आसमान में दिखा अमेरिका का 'Doomsday Plane', क्या ईरान-इज़रायल युद्ध में US की एंट्री हो गई तय?

ईरान-इज़रायल युद्ध के बीच अमेरिका का ‘डूम्सडे प्लेन’ E-4B Nightwatch आसमान में नजर आया. यह विमान परमाणु युद्ध जैसी आपात स्थिति में अमेरिकी कमांड की बागडोर संभालता है. इसकी अचानक उड़ान ने संकेत दिए हैं कि अमेरिका ईरान के खिलाफ बड़े कदम की तैयारी में हो सकता है. विमान में इनफ्लाइट फ्यूलिंग, EMP-प्रूफ सिस्टम और वैश्विक संचार तकनीकें हैं. यह उड़ान डोनाल्ड ट्रंप की ईरान को आत्मसमर्पण की चेतावनी के बाद हुई है.;

Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 20 Jun 2025 12:58 PM IST

इजरायल और ईरान के बीच युद्ध जैसे हालात के बीच अमेरिका ने अपना सबसे गोपनीय और शक्तिशाली सैन्य विमान 'डूम्सडे प्लेन' (E-4B Nightwatch) आसमान में उतार दिया है. यह वही विमान है जिसे अमेरिका किसी परमाणु हमले या राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में राष्ट्रपति और शीर्ष सैन्य अधिकारियों के लिए उड़ाता है. इसकी उड़ान ऐसे समय में देखी गई जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से बिना शर्त आत्मसमर्पण की मांग की और वॉशिंगटन ने इजरायल को पूरा सैन्य समर्थन देने का ऐलान किया.

इस विशेष विमान की उपस्थिति ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है कि कहीं यह किसी बड़े सैन्य टकराव की तैयारी का संकेत तो नहीं. ‘डूम्सडे प्लेन’ को उड़ते हुए देखना इतिहास में कई बार गंभीर संकट की आहट साबित हो चुका है और इस बार यह मध्य पूर्व में एक और युद्ध की संभावनाओं को और गहरा कर रहा है.

क्या है डूम्सडे प्लेन?

E-4B Nightwatch, अमेरिका की वायुसेना का सबसे संवेदनशील और सुरक्षित विमान है, जिसे परमाणु युद्ध की स्थिति में अमेरिकी राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री और सैन्य प्रमुखों के लिए हवाई कमांड सेंटर के रूप में तैयार किया गया है. यह विमान न केवल न्यूक्लियर अटैक और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स (EMP) को सहने की क्षमता रखता है, बल्कि दुनिया के किसी भी कोने से सैन्य आदेश और रणनीति संचालित कर सकता है.

डूम्सडे प्लेन की खासियतें

  • परमाणु हमले और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स (EMP) का सामना कर सकता है
  • 67 सैटेलाइट एंटीना और डिश, जिससे दुनिया में कहीं भी सुरक्षित संचार संभव
  • विमान में तीन डेक (मंज़िल) होते हैं - जिसमें रणनीतिक कांफ्रेंस रूम, संचार क्षेत्र, और आराम करने के लिए 18 बर्थ होते हैं
  • इन-फ्लाइट रिफ्यूलिंग की मदद से 35 घंटे से भी अधिक लगातार उड़ान भर सकता है
  • यह विमान पूरी तरह से पोर्टेबल व्हाइट हाउस या फ्लाइंग पेंटागन की तरह कार्य करता है

क्यों कहते हैं इसे 'डूम्सडे प्लेन'?

क्योंकि यह विमान उस स्थिति में काम आता है जब ज़मीन पर सभी सैन्य कमांड सिस्टम खत्म हो जाएं या नष्ट हो जाएं, जैसे परमाणु युद्ध की स्थिति में. तब भी अमेरिका की सरकार और सेना इस विमान से युद्ध संचालन और निर्णय ले सकती है. इसीलिए इसे 'डूम्सडे' यानी प्रलय का दिन का प्लेन कहा जाता है. यह विमान न केवल सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि अमेरिका किस हद तक किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहता है.

कहां से उड़ा और कहां उतरा?

यह हाई-सिक्योरिटी विमान मंगलवार को लुइज़ियाना स्थित बार्क्सडेल एयर फोर्स बेस से शाम 6 बजे उड़ान भरने के बाद, लगभग 4 घंटे की फ्लाइट के बाद मैरीलैंड स्थित जॉइंट बेस एंड्रयूज पर रात 10 बजे के बाद उतरा. इस बार विमान ने 'ORDER6' की जगह 'ORDER01' कॉलसाइन का इस्तेमाल किया, जो पहले कभी नहीं हुआ था.

क्या यह अभ्यास था या संकेत?

हालांकि अमेरिकी वायुसेना समय-समय पर E-4B की उड़ानों से ऑपरेशनल तत्परता की जांच करती है, लेकिन इस बार की उड़ान का समय और सन्दर्भ कई मायनों में असाधारण है. यह उड़ान ऐसे समय में हुई जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से 'बिना शर्त आत्मसमर्पण' की मांग की और इज़रायल को 'पूरी सैन्य मदद' देने की बात दोहराई. दूसरी ओर, ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने साफ कहा, “ईरान न युद्ध में झुकेगा, न थोपे गए शांति प्रस्ताव में. हम किसी के आगे नहीं झुकेंगे.”

यह वही विमान है जिसका उपयोग 9/11 हमले के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने किया था. साथ ही, यह 1995 में हैरीकेन ओपल के समय FEMA टीम को ले जाने के लिए भी तैनात किया गया था.

युद्ध की उल्टी गिनती?

इस समय ईरान में इज़रायली हवाई हमलों में अब तक 600 से ज्‍यादा मौतें हो चुकी हैं. वहीं, इज़रायल पर ईरानी मिसाइल हमलों का सिलसिला थमा नहीं है. इस तनाव के बीच अमेरिका के इस अत्यंत संवेदनशील विमान की उड़ान 'अभ्यास' से कहीं ज्यादा' नजर आ रही है. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह उड़ान या तो "शक्ति प्रदर्शन" का संकेत है या फिर युद्ध की पृष्ठभूमि में अमेरिकी कमांड की सक्रियता का सशक्त संदेश.

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