6 दिन तक कमरे में सड़ती रही लाश, ऊपर रह रहे बड़े भाई को भनक तक नहीं; बदबू ने खोला खौफनाक राज
किशन मोहन और अच्युत शुक्ला के माता-पिता गणेश प्रसाद शुक्ला और शैव्या शुक्ला का कई साल पहले ही निधन हो चुका है. इसके बाद से दोनों भाई उसी दो मंजिला मकान में रह रहे थे. छोटा भाई किशन मानसिक रूप से अस्वस्थ था.;
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक ही घर में दो सगे भाई रहते थे, लेकिन बड़ा भाई इस बात से अनजान रहा कि उसका छोटा भाई कई दिनों पहले ही मर चुका है. छोटे भाई की लाश कमरे में 5 से 6 दिन तक पड़ी रही और सड़ती रही, लेकिन ऊपर की मंजिल पर रह रहे बड़े भाई को इसकी खबर तक नहीं हुई. यह घटना रायपुरवा थाना क्षेत्र की है. जानकारी के मुताबिक, घर में नीचे के हिस्से में 49 साल के किशन मोहन शुक्ला रहते थे.
वे अविवाहित थे और मजदूरी करके जीवन-यापन करते थे. मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण ज्यादातर समय अकेले ही अपने कमरे में रहते थे. वहीं, घर की ऊपरी मंजिल पर उनका बड़ा भाई अच्युत शुक्ला और भतीजा सोनू रहते हैं. गुरुवार की शाम अचानक नीचे के कमरे से तेज दुर्गंध आने लगी. घर में किराए पर रह रहे लोगों को अनहोनी का शक हुआ. जब उन्होंने दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने बड़े भाई अच्युत शुक्ला और पुलिस को इसकी जानकारी दी.
पुलिस ने दरवाजा तोड़ा
सूचना मिलने पर रायपुरवा थाना पुलिस मौके पर पहुंची, दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर का नजारा देखकर सब दंग रह गए. किशन मोहन शुक्ला का शव फर्श पर पड़ा हुआ था और शरीर बुरी तरह से सड़ चुका था. अंदाजा लगाया जा रहा है कि मौत को कम से कम 5 से 6 दिन बीत चुके थे. पुलिस ने तुरंत फॉरेंसिक टीम को बुलाया और कमरे की जांच करवाई. थाना प्रभारी ने बताया कि मौत का कारण अभी साफ नहीं है, इसलिए विसरा सुरक्षित कर लिया गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
बहन का आरोप
शुक्रवार को किशन की बड़ी बहन ऊषा पोस्टमार्टम हाउस पहुंची. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अपने भाई की मौत की जानकारी तक नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि 5-6 दिनों तक भाई नजर नहीं आए, फिर भी बड़े भाई अच्युत और भतीजे सोनू ने उनकी कोई खबर नहीं ली. ऊषा ने यह भी गंभीर आरोप लगाया कि यह मकान उनकी मां शैव्या शुक्ला के नाम पर था, जिसे अब चोरी-छिपे बेच दिया गया है. उनका कहना है कि परिवार के लोग उन्हें लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं और भाई किशन की सुध तक नहीं ली.
परिवार की पृष्ठभूमि
जानकारी के मुताबिक, किशन मोहन और अच्युत शुक्ला के माता-पिता गणेश प्रसाद शुक्ला और शैव्या शुक्ला का कई साल पहले ही निधन हो चुका है. इसके बाद से दोनों भाई उसी दो मंजिला मकान में रह रहे थे. छोटा भाई किशन मानसिक रूप से अस्वस्थ था और ज्यादातर समय अकेले ही नीचे के कमरे में रहता था. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर किराएदार दुर्गंध की सूचना न देते, तो शायद और कई दिन तक किसी को इस मौत का पता न चलता. वहीं, पड़ोसियों ने भी बड़े भाई अच्युत पर सवाल उठाए कि आखिर इतने दिन तक उन्होंने छोटे भाई की कोई सुध क्यों नहीं ली.