आंखों में आंसू, हाथों में फूल... तीन दिनों बाद प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा हुई शुरू, भक्तों ने ऐसे किया स्वागत
Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज की हालत पहले से ठीक है. धीरे-धीरे सेहत में सुधार आ रहा है. इसलिए उन्होंने दिन तीनों बाद अपनी पदयात्रा आज निकाली. इस कदम को देखकर उनके भक्तों में प्रसन्नता है जबकि अभी भी उनकी सेहत पर नजर बनी हुई है.;
Premanand Maharaj: वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज लंबे समय से बीमार हैं, उनकी दोनों किडनी ने काम करना बंद कर दिया है. डॉक्टर रोजाना उनका इलाज कर रहे हैं धीरे-धीरे सेहत में सुधार भी आ रहा है. महाराज ने स्वास्थ्य कारणों से अपनी पदयात्रा को बंद कर दिया था, लेकिन अब यह दोबारा शुरू हो गई है.
प्रेमानंद महाराज ने गुरुवार 23 अक्टूबर को सुबह करीब 3-4 के बीच अपनी पदयात्रा निकाली. इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए पहुंचे थे. सभी राधारानी के जयकारे लगा रहे थे और माहौल भक्तिमय हो गया. सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं.
तीन दिनों का इंतजार हुआ खत्म
प्रेमानंद महाराज की हालत पहले से ठीक है. धीरे-धीरे सेहत में सुधार आ रहा है. इसलिए उन्होंने दिन तीनों बाद अपनी पदयात्रा आज निकाली. जब यात्रा बंद थी, तब वे केवल श्री हित राधा केलिकुंज आश्रम के बाहर खड़े रहकर भक्तों को दर्शन देते थे.
उनके इस ठहराव के कारण पदयात्रा मार्ग पर सन्नाटा पसरा हुआ था और भक्तों में उनकी तबीयत को लेकर परेशान थे. क्योंकि बीते दिनों महाराज के हॉस्पिटल में भर्ती वीडियो वायरल हो रहे थे.
डॉक्टर कर रहे महाराज का इलाज
डॉक्टरों ने उनकी हालत को देखते हुए कुछ हेल्थ चेकअप कर रहे हैं, जिसमें सीटी-स्कैन शामिल था. अब उन्होंने थोड़ी राहत पाने के बाद फिर सार्वजनिक पदयात्रा पर कदम रखा है. इस कदम को देखकर उनके अनुयायियों में प्रसन्नता है जबकि अभी भी उनकी सेहत पर नजर बनी हुई है.
भक्तों से की अपील
प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के दौरान मार्ग के दोनों ओर खड़े श्रद्धालुओं ने ‘राधा नाम’ के जयकारे के साथ पुष्प वर्षा करके महाराज का भव्य स्वागत किया. यह दृश्य श्रद्धा से भरा था . वहीं महाराज के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनके साथ चल रहे परिकर ने भक्तों से विनती की कि कृपया फूल सीधे महाराज पर फेंकने के बजाय मार्ग पर बिछा दें. इस सुझाव का सम्मान करते हुए भक्त-जन ने शांति व संयम का परिचय दिया.
महाराज ने सरलता से अभिवादन स्वीकार किया और सभी को प्रेम से आशीर्वाद दिया. लंबे इंतजार के बाद उनके स्वस्थ रूप में पदयात्रा पर निकलने से भक्तों में उत्साह और संतोष की भावना स्पष्ट देखने को मिली है.