संभल हिंसा की ईंटों से बन रही पुलिस चौकी, 6 ट्रॉली इकट्ठा कर खींच दी सुरक्षा की लकीर
विवादित ढांचे के सर्वे को लेकर संभल में हुई हिंसा के बाद उपद्रवियों द्वारा फेंकी गई ईंटों को पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के लिए उपयोग किया. इन ईंटों से दीपासराय और हिंदू खेड़ा में पुलिस चौकियां बनाई जा रही है. यह कदम हिंसा की नकारात्मकता को सकारात्मक दिशा में बदलने का प्रतीक है.;
उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया था. विवादित ढांचे के सर्वे को लेकर उपद्रवियों ने पुलिस और प्रशासन पर जमकर पथराव किया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 29 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. लेकिन समय के साथ, इस हिंसा की निशानियां अब सुरक्षा के नए प्रतीक में बदल रही है. पुलिस प्रशासन ने उपद्रवियों द्वारा फेंकी गई ईंटों को इकट्ठा कर उनका उपयोग नई पुलिस चौकियां बनाने में करने का निर्णय लिया है.
हिंसा के तुरंत बाद, पुलिस ने इलाके से छह ट्रॉली ईंटें इकट्ठा कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखवा दिया. संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के अनुसार, जिले में कुल 38 स्थानों पर पुलिस चौकियां स्थापित की जा रही हैं, जिनमें से कुछ स्थाई हैं और कुछ अस्थायी. इन चौकियों के निर्माण की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है. कई स्थानों पर खुदाई का काम पूरा हो चुका है, जबकि कुछ जगहों पर निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.
बनाई जा रही चौकियां
हिंसा के बाद प्रशासन ने फेंकी गई ईंटों और पत्थरों को नगर पालिका के यार्ड में इकट्ठा कर लिया था. जब पुलिस चौकियों के निर्माण का फैसला लिया गया, तो इन्हीं ईंटों का इस्तेमाल दो महत्वपूर्ण चौकियों दीपासराय और हिंदू खेड़ा पुलिस चौकी के निर्माण में किया जाने लगा. यह कदम न केवल संसाधनों के उचित उपयोग का उदाहरण है, बल्कि एक संदेश भी है कि हिंसा से उपजी चीजों को भी सुरक्षा और व्यवस्था के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
हिंसा नहीं है समस्या का समाधान
इस पहल के जरिए प्रशासन एक स्पष्ट संदेश देना चाहता है कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं होती. जो ईंटें और पत्थर कानून को तोड़ने के लिए इस्तेमाल किए गए थे, अब वे कानून की रक्षा के लिए उपयोग किए जा रहे हैं. यह निर्णय न केवल प्रशासन की दूरदर्शिता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि न्याय और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए संसाधनों का सही दिशा में उपयोग कितना जरूरी है.