मुख्तार का करीबी और डी 68 गैंग का लीडर था सिराज, पीटर पर था 18 बकरे चोरी करने का आरोप; दोनों एनकाउंटर में ढेर
उत्तर प्रदेश में अपराध के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन क्लीन के तहत यूपी पुलिस और STF ने बड़ी कार्रवाई की है. 20–21 दिसंबर की दरमियानी रात महज 5 घंटे के भीतर दो अलग-अलग जिलों में दो कुख्यात इनामी बदमाशों का एनकाउंटर हुआ. बुलंदशहर में 50 हजार के इनामी लुटेरे जुबैर उर्फ पीटर को ढेर किया गया, जबकि सहारनपुर में STF ने 1 लाख के इनामी शूटर सिराज अहमद को मार गिराया. दोनों बदमाशों पर दर्जनों संगीन मुकदमे थे. इन एनकाउंटरों ने प्रदेश में अपराधियों के मन में खौफ पैदा कर दिया है.;
उत्तर प्रदेश में अपराध के खिलाफ चल रहा “ऑपरेशन क्लीन” एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया, जब 20 और 21 दिसंबर की दरमियानी रात पुलिस और UP STF ने दो अलग-अलग जिलों में हुई मुठभेड़ों में दो कुख्यात इनामी बदमाशों को ढेर कर दिया. यह कार्रवाई केवल एनकाउंटर नहीं थी, बल्कि अपराध की उस जड़ पर सीधा वार था, जिसने लंबे समय से प्रदेश की कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रखी थी.
महज पांच घंटे के भीतर हुए इन दो एनकाउंटरों ने साफ कर दिया कि अब अपराधियों के लिए यूपी में कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं बचा है. एक तरफ बुलंदशहर में 50 हजार का इनामी लुटेरा जुबैर उर्फ पीटर मारा गया, तो दूसरी ओर सहारनपुर में एक लाख का इनामी शूटर सिराज अहमद पुलिस की गोली का शिकार हुआ. यह प्रदेश में बीते 85 दिनों में 14वां एनकाउंटर था, जिसने अपराध जगत में दहशत फैला दी.
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बुलंदशहर में पहला एनकाउंटर
पहला एनकाउंटर रविवार तड़के करीब 3 बजे Bulandshahr में हुआ. कोतवाली देहात और गुलावठी पुलिस चेकिंग कर रही थी, तभी बिना नंबर की बाइक पर सवार एक संदिग्ध को रोका गया. खुद को घिरता देख बदमाश जुबैर उर्फ पीटर ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में वह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हुआ और अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया. इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ.
जुबैर उर्फ पीटर की क्राइम कुंडली
जुबैर उर्फ पीटर कोई छोटा-मोटा अपराधी नहीं था. उसके खिलाफ मेरठ, हापुड़, बिजनौर, गाजियाबाद, दिल्ली और हल्द्वानी समेत कई जिलों में लूट, डकैती, चोरी और गैंगस्टर एक्ट के करीब 47 मुकदमे दर्ज थे. हाल ही में उसने बुलंदशहर में लूट की वारदात और गुलावठी क्षेत्र में बकरा फार्म से 18 बकरे चोरी की थी. इन्हीं मामलों में उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था.
पीटर के नेटवर्क और अपराध का तरीका
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक जुबैर संगठित गिरोह के साथ काम करता था. उसका तरीका था रात के समय वारदात करना, फिर जिलों की सीमा बदलकर पुलिस से बच निकलना. वह मोबाइल फोन और नकदी लूट से लेकर पशु चोरी जैसे अपराधों में सक्रिय था. उसके पास से एक 315 बोर का तमंचा और बिना नंबर की HF डीलक्स बाइक बरामद हुई, जो उसकी पेशेवर आपराधिक मानसिकता को दर्शाती है.
सहारनपुर में दूसरा और बड़ा एनकाउंटर
दूसरा एनकाउंटर सुबह करीब 8 बजे Saharanpur के गंगोह थाना क्षेत्र में हुआ. यहां UP STF को सूचना मिली थी कि एक लाख का इनामी बदमाश सिराज अहमद किसी बड़ी वारदात की फिराक में इलाके में छिपा है. घेराबंदी के दौरान सिराज ने STF टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी फायरिंग में वह गंभीर रूप से घायल हुआ और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई.
कौन था सिराज अहमद?
सिराज अहमद सुल्तानपुर का रहने वाला था और लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था. वह एक चर्चित हत्या कांड के बाद फरार चल रहा था. उस पर हत्या, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर और NSA समेत 30 से ज्यादा संगीन मुकदमे दर्ज थे. उसकी गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था.
मुख्तार अंसारी का करीबी और D-68 गैंग का सरगना
सिराज अहमद को कुख्यात माफिया Mukhtar Ansari का करीबी माना जाता था. वह D-68 गैंग का लीडर था और कई जिलों में उसका नेटवर्क फैला हुआ था. पुलिस और प्रशासन पहले ही उसकी करोड़ों की संपत्ति, महंगी गाड़ियां और अवैध ठिकानों को कुर्क कर चुका था, जिससे उसके गैंग में खलबली मच गई थी.
सिराज के पास से क्या-क्या बरामद हुआ?
एनकाउंटर के बाद STF ने सिराज के पास से दो पिस्टल (30 बोर और 32 बोर), भारी मात्रा में कारतूस, एक मोटरसाइकिल, चार मोबाइल फोन, दो वाई-फाई डोंगल और अहम दस्तावेज बरामद किए. यह बरामदगी बताती है कि वह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पुलिस से बचने और नेटवर्क चलाने में माहिर था.
दो एनकाउंटर, एक साफ संदेश
बुलंदशहर और सहारनपुर के इन एनकाउंटरों ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों के लिए अब “भागने का रास्ता” बंद हो चुका है. चाहे वह 47 मुकदमों वाला जुबैर उर्फ पीटर हो या माफिया नेटवर्क से जुड़ा सिराज अहमद कानून के हाथ लंबे हैं. ऑपरेशन क्लीन के तहत की गई यह कार्रवाई न सिर्फ अपराधियों के लिए चेतावनी है, बल्कि आम जनता के लिए यह भरोसे का संकेत भी कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था से कोई खिलवाड़ नहीं चलेगा.