UP की मिट्टी ने रचा इतिहास: रंग लाए योगी सरकार के प्रयास, माटीकला मेलों में 4.20 करोड़ की बिक्री; हजारों कारीगर हुए आत्मनिर्भर

उत्तर प्रदेश में माटीकला उद्योग ने नया इतिहास रचा है. वित्त वर्ष 2025-26 में आयोजित माटीकला मेलों में ₹4.20 करोड़ से अधिक की बिक्री हुई, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 27.7% ज्यादा है. सरकार के समर्थन और माटीकला बोर्ड की रणनीति ने कारीगरों को सीधे ग्राहकों से जोड़ा और मिट्टी कला को नई पहचान दी. योगी सरकार का लक्ष्य इस पारंपरिक कला को वैश्विक बाजार तक पहुंचाना है.;

( Image Source:  Sora_ AI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 3 Nov 2025 7:45 PM IST

UP Mati Kala sales record : उत्तर प्रदेश में पारंपरिक माटीकला उद्योग एक नई पहचान और नई उड़ान भर रहा है. योगी आदित्यनाथ सरकार के संरक्षण और माटीकला बोर्ड के प्रयासों का बड़ा परिणाम यह रहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में आयोजित माटीकला मेलों में रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की गई. इस वर्ष कुल ₹4.20 करोड़ से अधिक का व्यवसाय हुआ, जो पिछले वर्ष के ₹3.29 करोड़ की तुलना में लगभग ₹91 लाख अधिक है यानी करीब 27.7% की उल्लेखनीय वृद्धि.

इस उपलब्धि ने न सिर्फ यूपी के कारीगरों को नई उम्मीद दी है, बल्कि यह साबित किया है कि मिट्टी की परंपरा और हुनर को आधुनिक बाजार और नई पहचान मिल रही है.


प्रदेशभर में चली 'मिट्टी की खुशबू'

प्रदेश में 10 दिवसीय माटीकला महोत्सव, 7 दिवसीय क्षेत्रीय मेले और 3 दिवसीय लघु माटीकला मेले आयोजित किए गए। कुल 691 स्टॉल लगाए गए जिन पर खरीदारों की भीड़ उमड़ी.

  • लखनऊ माटीकला उत्सव (10 दिन): ₹1,22,41,700 (10 से 19 अक्टूबर 2025 तक)
  • गोरखपुर, आगरा, मुरादाबाद, कानपुर देहात (7 दिन): ₹78,84,410 ( 13 से 19 अक्टूबर तक)
  • 70 जिलों के लघु मेले (3 दिन): ₹2,19,20,212 (17 से 19 अक्टूबर तक)

कम स्टॉल होने के बावजूद बिक्री में बढ़ोतरी दर्शाती है कि यूपी के माटीकला उत्पादों ने अब मजबूत मार्केट वैल्यू बना ली है.


कारीगरों का आत्मविश्वास बढ़ा

माटीकला बोर्ड ने प्रदर्शनी प्रबंधन, उत्पादों की गुणवत्ता और विपणन सहयोग को मजबूत कर कारीगरों को सीधे ग्राहक से जोड़ा. इसका परिणाम हुआ आय में वृद्धि, ब्रांड पहचान और मांग में तेजी से बढ़ोतरी. बोर्ड का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में डिज़ाइन डेवलपमेंट, प्रशिक्षण, ब्रांडिंग और उपभोक्ता आधारित प्रोग्राम के ज़रिए हजारों कारीगरों को स्थायी आर्थिक सशक्तिकरण दिया जाए.


योगी सरकार का समर्थन: मिट्टी से नवाचार तक

पारंपरिक कला को संरक्षण देने के लिए योगी सरकार ने माटीकला बोर्ड की स्थापना की थी. कारीगरों के लिए गांव के तालाबों से मिट्टी मुफ्त उपलब्ध कराना. तकनीकी प्रशिक्षण देना, आधुनिक विपणन, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म से जोड़ने की योजना जैसे कदम उठाए गए हैं. इन कदमों ने हजारों परिवारों को स्थिर आय और आत्मनिर्भरता दी है.

सरकार का संकल्प

माटीकला बोर्ड के महाप्रबंधक ने कहा कि आने वाले वर्षों में मेलों का दायरा और बढ़ाया जाएगा. लक्ष्य है कि यूपी की माटीकला दुनिया भर के बाजारों तक पहुंचे और 'मेड इन यूपी' मिट्टी की खुशबू वैश्विक चमक बने.

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