कुछ देर पहले तो बनी थी मां! लिफ्ट में फंसी गर्दन और बच्चे का हमेशा के लिए छूटा मां का साथ
मेरठ के अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के कुछ देर बाद ही महिला की लिफ्ट में मौत हो गई. घटना के दौरान अस्पताल के कर्मचारी कथित तौर पर मौके से भाग गए और अस्पताल के मालिक, डॉक्टर और कई स्टाफ सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.;
उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. गुरुवार को एक महिला की लिफ्ट में एक घंटे तक फंसने के कारण मौत हो गई. महिला ने कुछ ही मिनट पहले एक बच्चे को जन्म दिया था. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक यह घटना कैपिटल अस्पताल में हुई.
पीड़िता आकांक्षा मावी इस अस्पताल में एडमिट थी. उनकी एक बड़ी और नवजात बेटी हैं. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि घटना के दौरान अस्पताल के कर्मचारी मौके से भाग गए. इस घटना में स्पताल के मालिक, एक डॉक्टर और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
क्या है पूरा मामला?
इस मामले में एसएसपी मेरठ विपिन ताडा के अनुसार टाइम्स ऑफ इंडिया ने आकांक्षा के परिवार के सदस्यों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन डॉक्टरों सहित अस्पताल के कर्मचारी मौके से भाग गए. एसएसपी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि "जब वह ऑपरेशन थियेटर से कमरे में जा रही थी, तभी लिफ्ट में खराबी आ गई. इसके कारण उसकी गर्दन गेट में फंस गई, जिससे फ्रैक्चर हो गया."
गैर इरादतन हत्या के तहत मामला हुआ दर्ज
घटना के दौरान कथित तौर पर लिफ्ट की बेल्ट टूट गई थी. महिला को बचाने में विफल रहने के लिए अस्पताल के मालिक, इलाज करने वाली डॉक्टर कविता और अस्पताल के कर्मचारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. चीफ मेडिकल ऑफिसर अशोक कटारिया ने कहा कि लिफ्ट के मेंटेनेस के रिकॉर्ड का रिव्यू किया जा रहा है.वहीं, लापरवाही का पता चलके पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
रिश्तेदारों ने की तोड़फोड़
इस मामले के एक घंटे बाद पुलिस अस्पताल पहुंची और आकांक्षा का शव बरामद किया. इसके बाद शव को प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. इस दौरान गुस्साए रिश्तेदारों ने अस्पताल की प्रॉपर्टी में तोड़फोड़ की, जबकि अन्य अटेंडेंट ने अफरा-तफरी के बीच 13 मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया. घटना के दौरान अस्पताल के दो कर्मचारी भी लिफ्ट में फंस गए थे, लेकिन उन्हें मामूली चोटें आने के बाद बचा लिया गया. अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.