अब आईना देखने से डरेगी वैष्णवी... कानपुर में आवारा कुत्तों ने बीबीए छात्रा का नोच डाला चेहरा, लगे 17 टांके
कानपुर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश वाले दिन ही आवारा कुत्तों ने 21 वर्षीय बीबीए छात्रा पर हमला कर दिया. मधुवन पार्क के पास तीन कुत्तों ने छात्रा को जमीन पर गिराकर चेहरा और नाक नोच डाले. उसका गाल दो हिस्सों में बंट गया और डॉक्टरों ने 17 टांके लगाए. घटना से इलाके में दहशत फैल गई और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगे.;
कानपुर में आवारा कुत्तों का आतंक एक बार फिर डरावना रूप लेकर सामने आया है. जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में आवारा कुत्तों के आदेश में संशोधन कर शेल्टर होम से छोड़ने का आदेश दिया, उसी शाम श्याम नगर की 21 वर्षीय बीबीए छात्रा वैष्णवी साहू पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया. तीन कुत्तों ने मिलकर छात्रा का चेहरा नोच डाला. उसका गाल दो हिस्सों में फट गया और नाक से भी मांस निकल गया. डॉक्टरों ने उसे बचाने के लिए चेहरे और नाक पर 17 टांके लगाए.
यह दर्दनाक घटना श्याम नगर के मधुवन पार्क के पास हुई. वहां बंदरों और कुत्तों का झुंड आपस में लड़ रहा था. छात्रा जैसे ही वहां से गुज़री, अचानक तीन कुत्तों ने उसे घेर लिया और जमीन पर गिरा दिया. फिर उसके चेहरे पर झपट पड़े. हमला इतना भयानक था कि उसका दाहिना गाल चीर गया और खून बहने लगा.
स्थानीय लोगों की बहादुरी से बची जान
छात्रा की चीखें सुनकर आसपास के लोग लाठी-डंडे लेकर दौड़े और कुत्तों को पीटकर भगाया. खून से लथपथ हालत में छात्रा को तुरंत कांशीराम अस्पताल ले जाया गया. वहां से हालत गंभीर होने के कारण उसे एलएलआर अस्पताल रेफर किया गया. फिलहाल उसका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसे फिलहाल केवल लिक्विड डाइट दी जा रही है क्योंकि वह ठीक से खा और बोल नहीं पा रही है.
परिवार का दर्द- 'बच्ची आईना देखने से डर रही है'
छात्रा के चाचा आशुतोष साहू ने कहा कि उनके दिवंगत भाई की बेटी इस हमले से मानसिक रूप से टूट गई है. उसके चेहरे पर इतने गहरे घाव हैं कि वह आईना देखने से भी डरती है. लगातार रो रही है और आत्मविश्वास खो बैठी है. परिवार ने प्रशासन से मांग की है कि सड़कों पर घूमते इन खतरनाक जानवरों पर तत्काल कार्रवाई की जाए ताकि किसी और के साथ ऐसा हादसा न हो.
इलाके में दहशत और प्रशासन पर सवाल
इस घटना के बाद से श्याम नगर और आसपास के मोहल्लों में दहशत का माहौल है. लोग बच्चों को अकेले बाहर भेजने से बच रहे हैं. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पहले भी आवारा कुत्तों के हमले हो चुके हैं लेकिन नगर निगम और प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी हालात नहीं बदलते तो आम लोगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठते हैं.
लोगों की मांग– तुरंत उठाए जाएं ठोस कदम
इलाके के लोगों ने जोर देकर कहा कि आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़कर शहर से बाहर शिफ्ट किया जाए या फिर शेल्टर होम में रखा जाए. लोगों ने यह भी कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों पर लापरवाही का मामला दर्ज होना चाहिए. निवासियों का कहना है कि जब तक प्रशासन सख्त कदम नहीं उठाएगा, तब तक कानपुर जैसे शहरों में यह खतरा टलने वाला नहीं है.