भूपेंद्र चौधरी की जगह कौन?:नए अध्यक्ष के लिए ब्राह्मण, पिछड़ा और दलित पर दांव; संघ और संगठन की पसंद टकराई
उत्तर प्रदेश में भाजपा ने नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर छह नामों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेजी है, जिनमें ब्राह्मण, पिछड़ा और दलित वर्ग से दो-दो नेता शामिल हैं. 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह नियुक्ति भाजपा के लिए रणनीतिक रूप से अहम मानी जा रही है. वर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की जगह नया चेहरा लाने की तैयारी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, जल्द ही नाम की घोषणा संभव है.;
UP BJP Chief 2025: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन तेज़ हो गया है. राज्य इकाई ने छह संभावित नामों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी है, जिसमें दो ब्राह्मण, दो पिछड़े वर्ग और दो दलित समुदाय से आने वाले नेता शामिल हैं। ये सभी पुरुष उम्मीदवार हैं.
देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 2027 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, और भाजपा इस बार अपने लोकसभा में आए झटके से उबरने और तीसरी बार लगातार लखनऊ की सत्ता में वापसी की तैयारी में जुटी है. प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को भाजपा के रणनीतिक निर्णयों में से एक माना जा रहा है.
भूपेंद्र चौधरी की जगह चुना जाएगा नया अध्यक्ष
फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे भूपेंद्र सिंह चौधरी, जो पश्चिमी यूपी के जाट समुदाय से आते हैं, की जगह नया चेहरा लाया जाएगा. पार्टी अब तक देशभर की 37 में से 25 से अधिक राज्य इकाइयों में नए अध्यक्ष नियुक्त कर चुकी है और अब उत्तर प्रदेश के साथ-साथ नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा की भी तैयारी चल रही है.
कौन से 6 उम्मीदवार प्रदेश अध्यक्ष बनने की रेस में हैं शामिल
- प्रदेश अध्यक्ष के लिए जो छह नाम सामने आए हैं, उनमें ब्राह्मण समुदाय से पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी, पिछड़ा वर्ग से राज्य मंत्री धर्मपाल सिंह और केंद्रीय राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा, जबकि दलित समुदाय से पूर्व केंद्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया और विधान परिषद सदस्य विद्यासागर सोनकर शामिल हैं.
- दिनेश शर्मा को उनकी साफ-सुथरी छवि और शैक्षणिक पृष्ठभूमि के चलते संघ और शीर्ष नेतृत्व का भरोसा प्राप्त है. वहीं, हरीश द्विवेदी युवा और संसदीय अनुभव के साथ पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं.
- धर्मपाल सिंह और बीएल वर्मा, दोनों लोधी समुदाय से हैं और संगठन में अपनी पकड़ के लिए जाने जाते हैं.
- बीएल वर्मा की संघ से नजदीकी भी उन्हें प्रमुख दावेदार बनाती है.
- दलित नेताओं में राम शंकर कठेरिया की पहचान एक मुखर हिंदुत्ववादी और दलित नेता के रूप में है, जबकि विद्यासागर सोनकर एक शांत लेकिन समर्पित संगठन कार्यकर्ता माने जाते हैं, जिनका प्रभाव पूर्वांचल में है.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, “हमने केंद्रीय नेतृत्व को उपयुक्त नाम सुझा दिए हैं. नेतृत्व सक्रिय रूप से इन पर विचार कर रहा है. अगले दो हफ्तों के भीतर या उससे पहले ही घोषणा हो सकती है.” वर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी कहा, “हमने केंद्रीय नेतृत्व को अपनी राय से अवगत करा दिया है. अब फैसला उनके हाथ में है. उम्मीद है जल्द ही नया नाम सामने आ जाएगा.”