सालियों पर भारी पड़ा जीजा का मज़ाक, दुल्हन ने शादी से किया इनकार; कहा- पागल है दूल्हा

बारातियों का स्वागत शानदार तरीके से किया गया, सब कुछ सामान्य था और माहौल में उत्साह था. दूल्हा जैसे ही वरमाला के लिए स्टेज पर पहुंचा, वैसे ही दुल्हन की सहेलियों ने दूल्हे से हंसी मजाक शुरू कर दिया.;

Edited By :  रूपाली राय
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शादी-विवाह का माहौल अक्सर खुशियों, रीतियों और रस्मों से भरा होता है. इन रस्मों में मजाक-मस्ती और हंसी-ठिठोली भी एक अहम हिस्सा होती हैं, खासकर जीजा और साली के बीच की. उत्तर भारत की शादियों में 'जूता छुपाई' जैसी रस्मों के दौरान हल्के-फुल्के मजाक को आम बात माना जाता है. लेकिन कभी-कभी यही मजाक एक गंभीर विवाद का रूप ले सकता है और ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से सामने आया है, जहां एक शादी सिर्फ मजाक में बताई गई एक गलत जन्मतिथि की वजह से टूट गई.

घटना प्रयागराज के मेजा इलाके के अकबर शाहपुर गांव की है, जहां रामसागर कुशवाहा की बेटी पिंकी की शादी का कार्यक्रम चल रहा था. दूल्हा बारात लेकर धूमधाम से पहुंचा. बारातियों का स्वागत शानदार तरीके से किया गया, सब कुछ सामान्य था और माहौल में उत्साह था. दूल्हा जैसे ही वरमाला के लिए स्टेज पर पहुंचा, वैसे ही दुल्हन की सहेलियों ने दूल्हे से हंसी मजाक शुरू कर दिया. उन्होंने दूल्हे से मजाक-मजाक में उसकी जन्मतिथि पूछी. इस पर दूल्हे ने बिना सोचे-समझे जवाब दे दिया – '2025'. यह सुनते ही दुल्हन चौंक गई और पूरी तरह नाराज हो गई.

जिद पर अड़ी रही दुल्हन

शुरुआत में लोगों ने सोचा कि ये भी किसी मजाक का हिस्सा होगा, लेकिन दुल्हन ने वरमाला डालने से साफ इंकार कर दिया. दुल्हन की नाराजगी इतनी बढ़ गई कि बार-बार समझाने पर भी वह अपने फैसले से पीछे नहीं हटी. दुल्हन को कई बार समझाने की कोशिश की गई लेकिन वह शादी न करने की जिद पर अड़ी रही.

दहेज के आरोप

इस घटना ने शादी के माहौल को पूरी तरह बदल दिया. दुल्हन के भाई और परिवारवालों का कहना था कि दूल्हे ने न सिर्फ शादी को मजाक समझा, बल्कि दूल्हे के पिता की ओर से दहेज की लगातार मांगें भी की जा रही थीं. दुल्हन के भाई ने बताया कि वह सात भाइयों में अकेली बहन है, और उसकी शादी के लिए परिवार ने दिल खोलकर खर्च किया – बाइक से लेकर 11 लाख रुपये तक की व्यवस्था की गई थी. मगर जब उन्हें लगा कि दूल्हा मानसिक रूप से अस्थिर है, उसे मोबाइल चलाना तक नहीं आता, बाइक भी नहीं चला पाता, और सही जन्मतिथि तक नहीं बता सका, तो उन्होंने अपनी बहन की जिंदगी से समझौता न करने का फैसला लिया.

दोनों परिवारों में तनातनी

दूल्हा पक्ष ने इन आरोपों का खंडन किया और सफाई दी कि दूल्हे ने सिर्फ मजाक में 2025 कहा था, और उसका कोई गलत मतलब नहीं था. उन्होंने यह भी दावा किया कि शादी को तोड़ना एक अत्यधिक प्रतिक्रिया थी, और यह मामला केवल गलतफहमी का शिकार हो गया. बावजूद इसके, दुल्हन पक्ष अपनी बात पर अडिग रहा और किसी भी तरह से शादी के लिए राज़ी नहीं हुआ. काफी मान-मनौव्वल, रिश्तेदारों द्वारा समझाने-बुझाने की कोशिशों के बावजूद भी बात नहीं बनी. अंत में दूल्हा और बाराती मायूस होकर बिना दुल्हन के ही लौट गए. 

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