बिकिनी पहनकर विदेशी महिला ने गंगा में लगाई डुबकी, VIDEO वायरल; यूजर्स बोले- औरत करे तो गलत और आदमी करे तो...
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक वीडियो में एक विदेशी महिला बिकिनी पहनकर गंगा नदी में डुबकी लगाती नजर आ रही है. वीडियो में महिला की हिम्मत और खुलापन साफ दिखाई दे रहा है, लेकिन कुछ लोग इसे संस्कृति और नैतिकता के नजरिए से विवादित मान रहे हैं.;
ऋषिकेश में हजारों लोग घूमने और गंगा नदी में डुबकी लगाने जाते हैं, लेकिन अब इस बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक विदेशी महिला गंगा में बिकिनी पहनकर नहाती हुई नजर आ रही है. वीडियो में महिला गंगा किनारे खड़ी दिख रही हैं, गले में फूलों की माला पहने हुए हैं और हाथ जोड़कर प्रार्थना करती दिख रही हैं.
यह क्लिप इंटरनेट पर तेजी से फैल रही है और इसे देखने वाले लोग दो खेमों में बंट गए हैं. कुछ लोग इसे सामान्य मान रहे हैं, वहीं अन्य इसे भारतीय संस्कृति और धार्मिक भावनाओं के प्रति असम्मानजनक बता रहे हैं.
बिकिनी पहनें गंगा में नहाती विदेशी महिला
महिला ने सिर्फ अंडरगारमेंट पहने नजर आ रही है और उसके गले में माला है, जिसे वह डुबकी लगाते हुए गंगा जी में फेंक देती है. इसके बाद वह नदी में नहाने लगती है. यह वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसे देख कुछ लोगों ने महिला का सपोर्ट किया. वहीं, कुछ लोगों ने इसे गलत भी कहा.
सोशल मीडिया रिएक्शन्स
कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने महिला के समर्थन में पोस्ट किया कि उनके इरादे सही थे और उन्होंने किसी का अपमान नहीं किया. एक यूज़र ने लिखा ' महिला के इरादे गलत नहीं थे जब उसने डुबकी लगाई. वहीं, दूसरे ने कमेंट में डबल स्टैंडर्ड की बात उठाते हुए कहा ' आदमी लोग कच्छा पहन कर नहाएं तो डिसरिस्पेक्ट नहीं, लेकिन महिलाएं करें तो विवाद.' वहीं दूसरी ओर, कई लोग इस व्यवहार को भारतीय परंपराओं के खिलाफ बता रहे हैं. उनके अनुसार, यह धार्मिक भावनाओं के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाता है. एक यूज़र ने लिखा,“ये लोग जो सेकुलर दिखना चाहते हैं, वे अपने बेसिक कल्चर रूल्स को सपोर्ट नहीं करते.'
संस्कृति और व्यक्तिगत आज़ादी का टकराव
यह घटना फिर से यह सवाल उठाती है कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सांस्कृतिक सम्मान के बीच संतुलन कैसे रखा जाए. ऋषिकेश जैसी जगह, जो हर साल हजारों विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है, धार्मिक और सांस्कृतिक नजरिए से बहुत संवेदनशील मानी जाती है. गंगा सिर्फ़ एक नदी नहीं है, बल्कि यह भारतीयों के लिए देवी और संस्कृति का प्रतीक है. विदेशी पर्यटक अक्सर स्थानीय परंपराओं से अलग तरीके अपनाते हैं, जिससे विवाद हो सकता है. भारतीयों के लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा है क्योंकि ऐसे काम उनके धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचा सकते हैं.