. उसे नाबालिगों से सेक्स का सौदागर माना जाता है.
‘लोलिता’ से तुलना क्यों?
एपस्टीन पर आरोप थे कि वह नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करता था. साथ ही उसका सौदा भी करता था. कई रिपोर्ट्स और मीडिया नैरेटिव में उसकी गतिविधियों को रियल लाइफ लोलिता नेटवर्क’ कहा गया है, लेकिन लोलिता किताब एपस्टीन पर आधारित नहीं है. इसके बावजूद सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है.
क्यों है यह मुद्दा चर्चा में?
एपस्टीन केस से जुड़े नए दस्तावेज और नाम सामने आए हैं. उसके बाद से सोशल मीडिया पर ‘Lolita’ शब्द का गलत संदर्भ में इस्तेमाल हो रहा है. कुछ लोग किताब को गलत तरीके से रोमांटिक तरीके से पेश कर रहे हैं. हॉलीवुड, राजनीति और एलिट नेटवर्क से इसे जोड़ा जा रहा है.
लोलिता किताब बाल शोषण का जिक्र है, पर लेखक का मकसद वो नहीं, जिसकी वजह से यह पुस्तक कुछ दिनों से चर्चा में है. इस किताब में अपराधी मानसिकता की आलोचना की गई है. जबकि एपस्टीन एक वास्तविक अपराधी था, लोलिता काल्पनिक पात्र है. ‘लोलिता’ एक साहित्यिक कृति है, जबकि जेफ्री एपस्टीन एक वास्तविक अपराधी था. दोनों को जोड़ना नैरेटिव और प्रतीकात्मक स्तर पर होता है, न कि तथ्यात्मक रूप में. असल खतरा तब होता है, जब फिक्शन को रियलिटी समझ लिया जा रहा है.
एपस्टीन के नजरिए से देखें तो लोलिता किसी लड़की का नाम नहीं, बल्कि एक कोड-वर्ड और प्रतीक है. लोलिता एक्सप्रेस (Lolita Express), एपस्टीन का निजी जेट, जिस पर सवार होकर, राजनेता, अरबपति, सेलिब्रिटी, उसके प्राइवेट आइलैंड तक जाते थे. इस विमान का नाम ही था “Lolita Express”. “लोलिता” शब्द का मतलब मशहूर उपन्यास Lolita से आया है, जो नाबालिग लड़की के यौन शोषण की कहानी पर आधारित है. इसलिए एपस्टीन केस में लोलिता (माइनर विक्टिम का प्रतीक) है.
सोशल मीडिया पर “लोलिता” क्यों ट्रेंड कर रही है?
सोशल मीडिया पर लोलिता के ट्रेंड करने की तीन बड़ी वजहें हैं. पहला फ्लाइट लॉग वायरल, सोशल मीडिया पर फिर से ट्रेंड कर रहे हैं. Lolita Express की पैसेंजर लिस्ट जिसमें बड़े नाम होने का दावा किया जा रहा है. दूसरा #ReleaseTheList का ट्रेंड में होना है. लोग मांग कर रहे हैं कि “एपस्टीन से जुड़े सभी नाम सार्वजनिक करो” तीसरी बड़ी वजह मीम्स प्लस डीप थ्रेड्स, जो X (Twitter), Reddit और Instagram पर डीप थ्रेड्स थ्योरी, एलिट नेटवर्क के चार्ट के रूप में चर्चा में हैं.
दरअसल, 'लोलिता' अपनी उत्कृष्ट साहित्यिक शैली और बाल शोषण जैसे वर्जित विषय के कारण लगातार चर्चा और बहस का केंद्र बनी रहती है, जो इसे 20वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण और समस्याग्रस्त कृतियों में से एक बनाती है.
'कल्ट फेवरेट' (Cult Favorite) यानी आइकोनिक का मतलब है कोई ऐसी चीज (प्रोडक्ट, फिल्म, शो, व्यक्ति) जिसे एक छोटे, लेकिन बहुत समर्पित और जुनूनी प्रशंसक समूह (कल्ट) द्वारा बेहद पसंद किया जाता है और जिसकी बहुत तारी की जाती है, जो अक्सर मुख्यधारा में भले ही न हो, लेकिन अपने खास दर्शकों के लिए आइकॉनिक होता है.